दुनिया का सबसे बड़ा शिप मिशन
130 मीटर ऊंचे और 24,000 टन भारी ऑयल प्लेटफॉर्म को समंदर के बीच कैसे पहुंचाया जाता है? चलिए जानते हैं.
डबल हॉल शिप
ताकत और क्षमता के लिहाज से पायनियरिंग स्पिरिट दुनिया का सबसे बड़ा जहाज है. इसे खास तौर पर ऑयल प्लेटफॉर्म की ढुलाई के लिए ही बनाया गया है. पायनियरिंग स्पिरिट को दक्षिण कोरियाई कंपनी देवू ने बनाया. इसे बनाने में चार साल का समय और 3 अरब डॉलर का खर्च आया.
जबरदस्त डिजायन
पायनियरिंग स्पिरिट की लंबाई 382 मीटर और चौड़ाई 124 मीटर है. जहाज में डबल बॉडी लगी है, जो विशाल और भारी ढांचों को बीच में संतुलित करती है.
बड़ा मिशन
हाल ही में पायनियरिंग स्पिरिट ने नॉर्वे में एक बड़े मिशन को अंजाम दिया. जहाज ने ब्रेंट डेल्टा नाम के ऑयल प्लेटफॉर्म को समुद्र से निकाल कर जमीन पर पहुंचाया. 1982 में स्थापित किया गया यह ऑयल प्लेटफॉर्म दिसंबर 2011 में रिटायर हो गया.
पहला मौका
पर्यावरण को नुकसान न पहुंचे, इसीलिए पूरे प्लेटफॉर्म को एक साथ समुद्र से निकालने का फैसला किया गया. सबसे बड़ी समस्या ट्रांसपोर्ट की थी, जिसे पायनियरिंग स्पिरिट ने हल कर दिया.
वर्ल्ड रिकॉर्ड
48,000 टन भारी समान की ढुलाई करने में सक्षम पायनियरिंग स्पिरिट ने सबसे पहले ऑयल प्लेटफॉर्म को तीन स्तंभों से ऊपर उठाया. और ऐसा कारनामा 10 सेकेंड की भीतर कर दिया गया.
लोहे की रिसाइक्लिंग
इसके बाद प्लेटफॉर्म को यूके के सीटन बंदरगाह पर लाया गया. प्लेटफॉर्म को पोर्ट तक सुरक्षित पहुंचाने में करीब चार महीने लगे. शेल कंपनी के मुताबिक प्लेटफॉर्म के 97 फीसदी मैटीरियल की रिसाइक्लिंग की जाएगी.
अगला मिशन
ब्रेंट डेल्टा को उसकी मंजिल तक पहुंचाने के बाद पायनियरिंग स्पिरिट तीन ऑयल प्लेटफॉर्म्स को समुद्र में लगाने के काम में जुट जाएगा. इस खास जहाज का शेड्यूल सन 2020 तक व्यस्त है.