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रवांडा नरसंहार का एक मास्टरमाइंड गिरफ्तार

२७ मई २०११

डेमोक्रैटिक रिपब्लिकन ऑफ कांगो (डीआरसी) के अधिकारियों ने रवांडा में 1994 के नरसंहार से जुड़े एक मास्टरमाइंड को गिरफ्तार किया है. बैर्नाड मुनयागिशारी पर नरसंहार, बलात्कार और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोप हैं.

(FILE) An undated filer shows Dancila Nyirabazungu, a survivor and one of the curators of the genocide memorial at Queen of the Apostles Church of Ntarama, outside Kigali, in front of hundreds of skulls on display where some 5,000 people were killed during the genocide of 1994. The government of Rwanda on 05 August 2008 formally accused senior French officials of involvement in Rwanda's 1994 genocide. France denies the accusation of covering up its role in the training of militia and troops who carried out massacres that claimed the lives of hundreds of thousands of people. EPA/STEPHEN MORRISON +++(c) dpa - Bildfunk+++
नरसंहार के घाव अब भी हरे हैंतस्वीर: picture-alliance/dpa

1994 में अप्रैल से जुलाई बीच 100 दिन के भीतर आठ लाख अल्पसंख्यक तुत्सी और उदारवादी हुतु लोगों को कत्ल किया गया. यह नरसंहार बहुसंख्यक हुतु मिलिशिया और सैनिकों ने किया. तंजानिया स्थित रवांडा के लिए अंतरराष्ट्रीय अपराध ट्राइब्यूनल (आईसीटीआर) ने कहा कि पूर्व हुतु मिलिशिया नेता मुनयागिशारी को डीआरसी के उत्तरी कीवु प्रांत में गिरफ्तार किया गया. वह नरसंहार, बलात्कार और मानवता के खिलाफ अपराधों के आरोपों में वांछित है.

मुनयागिशारी उन लोगों में शामिल है जिन पर अमेरिकी विदेश विभाग ने इनाम की घोषणा कर रखी है. उसकी गिरफ्तारी पर पचास लाख डॉलर का इनाम रखा गया है. अदालत ने कहा कि उसकी गिरफ्तारी कांगो की सेना और आईसीटीआर की ट्रैकिंग यूनिट की साझा कार्रवाई में हुई और उसे गोमा में रखा गया है. वहां से उसे अरुषा, तंजानिया लाया जाएगा.

अदालत के बयान के मुताबिक, "आरोपी कथित तौर पर मिलिशिया में लोगों को भर्ती करता था और उन्हें ट्रेनिंग देता था. उसने इंटरहाम्वे मिलिशिया के लोगों का नेतृत्व किया जिन्होंने गिसेनयी और आस पास के इलाकों में तुत्सी महिलाओं का बलात्कार किया और बड़े पैमाने पर कत्ले आम मचाया."

नरसंहार के दौरान यूएन के मट्ठी भर शांति सैनिक सिर्फ बेबस थेतस्वीर: AP

आईसीटीआर के मुताबिक मुनयागिशारी की गिरफ्तारी के बाद भी नरसंहार के सबसे ज्यादा जिम्मेदार नौ लोग गिरफ्त से बाहर हैं. यह अदालत 1994 के आखिरी महीनों में कायम की गई. तब से 46 फैसले सुनाए जा चुके हैं जिनमें से आठ आरोपियों को बरी किया गया है. नौ मामलों पर अपील की गई है.

इस बीच आईटीसीआर ने पाकिस्तान के खालिद रशीद खान को अदालत का नया अध्यक्ष चुना है. 61 वर्षीय खान शुक्रवार से अपनी जिम्मेदारी संभाल लेंगे. वह डेनिस बिरोन की जगह लेंगे जो अपना दो साल का दूसरा कार्यकाल पूरा कर चुके हैं. खान आईसीटीआर में शामिल होने से पहले पेशावर हाई कोर्ट में जज के तौर पर काम कर चुके हैं.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः एस गौड़

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