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रसिया पीएम को इटली की जनता से धक्का

१४ जून २०११

इटली में प्रधानमंत्री सिल्वियो बैर्लुस्कोनी को जनता ने बुरी तरह नकार दिया है. देश में हुए जनमत संग्रह में हिस्सा लेने वाले लगभग सारे लोगों ने पीएम के खिलाफ वोटिंग की, जो आशा के विपरीत है.

Italian Premier Silvio Berlusconi gestures during a joint press conference with Israel's Prime Minister Benjamin Netanyahu, in Rome, Monday, June 13, 2011. Netanyahu is in Italy in his latest effort to rally opposition to Palestinian plans to have the U.N. recognize a Palestinian state in September. Italy is one of Israel's closest friends in Europe, and last month Berlusconi said Italy would only recognize a Palestinian unity government that renounces terrorism and recognizes Israel's right to exist. (Foto:Andrew Medichini/AP/dapd)
तस्वीर: dapd

यूरोप को न तो परमाणु बिजली पसंद है और न ही अपनी मर्दानगी की शेखी बघारने वाले नेता. वैसे फ्रांस के डोमिनिक स्ट्रॉस कान न्यूयार्क में महिला होटल कर्मचारी की शिकायत पर बलात्कार के आरोप में पकड़े गए, लेकिन अपने घर फ्रांस में भी अब उनके अतीत की जबरदस्त चीड़फाड़ हो रही है. फूकुशिमा की दुर्घटना जापान में हुई, लेकिन बंद हो रहे हैं जर्मनी के परमाणु बिजलीघर. और अब इटली भी इस झोंके में बह चला है.

इटली में चार सवालों पर जनमत संग्रह होने वाला था. दो प्रमुख सवाल थे कि क्या परमाणु बिजलीघर पर लगी पाबंदी जारी रखी जाए और क्या एक नाबालिग किशोरी को यौन सेवा के लिए पैसे देने के लिए मुकदमे में प्रधानमंत्री सिल्वियो बैर्लुस्कोनी को कानूनी संरक्षण दिया जाए. जनमत संग्रह की वैधता के लिए पचास फीसदी वोटरों की भागीदारी जरूरी थी. सरकार चाहती थी कि परमाणु बिजलीघर पर पाबंदी खत्म हो. दूसरी ओर, वह यह भी चाहती थी कि बैर्लुस्कोनी को कानूनी संरक्षण भी मिल जाए. पहली के लिए जनमत संग्रह का वैध होना जरूरी था. लेकिन जनता के मूड से साफ था कि वह बैर्लुस्कोनी को संरक्षण दिए जाने के खिलाफ राय देगी. इसी पसोपेश में आखिर वोट न देने के लिए जनता को बरगलाने की कोशिश की गई. भले ही परमाणु बिजली न मिले, प्रधानमंत्रीजी की परेशानी तो नहीं बढ़ेगी.

तस्वीर: dapd

लेकिन जनता नहीं मानी. सरकारी सलाह का धत्ता बताते हुए 56 फीसदी लोगों ने जनमत संग्रह में हिस्सा लिया, उनमें से 94 फीसदी ने सरकार के खिलाफ वोट दिए. बैर्लुस्कोनी ने कहा है कि जनता की राय स्पष्ट है, उसका ख्याल रखा जाएगा. हां, यह राय स्पष्ट है और यह भी कहती है कि शायद बैर्लुस्कोनी के दिन अब गिने चुने रह गए हैं. हां, इटली की राजनीति कुछ नीरस जरूर हो जाएगी.

लेखकः उज्ज्वल भट्टाचार्य

संपादनः ए जमाल

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