यौन शोषण की शिकायत करने पर जिंदा जलाया
१९ अप्रैल २०१९19 साल की नुसरत जहां राफी को मदरसे की छत पर बुलाया गया. छत पर राफी को मदरसे के प्रिंसिपल के खिलाफ शिकायत वापस लेने को कहा गया. राफी ने इनकार कर दिया. इसके बाद हमलावरों ने उस पर मिट्टी का तेल उड़ेला और आग लगा दी.
मौत से पहले नुसरत ने एंबुलेंस में अपने मोबाइल फोन पर बयान दर्ज करते हुए कहा, "टीचर ने मुझे छुआ. मैं इस अपराध के खिलाफ अपनी आखिरी सांस तक लडूंगी." नुसरत के मुताबिक हमलावर मदरसे के छात्र थे.
वारदात छह अप्रैल को बांग्लादेश के फेनी इलाके में हुई. 80 फीसदी जल चुकी नुसरत को इलाज के लिए ढाका मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां 10 अप्रैल को उसकी मौत हो गई.
मामले की जांच कर रहे सीनियर पुलिस सुपरिटेंडेंट मोहम्मद इकबाल ने बताया, टीचर ने "कहा कि राफी पर केस वापस लेने के लिए दबाव डालो, अगर वह न माने तो उसे मार दो." राफी की हत्या के तीन आरोपी उसकी क्लास में पढ़ते हैं. पुलिस के मुताबिक तीन सहपाठियों समेत पांच लोगों ने छत पर स्कार्फ से राफी के हाथ पैर बांधे और आग लगा दी.
जांच अधिकारी इकबाल के मुताबिक, "योजना इसे आत्महत्या की तरह दिखाने की थी. लेकिन ऐसा नहीं हो सका. राफी के हाथ और पैर बांधने वाला स्कार्फ जल गया और वह सीढ़ियां उतर कर नीचे आने में सफल रही."
आरोपी प्रिंसिपल मौलाना शिराज-उद-दौला समेत अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है. प्रिंसिपल की गिरफ्तारी के बाद नुसरत के परिवार को जान से मारने की धमकियां भी दी गईं. ये धमकियां मौलवी को रिहा करने की मांग कर रहे समर्थकों, स्थानीय नेताओं और मदरसे के लड़कों ने दीं.
रिपोर्टों के मुताबिक राफी ने 27 मार्च को शिकायत करते हुए कहा था कि प्रिंसिपल ने उसे अपने ऑफिस में बुलाया और गलत तरीके से छुआ. शिकायत में यह भी कहा गया कि प्रिंसिपल मौलाना शिराज-उद-दौला ने बार बार यौन शोषण किया. बाकी टीचरों ने राफी को चुप्पी साधने के लिए कहा.
पुलिस के पास राफी के बयान के रूप में वीडियो मौजूद है. एक पुलिस अधिकारी ने गैरकानूनी तरीके से बयान को सोशल मीडिया पर पोस्ट कर दिया. वीडियो में राफी बिलखते हुए अपना चेहरा छुपाने की कोशिश कर रही है. बांग्लादेश के अखबार ढाका ट्रिब्यून के मुताबिक इस दौरान पुलिस अधिकारी कह रहा है कि, यह कोई बड़ी बात नहीं है, "रोना बंद करो, ऐसा कुछ नहीं हुआ है जिसके लिए तुम्हें रोना पड़े."
राफी की मौत के बाद बांग्लादेश में प्रदर्शन हो रहे हैं. सड़कों और सोशल मीडिया पर प्रदर्शनकारी यौन शोषण के पीड़ितों के प्रति होने वाले व्यवहार से नाराज हैं. प्रधानमंत्री शेख हसीना ने वादा करते हुए कहा है कि, "किसी भी दोषी को कानूनी कार्रवाई से बख्शा नहीं जाएगा."
बांग्लादेश के मीडिया के मुताबिक सोशल मीडिया पर राफी का वीडियो जारी करने वाले पुलिस अधिकारी पर डिजिटल सिक्योरिटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है.
(महिलाओं के लिए सबसे खतरनाक महानगर)
ओएसजे/एनआर (एएफपी)