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राजकुमार के दीदार का इंतजार

२३ जुलाई २०१३

दिन भर दीवानगी के बाद लंदन में पत्रकारों को उस वक्त राहत मिली, जब अस्पताल ने प्रिंस विलियम के बेटा होने का एलान किया. दुनिया में अभी अभी आया बच्चा पूरी दुनिया की सबसे बड़ी खबर बन गया. अब उसके दीदार का इंतजार हो रहा है.

तस्वीर: Getty Images

जो रिपोर्टर समझ रहे थे कि सोमवार को शाही प्रसव के बाद उनका काम पूरा हो जाएगा, उन्हें मायूस होना पड़ा क्योंकि अखबार मालिकों और टीवी चैनलों ने उनकी शिफ्ट मंगलवार तब तक बढ़ा दी, जब तक तीसरी पीढ़ी के राजकुमार अपने बेटे और ब्रिटेन की सत्ता के तीसरे दावेदार राजकुमार के साथ उस अस्पताल की सीढ़ियों पर नहीं आते, जहां कभी खुद उनकी पैदाइश के बाद राजकुमारी डायना और प्रिंस चार्ल्स खड़े हुए थे.

31 साल की केट के बेटा होने की खबर जैसे ही सामने आई, दुनिया भर के टेलीविजन चैनलों पर "ब्रेकिंग न्यूज" की बाढ़ आ गई, जो घंटों चलती रही. अफसोस कि उन्हें सिर्फ इतना पता चल पाया कि नवजात बच्चा एक लड़का है और उसका वजन आठ पाउंड छह औंस (करीब 3.8 किलो) है. बाकी रंग रूप, बाल और सबसे बढ़ कर नाम को लेकर चर्चा और अफवाहों का बाजार गर्म है. भले ही ब्रिटिश राजघराने में राजकुमार पैदा हुआ हो लेकिन इसने सट्टा बाजार को एक दिन का राजा बना दिया, जहां राजकुमार के नाम पर जम कर बोली लग रही है.

नोटिस देकर बताया गया कि बेटा हुआ हैतस्वीर: Reuters

बच्चे के नाम का एलान बाद में किया जाएगा लेकिन जॉर्ज और जेम्स की चर्चा बड़े जोरों पर है, जो आम तौर पर शाही नाम होते हैं. समझा जाता है कि राजकुमारी केट और उनके पति प्रिंस विलियम नए नवेले बेटे के साथ सेंट मेरी अस्पताल की सीढ़ियों पर फोटो पोज देने रुकेंगे. हालांकि यह भी सट्टेबाजी का मामला है क्योंकि अस्पताल या बकिंघम पैलेस ने इस तरह का कोई एलान नहीं किया है.

लेकिन मीडिया कवरेज और लंदन के स्थानीय लोगों का उत्साह ऐसे एलानों का कहां इंतजार करता. स्कॉटलैंड की मारिया वहां "शाही दीदार" के लिए जमी हुई हैं, "हम यहां इतिहास देखने आए हैं. जहां भविष्य का एक राजा पैदा हुआ है. मैं उन्हें आज यहां देखने का इंतजार नहीं कर सकती."

राजघराने को भी इस इंतजार और इस दीवानगी का इल्म है. लिहाजा वे अपने कदम समझ बूझ कर उठा रहे हैं. बच्चा दोपहर 4.24 बजे पैदा हुआ लेकिन इसका एलान देर शाम ही किया गया ताकि कुछ पल मां बाप अपने बच्चे के साथ सुकून से गुजार सकें.

अखबारों में छा गया रॉयल बेबीतस्वीर: Reuters

ब्रिटिश शाही घराने की रिवायत और नियम कायदों के मुताबिक सोमवार को पैदा हुआ राजकुमार सत्ता में तीसरे नंबर का दावेदार है. इससे पहले उसके दादा प्रिंस चार्ल्स और पिता प्रिंस विलियम इस कतार में हैं. नए राजकुमार के चाचा और मौज मस्ती करने वाले प्रिंस हैरी अब इस नए राजकुमार के बाद चौथे नंबर के वारिस हो गए हैं.

सोमवार को ब्रिटिश मीडिया ने दीवानगी की हदें पार करते हुए इस "ऐतिहासिक" पैदाइश को कवर किया. सदियों पुराने अखबार द सन ने अपनी स्पेलिंग एसयूएन से अस्थायी तौर पर बदल कर एसओएन कर दी, जो राजकुमार के दुनिया में आने का संकेत था. वामपंथी विचार वाले अखबार गार्डियन ने भी बढ़ चढ़ कर इस घटना को कवर किया लेकिन अपनी छवि बचाने के लिए उसने ऑनलाइन पर "रिपब्लिकन" बटन बना दिया, जिसमें संकेत दिया गया कि रॉयल बेबी के अलावा खबर पढ़ने वाले वहां क्लिक करें.

रॉयल बेबी को इस बात का श्रेय दिया जा सकता है कि उसने ब्रिटिश राजघराने की लोकप्रियता एक बार फिर बुलंदियों तक पहुंचा दी. इससे पहले 1997 में राजकुमारी डायना की एक हादसे में मौत के बाद यह राजघराना आम तौर पर सुर्खियों में नहीं आता था. अगर आता भी था, तो प्रिंस हैरी के किसी "कारनामे" की वजह से.

तस्वीर: Getty Images

पिछले साल जब महारानी एलिजाबेथ ने अपनी सत्ता के 60 साल का जश्न मनाया, तो सुर्खियां वापस आने लगीं. यहां तक कि ब्रिटेन में उत्सव का माहौल बन गया और लोगों ने जम कर खरीदारी की. प्रिंस विलियम की मुलाकात अपनी पत्नी केट से 10 साल पहले उस वक्त हुई, जब वह स्कॉटलैंड में एंड्रयूज यूनिवर्सिटी में पढ़ रहे थे. उनकी शादी 2011 में हुई और अब उन्हें ड्यूक और डचेज ऑफ कैम्ब्रिज के नाम से जाना जाता है.

शाही मामलों के एक्सपर्टों का मानना है कि इस बात की पूरी संभावना है कि दुनिया को नए राजकुमार का दीदार हो जाए. मैजिस्टी पत्रिका के एडिटर जो लिटिल का कहना है, "हमें उम्मीद है कि हम राजकुमार के सिर का ऊपरी हिस्सा देख पाएंगे. लेकिन इसके बाद काफी दिनों तक हम उन्हें नहीं देख पाएंगे."

हालांकि ब्रिटेन का एक तबका ऐसा भी है, जो इस जश्न में शामिल नहीं है. उसका कहना है कि किसी को जन्म के साथ ही सत्ता का वारिस बना देना अच्छी बात नहीं.

रिपोर्टः अनवर जे अशरफ (रॉयटर्स)

संपादनः महेश झा

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