नॉर्वे में मछुआरों को आर्कटिक सागर के इलाकों में गले पर पट्टा बांधे एक बेलुगा व्हेल मिली. पट्टे पर लिखे शब्दों ने व्हेल को रहस्यमयी बना दिया है. वैज्ञानिकों को अंदेशा है इस बेलुगा के तार रूसी सेना से जुड़े हो सकते हैं.
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बेलुगा व्हेल के गले में बंधे पट्टे ने नार्वे के अधिकारियों की नींद उड़ा दी है. अधिकारियों को शक है कि वह आर्कटिक में मिलने वाली यह कोई आम बेलुगा नहीं है बल्कि उसे रूसी सेना ने प्लांट किया है. नार्वेजियन डायरेक्टरेट ऑफ फिशरीज के जॉर्जन री विग के मुताबिक, "पट्टे पर सेंट पीटर्सबर्ग लिखा है, साथ ही उसमें कैमरे के लिए भी जगह है." उन्होंने बताया कि कुछ दिनों पहले एक मछुआरे ने खबर दी थी कि गले में तंग पट्टा बांधे एक सफेद कैटेकन (समुद्री डॉल्फिन की एक प्रजाति) समंदर में नजर आ रही है. इसके बाद मछुआरे को पट्टा हटाने के लिए समुद्र में भेजा गया.
री विग ने बताया कि नॉर्वे की सेना गले के पट्टे की गुत्थी सुलझाने में लगी है. हालांकि यह तुरंत साफ नहीं हो सका है कि इस स्तनधारी जीव को किसी खास मिशन या प्रोग्राम के तहत प्रशिक्षित किया गया है या इसका संबंध रूसी सेना से है. नॉर्वे के शहर ट्रॉमसो में आर्कटिक यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ आर्कटिक एंड मरीन बायलॉजी के प्रोफेसर आउदुन रिकार्डसन ने बताया कि उन्हें रूस और नार्वे के स्कॉलरों से पता चला है कि उनका कोई प्रोग्राम और प्रयोग बेलुगा व्हेलों पर नहीं चल रहा है.
हालांकि रूस के इतिहास से ऐसा कोई मामला नहीं है जब किसी सैन्य कार्यक्रम के लिए व्हेलों का इस्तेमाल किया गया हो. लेकिन सोवियत काल में डॉल्फिनों के लिए ट्रेनिंग कार्यक्रम हुआ करते थे. शीत युद्ध के दौरान सोवियत संघ, क्रीमियाई प्रायद्वीप में सेवास्तोपोल बेस का इस्तेमाल स्तनधारियों को विस्फोटक प्लांट करने, खान और खुदाई में खोज जैसे सैन्य कार्यक्रमों के लिए प्रशिक्षित करता था.
रूस के विरोधियों का हुआ यह हश्र
रूस की सरकार पर अकसर अपने विरोधियों को साफ करने के आरोप लगते रहे हैं. इस तरह की घटनाओं में कई बार घातक जहर का इस्तेमाल किया गया है. एक नजर कुछ ऐसे ही मामलों पर.
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अज्ञात पदार्थ
सबसे ताजा मामला रूस के पूर्व जासूस सेरगेई स्क्रिपाल और उनकी बेटी का है. ब्रिटिश पुलिस का कहना है कि उन पर एक दुर्लभ पदार्थ से हमला किया गया जिसके बाद उनकी हालत काफी वक्त तक गंभीर बनी रही. ब्रिटेन में रूसी दूतावास ने स्क्रिपाल और उनकी बेटी को जहर दिए जाने के बारे में ब्रिटिश मीडिया की खबरों पर चिंता जताई है. रूस का कहना है कि वह इस मामले की जांच में हर तरह के सहयोग को तैयार है.
जहरीला छाता
शीत युद्ध के दौर में एक बुल्गारियाई विद्रोही को जहरीली नोक वाले एक छाते से मारा गया था. मारकोव एक लेखक और पत्रकार थे. उस समय के कम्युनिस्ट नेतृत्व के कटु आलोचक मारकोव ने 11 सितंबर 1978 को दम तोड़ा. विद्रोहियों का कहना है कि उनकी हत्या के पीछे सोवियत खुफिया एजेंसी केजीबी का हाथ था.
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पोलोनियम-210
केजीबी के पू्र्व जासूस एलेक्जेंडर लितविनेंको ने लंदन के मिलेनियम होटल में ग्रीन टी पी, जिसमें जहरीला पदार्थ पोलोनियम-210 मिला था. आरोप लगते हैं कि यह हत्या खुद रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के कहने पर हुई थी, हालांकि रूसी सरकार ने इससे हमेशा इनकार किया. पुतिन के कटु आलोचक लितविनेंको लंदन में रह रहे थे.
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अचानक मौत
नवंबर 2012 में लंदन के एक होटल के बाद अपने एक आलीशान घर में 44 वर्षीय रूसी नागरिक एलेक्जेंडर पेरेपीलिछनी मृत पाए गए. उन्होंने रूसी मनी लॉन्ड्रिंग की छानबीन करने वाली एक स्विस जांच में मदद की थी जिसके बाद उन्हें रूस से भागना पड़ा. उनकी अचानक मौत के बाद भी हत्या होने का संदेह गहराया. लेकिन रूस ने भी इसमें अपना हाथ होने से इनकार किया.
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अब तक बाकी निशान
यूक्रेन के पूर्व राष्ट्रपति विक्टर युशचेंकों के चेहरे पर 2004 में उस समय जहरीला पदार्थ फेंका गया जब वह राष्ट्रपति चुनाव के दौरान एक रैली में थे. पश्चिम समर्थक युशचेंको तत्कालीन प्रधानमंत्री और रूस समर्थक विक्टर यानुकोविच के खिलाफ मैदान में थे. दर्जनों बार सर्जरी के बावजूद युशचेंकों के चेहरे और शरीर से अब तक निशान नहीं गए हैं. रूस ने इसमें भी अपना हाथ होने से इनकार किया.
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कई बार हमले की कोशिश
रूस के विपक्षी कार्यकर्ता व्लादिमीर कारा-मुर्जा का मानना है कि उन्हें 2015 से 2017 के बीच कई बार जहर देने की कोशिश हुई. बाद में जर्मनी प्रयोगशाला के टेस्ट में उनके शरीर में तीव्र स्तर का पारा, तांबा, मैगनीज और जिंक के अवशेष मिले. रूस ने इस मामले से भी पल्ला झाड़ लिया.
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हालांकि सोवियत संघ के विघटन के बाद यह बेस बंद कर दिया गया था. लेकिन रूस के क्रीमिया पर कब्जे के बाद ऐसी खबरें आईं कि उस कैंप को अब फिर से शुरू किया गया है. रूस के रक्षा मंत्रालय ने 2016 में एक ट्रेनिंग प्रोग्राम के लिए पांच डोल्फिन खरीदने से जुड़ा एक टेंडर नोटिस निकाला था. नोटिस में यह नहीं बताया गया था कि आखिर किस तरह की ट्रेनिंग में डॉल्फिन का इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन यह जरूर कहा गया था कि डॉल्फिनों के दांत अच्छे होने चाहिए. वहीं इस टेंडर विज्ञापन को कुछ दिन बाद ऑनलाइन मीडिया से हटा भी लिया गया था.
रूसी सेना के साथ फौजी खेल
टैंकों का बायथलॉन, लड़ाकू विमानों की चांदमारी और सूवोरोव के हमले, इंटरनेशनल आर्मी गेम्स में यह सब मौजमस्ती का हिस्सा है. मिलिट्री ओलंपिक में सीरिया, ईरान, इस्राएल और कुछ दूसरे देशों की सेनाएं दोस्ताना मुकाबला करती हैं.
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खेलों का आगाज
रूसी रक्षा मंत्री सेर्गेई शोउगु ने इस साल के इंटरनेशनल मिलिट्री गेम्स का उद्घाटन किया. मुकाबले रूस, कजाखस्तान, अजरबाइजान, बेलारूस और चीन में होंगे. मिलिट्री ओलंपिक का सपना क्राइमिया पर रूसी कब्जे के कारण पश्चिमी देशों और रूस के रिश्ते बिगड़ने के एक साल बाद देखा गया.
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सभी खिलाड़ी अपनी जगह पर
टैंक बायथलॉन में चीन का क्रू इस टैंक को चला रहा है. चीनी टीम इस मुकाबले में रूस के बाद दूसरे नंबर पर रही जबकि बेलारूस तीसरे नंबर पर. टीमों को 15 किलोमीटर की दूरी रास्ते में अलग अलग ठिकानों को निशाना बनाते हुए तय करनी थी.
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निशाने पर
टैंक बायथलॉन के दौरान मास्को के पास अलबिनो में युगांडा के टी72 टैंक ने फायर किया. 2015 में यह खेल रूस के सोवियत काल के पड़ोसियों और चीन के साथ शुरू हुआ. इन खेलों का विस्तार कर बाद में इनमें इस्राएल और ईरान को भी शामिल कर लिया गया. अब इसमें नाटो का सदस्य देश ग्रीस भी है.
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झंडा अपने देश का
वेनेजुएला का यह टैंक सेमीफाइनल मुकाबले में हिस्सा ले रहा है. रूस के लिए यह खेल दुनिया के सामने अपने अंतरराष्ट्रीय साझीदारों को दिखाने का मौका है. वह यह भी दिखाना चाहता है कि उसे अलग थलग करने की अंतरराष्ट्रीय कोशिशें नाकाम हो गई हैं.
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पुल बनाना
रूसी टीम के सदस्य टैंक को पंटून पुल पर ले जाना चाहते हैं. रूस के मुरोम में यह प्रतियोगिता पंटून ब्रिज यूनिटों के लिए थी. रूस दुनिया भर में चल रहे कई विवादों में शामिल है लेकिन ये गेम्स उसे नए दोस्त बनाने का मौका देते हैं.
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ताकत की अनुभूति
ओपन वाटर कंपीटिशन में रूस की टीम के सदस्य एमएसटीए-एस सेल्फ प्रोपेल्ड होवित्जर टैंक को पंटून पुल पर से ले जा रहे हैं.
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एवियाडार्ट्स यानी हवाई चांदमारी
एवियाडार्ट्स के दौरान रूस में रयाजान के बाहरी इलाके में डुब्रोविची रेंज में उड़ान भरता कामोव केए 52 मिलीट्री हैलीकॉप्टर. सैन्य पायलटों में टोह लगाने और एयरक्राफ्ट उड़ाने की तकनीकों के आधार पर मुकाबला होता है.
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सुवोरोव अटैक
चीन के शिनजियांग उइगुर स्वायत्तशासी इलाके के कोर्ला में सुवोरोव अटैक के दौरान दो टैंक एक चढ़ाई पर विजय पाने की कोशिश में हैं.
चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी का शांक्सी वाई 9 विमान ड्यागिलेवो एयरफील्ड में इंगेजमेंट ऑफ ग्राउंड टारगेट्स के दौरान.
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रूसी रैम्बो
युद्ध के टोही मुकाबले के दौरान एक रूसी सैनिक. टोही दलों में चीन, अर्मेनिया, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, जिम्बाब्वे, सूडान, बेलारूस और रूस ने हिस्सा लिया. यह मुकाबला नोवोसिबिर्स्क हाई कमांड स्कूल में हुआ.
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परिवार के साथ बाहर जाने का दिन
गेम्स के दौरान बच्चे सोवियत युग के मशीन गन के साथ खेलते हैं. आयोजक कहते हैं कि इसके पीछे उनकी कोई छिपी हुई सैन्य मंशा नहीं है लेकिन इन खेलों से रूस को अपनै सैन्य साजोसामान की नुमाइश करने का मौका तो मिलता ही है.