राजनीति और अपराध के खेल में माल्टा के पीएम को मात
२ दिसम्बर २०१९प्रदर्शनकारियों के धीरज का बांध रविवार को फिर टूट गया. वे चिल्ला रहे थे, "माफिया, माफिया, अपराधी, न्याय". कई दिनों से माल्टा के लोग सड़कों पर उतर आए हैं और भ्रष्टाचारी राजनीतिज्ञों और सरकार की माफिया जैसी संरचना के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं.
इस प्रदर्शन के केंद्र में हैं पत्रकार डाफ्ने करुआना गालित्सिया, जिनकी दो साल पहले एक कार बम धमाके में हत्या कर दी गई थी. अब उस हत्या की पुलिसिया जांच ने सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है. दशकों बाद माल्टा सबसे बड़े राजनीतिक संकट का सामना कर रहा है. जांच के घेरे में प्रधानमंत्री जोसेफ मुस्काट के करीबी लोगों का नाम आने के बाद अब उन्हें इस्तीफा देना पड़ा है.
ये कैसा इस्तीफा
राजनीतिक दबाव में आने के बाद प्रधानमंत्री मुस्काट ने रविवार को घोषणा की कि वे जनवरी में इस्तीफा दे देंगे. टेलिविजन पर दिए एक भाषण में मुस्काट ने कहा कि उनकी लेबर पार्टी द्वारा नया अध्यक्ष चुने जाने के फौरन बाद वे 12 जनवरी को इस्तीफा दे देंगे. पत्रकार गालित्सिया के परिवार ने प्रधानमंत्री के तुरंत इस्तीफे की मांग की है. परिवार ने कहा है कि यदि प्रधानमंत्री तुरंत इस्तीफा नहीं देते हैं तो प्रदर्शन जारी रहेंगे.
एक बयान में परिवार के सदस्यों ने कहा है, "उनका प्रधानमंत्री पद पर बने रहना हर किसी के लिए असह्य है जो न्याय की चिंता करता है. हमारी पत्नी और मां की हत्या की जांच में उनकी भूमिका गैरकानूनी है." गालित्सिया के परिवार का कहना है कि जब तक प्रधानमंत्री इस्तीफा नहीं देते, तब तक परिवार इस बात के लिए लड़ेगा कि जांच में प्रधानमंत्री की संदिग्ध के अलावा और कोई भूमिका न हो.
अक्टूबर 2017 में एक बम धमाके में डाफ्ने करुआना गालित्सिया की हत्या की जांच में सरकार में प्रधानमंत्री मुस्काट के करीबी लोगों का नाम आने के बाद उन पर फौरन इस्तीफा देने का दबाव बढ़ गया है. पिछले हफ्ते जांच में नाम आने के बाद मुस्काट के दफ्तर प्रमुख कीथ शेम्ब्री और दो मंत्रियों ने इस्तीफा दे दिया था. शेम्ब्री को मंगलवार को गिरफ्तार किया गया था, लेकिन बिना कोई आरोप लगाए रिहा कर दिया गया था.
पत्रकार की हत्या
डाफ्ने करुआना गालित्सिया खोजी पत्रकार थीं और वे अपने ब्लॉग में सरकारी भ्रष्टाचार और सरकार में भाई भतीजावाद के खिलाफ लिखती थीं. वे उन दिनों पनामा पेपर्स पर रिसर्च कर रही थीं और पनामा पेपर्स में मिली जानकारी में माल्टा के रईसों के संबंधों के बारे में पता कर रही थीं. उनके घर के पास ही कार बम धमाका कर उनकी हत्या कर दी गई थी. हालांकि हत्या के सिलसिले में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया था लेकिन पुलिस ये पता करने की कोशिश कर रही थी कि हत्या के पीछे किसका हाथ था.
डाफ्ने करुआना गालित्सिया के बेटे एंड्र्यू करुआना गालित्सिया ने ट्वीट किया है कि मेरी मां को न्याय दिलवाने वाले इस हफ्ते बहुत सारे सबूत सामने आ रहे हैं कि माल्टा की सरकार के सबसे ताकतवर लोग उनकी हत्या में शामिल थे और अपराध को दबाने के लिए उन्होंने अपने पदों का इस्तेमाल किया.
इस मामले में इस्तीफा देने वाले दो मंत्रियों में पर्यटन मंत्री कोनराड मित्सी और वाणिज्य मंत्री क्रिस कारडोना भी शामिल हैं. खोजी पत्रकार ने शेम्ब्री और मित्सी पर कारोबारी योर्गेन फेनेश से घूस लेने का आरोप लगाया था.
कारोबार और राजनीति
पिछले दो सालों में जांच में कोई प्रगति नहीं हुई थी. अब दो साल बाद साजिश में शामिल कम से कम एक शख्स का रहस्य खुला है. और इस रहस्योद्घाटन ने सरकार में उथल पुथल मचा दी है क्योंकि इस व्यक्ति का सरकार में ऊपर तक संपर्क है. राजनीतिक संकट के केंद्र में उद्यमी योर्गेन फेनेश हैं जिन्हें हत्या की साजिश में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया है.
वैसे भी, कीमती सूट में सिगरेट पीते बिना बालों वाले फेनेश को देखकर लगता है कि वे किसी माफिया फिल्म के विलेन हैं. उन्हें माल्टा से अपने लक्जरी यॉट में भागने की कोशिश करते हुए गिरफ्तार किया गया था. वे हत्या की जानकारी देने के बदले सजा से छूट चाहते थे. उन्होंने हत्या में शामिल होने के आरोपों से इनकार किया है.
फेनेश माल्टा के एक कंसोर्टियम के प्रमुख हैं जिसे 2013 में सरकार से एक गैस बिजलीघर बनाने का ठेका मिला था. 2018 में पता चला कि वे ऑफशोर कंपनी 17 ब्लैक के भी मालिक थे. करुआना गालित्सिया ने हत्या के कुछ महीने पहले 17 ब्लैक के बारे में लिखा था. इसका नाम पनामा पेपर्स से पता चला था.
फेनेश का दावा है कि प्रधानमंत्री मुस्काट के कैबिनेट प्रमुख कीथ शेम्ब्री भी गालित्सिया की हत्या की साजिश में शामिल थे. उन्होंने भी खुद को निर्दोष बताया है. प्रधानमंत्री पर आरोप है कि उन्हें हत्या के बारे में पता था और उन्होंने अपने कैबिनेट प्रमुख शेम्ब्री को बचाया.
मुस्काट कभी 500,000 की आबादी वाले द्वीप माल्टा की राजनीति के सनीबॉय हुआ करते थे. माल्टा के आर्थिक विकास में उनका योगदान रहा है. उनकी लेबर पार्टी ने उनके नेतृत्व में कोई चुनाव नहीं हारा है. वे साढे छह साल से प्रधानमंत्री हैं और 2017 में विशाल बहुमत से जीते थे. लेखक मानुएल डेलिया कहते हैं, "हमारे यहां अच्छे और बुरे प्रधानमंत्री हुए हैं लेकिन कभी ऐसा नहीं हुआ कि वह हत्या में शामिल रहा हो."
रिपोर्टर विदाउट बोर्डर्स ने डाफ्ने की हत्या की दूसरी वर्षगांठ पर माल्टा की सरकार और अधिकारियों पर गंभीर आरोप लगाए थे. माल्टा प्रेस स्वतंत्रता के मामले में 180 देशों की सूची में 77वें स्थान पर है. पिछले दो सालों में वह 32 स्थान नीचे खिसक गया है. यूरोपीय संघ में सिर्फ हंगरी और बुल्गारिया का स्थान माल्टा के बाद है.
एमजे/एके (डीपीए, रॉयटर्स)
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