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रब्बानी की हत्या के बाद भारत दौरे पर करजई

४ अक्टूबर २०११

अफगान राष्ट्रपति हामिद करजई मंगलवार से अपने दो दिवसीय भारत दौरे की शुरुआत कर रहे हैं. अफगानिस्तान की सुरक्षा में सेंध लगाती पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई की भूमिका पर होगी चर्चा.

Afghan President Hamid Karzai, left, talks to India's Prime Minister Manmohan Singh at the parliament house in Kabul, Afghanistan, Friday May 13, 2011. Singh told the Afghan Parliament Friday that the two nations must not allow the flames of extremism and terrorism to be fanned and saluted Afghanistan's efforts to reconcile with Taliban insurgents. (AP Photo/Ahmad Masood, Pool)
तस्वीर: ap

करजई का दौरा ऐसे समय पर है जब अफगानिस्तान के मुख्य शांति वार्ताकार और पूर्व राष्ट्रपति बुरहानुद्दीन रब्बानी की हत्या को कुछ ही दिन हुए हैं. रब्बानी की हत्या से एक तरफ अफगानिस्तान के पाकिस्तान के साथ रिश्ते खराब हो रहे हैं तो दूसरी ओर करजई का भारत दौरा भारत के साथ रिश्ते मजबूत करने की ओर एक बड़ा कदम दिख रहा है. माना जा रहा है कि रब्बानी की हत्या का मुद्दा करजई और भारत के प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की बातचीत में मुख्य मुद्दा रहेगा.

अफगानिस्तान ने पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई पर रब्बानी की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाया है. हालांकि पाकिस्तान ने इस आरोप को खारिज करते हुए कहा है कि अफगानिस्तान को इस बारे में दोबारा सोचना चाहिए. जानकारों का मानना है कि अफगान सरकार अब इस दिशा में पाकिस्तान के साथ चर्चा नहीं करना चाहती क्योंकि उसे इस बात में कोई संदेह नहीं बचा है कि पाकिस्तान हक्कानी नेटवर्क के साथ मिल कर देश की सुरक्षा में सेंध लगा रहा है. अब अफगानिस्तान भारत के साथ रिश्ते मजबूत करना चाहता है और करजई का यह दौरा इसी बात को दर्शाता है.

इसके साथ करजई अपने दौरे पर अफगानिस्तान में भारत द्वारा किए जा रहे विकास कार्य और द्वीपक्षी सुरक्षा के मुद्दों पर भी चर्चा करेंगे और खनिज पदार्स्थों के इस्तेमाल पर सहमती पत्र पर हस्ताक्षर भी करेंगे. साथ ही बुधवार को करजई राजधानी दिल्ली में भारत-अफगान संबंधों पर भाषण देंगे.

काबुल में मनमोहन सिंहतस्वीर: AP

इस साल के भारत अफगान दौरे

करजई का यह इस साल का दूसरा भारत दौरा है. इस से पहले वह फरवरी में दो दिन के दौरे पर भारत आए. उस समय उन्होंने राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल से भी मुलाकात की और मनमोहन सिंह के साथ मिल कर अफगानिस्तान में शांति कायम करने और भारत की तरफ से वहां किए गए विकास कार्यों पर चर्चा की. इसके बाद मई में मनमोहन सिंह दो दिन की अफगानिस्तान यात्रा के लिए रवाना हुए. मनमोहन के दौरे पर भी पुनर्निर्माण और आतंकवाद के खिलाफ साझी लड़ाई मुख्य मुद्दे रहे. मनमोहन ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के कुछ ही दिन बाद इस दौरे पर गए. उस से पहले वह 2005 में आखरी बार अफगानिस्तान गए थे.

इसके अलावा भारतीय विदेश मंत्री एसएम कृष्णा इस साल काबुल दौरे पर जा चुके हैं और अफगान रक्षा मंत्री अब्दुल रहीम वारदाक भी भारत के दौरे पर आ चुके हैं. ये दौरे दोनों देशों के रिश्तों में बेहतरी की ओर संकेत करते हैं. भारत अफगानिस्तान को सबसे अधिक मदद देने वाले देशों में से है. संसद के निर्माण से लेकर ईरान तक हाईवे बनाने तक की योजनाओं के लिए भारत ने अफगानिस्तान को 1.3 अरब डॉलर की मदद दी है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ईशा भाटिया

संपादन: आभा एम

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