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रक्षा बजट में इज़ाफ़ा, बदलेगी देश की रक्षा तस्वीर

६ जुलाई २००९

वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने देश के रक्षा बजट में भारी बढ़ोतरी का एलान किया है. पिछले साल के मुक़ाबले 34 फ़ीसदी बढ़ोतरी के साथ रक्षा खाते में अब क़रीब 141 अरब रुपये आ गए हैं.

स्पेशल कमांडो ट्रेनिंग में होगा और ख़र्चतस्वीर: AP

मोटे तौर पर अंतरिम बजट में भी यही राशि रखी गयी थी. लेकिन इस वृद्धि के बावजूद भारत का रक्षा बजट उसके सकल घरेलू उत्पाद यानी जीडीपी का क़रीब दो फ़ीसदी ही है. अपने प्रमुख पडो़सियों चीन औऱ पाकिस्तान से बहुत कम. चीन का सात फ़ीसदी और पाकिस्तान का पांच फ़ीसदी बजट रक्षा खर्च में जाता है.

प्रणब मुखर्जी के मुताबिक अत्याधुनिक रक्षा उपकरण ख़रीदे जाएंगें और रक्षा ढांचे में आमूलचूल बदलाव किया जाएगा. तटीय कमान का गठन किया जाएगा. और समुद्री क्षेत्र की समस्त सुरक्षा की ज़िम्मेदारी नौ सेना के हवाले कर दी जाएगी. इसके अलावा समुद्री कामकाज से जुड़े सभी विभागों का समन्वय किया जाएगा. मुंबंई हमलों की रोशनी में रक्षा बजट में हुई इस बढ़ोतरी की ख़ासी अहमियत देखी जा रही है. रक्षा संगठनों ने ख़रीदे जाने वाले उपकरणों की एक लंबी सूची तैयार की है. इनका इस्तेमाल स्पेशल कमांडो दस्ते करेंगे. तट रक्षक दल ने देश की 7,417 किलोमीटर लंबी तटीय रेखा की सुरक्षा के लिए तेज़ गश्ती वाहनों की मांग भी की है. गश्त के लिए आधुनिक हेलीकॉप्टरों की मांग भी की गयी है.

मुंबई हमलों के बाद बढ़ी चिंताएंतस्वीर: picture-alliance/dpa

रक्षा बजट के गैर योजना व्यय में राजस्व खर्च के 86,879 करोड़ रुपए भी शामिल हैं. पिछले साल के मुकाबले इसमें 13 करोड़ से ज़्यादा की बढ़ोतरी की गयी है.

कुल रक्षा बजट का 95 फ़ीसदी थल सेना, नौ सेना, वायु सेना और तट रक्षक दल की ज़रूरतों को जाएगा और बाकी पांच प़सीद का इस्तेमाल रिसर्च और उत्पादन कार्यों के लिए होगा.

2009-10 के लिए कुल बजटीय बंटवारे में तीनों सेनाओं को 58,648 करोड़ रुपए मिलेंगे, नौ सेना को 8,322 करोड़ रुपये, वायु सेना के लिए 14,318 करोड़, ऑर्डनेंस यानी आयुध फैक्ट्रियों के लिए 833 करोड़ और 4,458 करोड़ रुपये रिसर्च और डेवलेपमेंट के लिए दिए गए हैं.

पिछले साल गठित सशस्त्र सेना पंचाट को अपने खर्चों के लिए 53.41 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं.


रिपोर्ट- एजेंसियां, एस जोशी

संपादन- ए जमाल


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