रमजान के टीवी शो मुबारक पर मुकदमे से पीछे रह गए
१४ अगस्त २०११![](https://static.dw.com/image/6588350_800.webp)
मिस्र में मुबारक और उनके सहयोगियों पर कोर्ट में चल रही सुनवाई में लोगों की जबर्दस्त दिलचस्पी है. मुकदमे की हर छोटी बड़ी घटना पर लोग नजर रख रहे हैं और इस दौरान अदालत के आस पास भी लोगों का भारी जमावड़ा रहता है.
गृहमंत्री की सुनवाई टली
काहिरा में पूर्व गृहमंत्री हबीब एल आदली और मंत्रालय के छह अधिकारियों पर सुनवाई 5 सितंबर तक के लिए टाल दी गई है. इन लोगों पर इस साल के शुरुआत में प्रदर्शनकारियों को मारने के आदेश देने का आरोप है. पूर्व राष्ट्रपति होस्नी मुबारक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर हुई हिंसक कार्रवाई में 840 लोग मारे गए और 6000 से ज्यादा लोग इस दौरान घायल हुए.
अगर अल आदली को दोषी करार दिया जाता है तो उन्हें मौत की सजा सुनाई जा सकती है. अल आदली ने मुबारक के शासनकाल में 20 साल तक गृह मंत्री की जिम्मेदारी संभाली है. उन्हें गबन के आरोपों में पहले ही 12 साल की कैद की सजा सुनाई जा चुकी है. मुबारक और उनके दो बेटों ने भी प्रदर्शनकारियों को मारने के आदेश देने के आरोपों से इनकार किया है.
मुबारक की सुनवाई सब पर भारी
रमजान का महीना है और इन दिनों अरब जगत में इससे जुड़े कार्यक्रमों की ही धूम रहती है. पर इस बार मामला उलट गया है. 3 अगस्त को मिस्र और अरब क्षेत्र के करोड़ों लोगों ने मिस्र के सरकारी टीवी चैनल पर सीधे प्रसारित मुबारक पर मुकदमे की कार्रवाई देखा. मिस्र के मनोरंजन जगत के प्रमुख आलोचक तारिक अल शेनावी बताते हैं, "पहले जब मुबारक टीवी पर कोई संदेश देने या फिर किसी सम्मेलन में भाषण देने आते थे लोग टीवी देखना बंद कर देते थे. दर्शकों के लिए यह सबसे बुरा समय होता था. लेकिन कोर्ट में सुनवाई के दौरान ऐसा पहली बार ऐसा हुआ है कि मुबारक टीवी कार्यक्रमों पर हावी होने में कामयाब हुए हैं."
जन आंदोलन के दबाव पर पद छोड़ने को मजबूर हुए मुबारक पर शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को मारने के आदेश देने के और 30 साल के अपने शासन के दौरान सत्ता के दुरुपयोग के आरोप लगाए गए हैं. सत्ता से बेदखल होने के बाद सुनवाई के दौरान पहली बार सार्वजनिक रूप से नजर आए मुबारक काफी सजग थे. वह लोहे की सलाखों से घिरे कटघरे में बिस्तर पर लेटे लेटे ही कोर्ट की कार्यवाही में शामिल हुए. उसी कठघरे में उनके साथ उनके दो बेटे अला और गमाल, पूर्व गृह मंत्री हबीब अल आदली और छह वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद थे. सोमवार को काहिरा के बाहरी इलाके में मौजूद पुलिस अकादमी में मुकदमे की सुनवाई होगी. अल सेनावी कहते हैं, "मुकदमे की कार्यवाही आगे बढ़ने के साथ ही लोगों की इसमें दिलचस्पी भी बढ़ेगी. सत्ता से बेदखल किए गए राष्ट्रपति पर मुकदमा टीवी के किसी भी ड्रामे से ज्यादा ताकतवर है."
विज्ञापनों से कमाई घटी
अरब के टीवी चैनलों पर आमतौर पर रमजान के दिनों में नामी सितारों वाले बड़े और काफी पैसा खर्च कर बनाए गए धारावाहिकों का ही बोलबाला रहता है क्योंकि इन दिनों लोग घरों पर अच्छा खासा खाली वक्त बिताते हैं. इसके अलावा देर रात तक जगने का भी सिलसिला रहता है. विज्ञापन देने वाली कंपनियां भी इस मौके को खूब भुनाती हैं और इस तरह के टीवी धारावाहिकों पर खूब पैसा लुटाया जाता है. इस साल भी 1 अगस्त से रमजान शुरू होने के साथ ही 40 नए धारावाहिक और दर्जनों टॉक शो शुरू किए गए हैं. हालांकि इस बार इन धारावाहिकों को उतने दर्शक और विज्ञापन नहीं मिल रहे. स्थानीय टीवी विज्ञापन एजेंसियों को भारी नुकसान की खबरें मिल रही हैं. टीवी विज्ञापनों से जुड़े एक बड़े नाम तारिक नूर ने मिस्र के अखबार अल शोरुक को बताया कि इस हफ्ते रमजान के विज्ञापनों से उनकी कमाई पिछले साल की तुलना में 60 फीसदी तक गिर गई है. उन्होंने इसके लिए आर्थिक ठहराव और राजनीतिक अस्थिरता को कारण बताया है. अल शेनावी विज्ञापन देने वालों को सलाह देते हैं, "टीवी धारावाहिकों के बीच विज्ञापन देने के बजाए मुबारक की सुनवाई के बीच विज्ञापन दें."
मीडिया पढ़ाने वाले प्रोफेसर अब्दुल्ला जाल्टा मुबारक शो का महत्व बताते हुए कहते हैं, "मुबारक पर सुनवाई अरब जगत की मीडिया के लिए ऐतिहासिक दृश्य है जिसमें एक पूर्व राष्ट्रपति मुकदमे का सामना कर रहा है...ऐसा पहले कभी नहीं हुआ." मिस्र के सरकारी टीवी चैनल के अधिकारियों ने भरोसा दिया है कि मुकदमे के सभी सत्रों को सीधे प्रसारित किया जाएगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन
संपादनः वी कुमार