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"रन नहीं बनते, तो हट जाएं सचिन"

२३ फ़रवरी २०१२

अपने क्रिकेट करियर के बारे में सचिन तेंदुलकर अब तक खुद फैसला करते आए हैं लेकिन अब दूसरे उनके लिए फैसले करने लगे हैं. पोंटिंग के संन्यास के बाद दिग्गज क्रिकेटर और आम आदमी चाहता है कि नाकाम चल रहे सचिन अब बस करें.

नहीं चल रहा बल्लातस्वीर: AP

निन्यानबे का ऐसा फेर शायद ही किसी क्रिकेटर ने देखा हो. अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में सैकड़ा जमाने के लिए एक अदद शतक के लिए तरह रहे सचिन तेंदुलकर वनडे मैचों में फेल हो गए हैं और एक के बाद एक बड़े क्रिकेटर उन्हें बूट टांग देने की सलाह दे रहे हैं. इतना ही नहीं, भारत के एक प्रमुख अखबार में सर्वे बताता है कि आम आदमी भी अब सचिन को नीली जर्सी में नहीं देखना चाहता.

भारत को पहला वर्ल्ड कप जिताने वाले कपिल देव ने साफ साफ कह दिया, "शायद उसका वक्त आ गया है. हर खिलाड़ी का एक दौर होता है और अब उम्र उसके साथ नहीं है." सचिन तेदुलकर वनडे और टेस्ट मैचों में सबसे ज्यादा रन और सबसे ज्यादा शतक बनाने वाले खिलाड़ी के साथ साथ सबसे लंबे समय तक क्रिकेट खेलने वाले खिलाड़ियों में भी शामिल हैं. उन्होंने 1989 में अंतरराष्ट्रीय करियर की शुरुआत की थी.

खाली हाथ लौटते सचिनतस्वीर: AP

99 पर अटके

उनके नाम टेस्ट मैचों में 51 और वनडे में 48 शतक हैं लेकिन पिछले एक साल से वह शतक नहीं बना पाए हैं और इस तरह 99 अंतरराष्ट्रीय शतकों पर अटके हुए हैं. उन्होंने पिछले 11 टेस्ट मैचों और नौ वनडे में शतक नहीं बनाया है. उनके पूरे करियर में दो शतक के बीच इतना बड़ा फासला कभी नहीं आया है. हालांकि कई बार वह सेंचुरी के पास आकर चूक गए हैं और क्रिकेट पंडितों का कहना है कि वह सौवें शतक को लेकर भारी दबाव में हैं और इसलिए आखिरी वक्त में नर्वस हो जा रहे हैं. इस अप्रैल में वह 39 साल के हो जाएंगे.

ऑस्ट्रेलिया में चल रही तीन देशों की वनडे सीरीज में भी वह नाकाम चल रहे हैं. पांच मैचों में उन्होंने सिर्फ 18 की औसत से कुल 90 रन बनाए हैं. ऊपर से उन्हें रोटेशन पॉलिसी का भी शिकार होना पड़ा है, जिसके तहत उन्हें, वीरेंद्र सहवाग को और गौतम गंभीर को एक एक कर आराम दिया जा रहा है. पिछले दो दशक में यह पहला मौका है, जब उपलब्ध होने के बाद भी सचिन को कभी कभी टीम में नहीं रखा जा रहा है.

सौरव की राय

सचिन के साथ अद्भुत रिकॉर्डों वाला क्रिकेट खेल चुके भारत के पूर्व कप्तान सौरव गांगुली का कहना है अब सचिन को खुद अपने सवाल का जवाब तलाशना चाहिए, "सचिन को खुद यह पूछना चाहिए कि क्या वनडे मैचों में उनसे टीम को फायदा हो रहा है. अगर उन्हें ऐसे सवालों के जवाब नहीं मिलते, तो उन्हें हट जाना चाहिए."

पोंटिंग का संन्यासतस्वीर: AP

तेंदुलकर ने सबसे ज्यादा 458 वनडे मैच खेले हैं. लेकिन पिछले एक साल में सिर्फ 18 और उनमें से भी नौ पिछले साल भारतीय उप महाद्वीप में हुए वर्ल्ड कप के दौरान. वहीं गांगुली ने सुनील गावस्कर की सलाह को भी नकारा कि चयनकर्ताओं को सचिन के वनडे भविष्य के बारे में उन्हीं से पूछना चाहिए. "मुझे कोई चयनकर्ता कदम उठाता नहीं दिखाई देता. वे नहीं आएंगे और ना ही पूछेंगे कि लिटिल चैंप आपको जाना चाहिए. ऐसा कभी नहीं होगा."

इस बीच, भारत में टाइम्स ऑफ इंडिया अखबार ने एक सर्वे किया है, जिसमें 57 फीसदी लोगों का कहना है कि सचिन तेंदुलकर को वनडे क्रिकेट छोड़ देना चाहिए. रिकी पोंटिंग के संन्यास लेने के बाद मंगलवार रात सवाल पूछा गया कि क्या अब सचिन को भी एकदिवसीय क्रिकेट छोड़ देना चाहिए. इस पर लगभग 47,000 लोगों ने जवाब भेजा, जिसमें 26,813 (57%) लोगों का कहना था, हां. जबकि सिर्फ 19,127 (41%) लोगों ने नहीं में जवाब दिया. लगभग दो प्रतिशत लोग अपना मन नहीं बना पाए.

यह सर्वे ऐसे वक्त में किया गया है, जब सचिन खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं और रिकी पोंटिंग के संन्यास के बाद सचिन पर दबाव बढ़ गया है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए जमाल

संपादनः आभा एम

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