केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को जानकारी दी है कि इस समय विधायकों और सांसदों की कुल संख्या के तिहाई से भी अधिक यानी 36 प्रतिशत के खिलाफ 3045 आपराधिक मामले चल रहे हैं.
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राजनीति के अपराधीकरण को लेकर देश की सर्वोच्च अदालत बेहद चिंतित है लेकिन इस समस्या से कैसे निपटा जाए, इसके बारे में विभिन्न जजों की अलग-अलग राय है. मुख्य न्यायाधीश जस्टिस दीपक मिश्र और दो अन्य जजों का मानना है कि निर्वाचन आयोग स्वयं यह नियम जोड़ सकता है कि आपराधिक मामलों में लिप्त उम्मीदवार को पार्टी का चुनाव चिह्न नहीं दिया जाएगा लेकिन जस्टिस इंदु मल्होत्रा का विचार है कि इस प्रावधान के कारण उम्मीदवारों के खिलाफ अंधाधुंध फर्जी आरोप लगने शुरू हो सकते हैं. उधर केंद्र सरकार का पक्ष रखने वाले एटॉर्नी जनरल के. के. वेणुगोपाल का कहना है कि न्यायपालिका अपने अधिकारक्षेत्र का अतिक्रमण कर रही है और कानून बनाने के संसद के अधिकार को अपने हाथ में ले रही है. प्रधान न्यायाधीश का कहना है कि संसद जब तक कानून बनाए, तब तक अदालत हाथ पर हाथ धरकर नहीं बैठ सकती.
इस बात से कोई इनकार नहीं कर सकता कि सामाजिक समस्या हो या राजनीतिक समस्या, उसका समाधान अदालतें नहीं कर सकतीं. कानून बनाकर संसद भी उसका समाधान नहीं कर सकती क्योंकि कानून पर अमल भी तभी हो सकता है जब उसे लागू करने वालों में इसके लिए अपेक्षित इच्छाशक्ति हो और क़ानून पर अमल करने के लिए अनुकूल माहौल भी तैयार किया जाए. संविधान में छुआछूत को गैरकानूनी घोषित किया गया है और सभी नागरिकों को सामान अधिकार दिए गए हैं लेकिन क्या आजादी के 71 साल बाद भी समाज से छुआछूत मिट सकी है और क्या जाति-भेद और जाति-श्रेष्ठता पर आधारित दलित उत्पीड़न समाप्त हो सका है? क्या महिलाओं को हर क्षेत्र में बराबरी मिल सकी है और क्या अल्पसंख्यकों को भेदभाव से छुटकारा मिल सका है?
इन नेताओं को खानी पड़ी जेल की हवा
चारा घोटाले मामले में बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को जेल की सजा हुई. पी. चिदंबरम आईएनएक्स मामले में तिहाड़ गए. एक नजर उन नेताओं पर जिन्हें जेल जाना पड़ा.
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पी. चिदंबरम
कांग्रेस की सरकार में वित्त मंत्री रहे पी. चिदंबरम को आईएनएक्स मीडिया मामले में आरोपी हैं. उन्हें इस मामले में तिहाड़ भेजा गया.
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लालू यादव
बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव को चारा घोटाले के तीन मामले में अब तक दोषी ठहराने के साथ ही सजा सुनाई जा चुकी है. फिलहाल वे झारखंड की जेल में बंद हैं.
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सुखराम
हाल के दशकों में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुखराम पहले राजनेता थे जिनके खिलाफ भ्रष्टाचार का मामला उछला और उन्हें जेल जाना पड़ा.
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जे जयललिता
रंगीन टेलिविजन खरीद घोटाले में आरोपी के तौर पर तमिलनाडु की मुख्यमंत्री रहीं जे जयललिता को गिरफ्तार किया गया.
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एम करुणानिधि
तमिलनाडु में ओवरब्रिज घोटाले में उनके शामिल होने के आरोप में उन्हें तब गिरफ्तार किया गया जब वो विपक्ष में थे.
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शिबू सोरेन
शिबू सोरेन को अपने सहयोगी शशिकांत झा की हत्या के सिलसिले में दोषी करार दिया गया. उनके खिलाफ नरसिम्हा राव की सरकार को बचाने के लिए घूस लेकर वोट देने का मामले में भी उन्हें कोर्ट ने दोषी करार दिया.
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बंगारु लक्ष्मण
बीजेपी के अध्यक्ष रहे बंगारु लक्ष्मण को तहलका स्टिंग ऑपरेशन में पैसे लेते हुए दिखाने के बाद ना सिर्फ पार्टी प्रमुख का पद छोड़ना पड़ा बल्कि उन्हें सीबीआई की विशेष अदालत ने चार साल के सश्रम कारावास की सजा भी सुनाई.
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अमर मणि त्रिपाठी
उत्तर प्रदेश के नौतनवा से चार बार विधायक रहे अमर मणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को कवयित्री मधुमिता शुक्ला की हत्या के लिए दोषी करार दिया गया.
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मोहम्मद शहाबुद्दीन
आपराधिक पृष्ठभूमि वाले मोहम्मद शहाबुद्दीन पर हत्या और जबरन वसूली के दर्जनों मामले चल रहे हैं. राष्ट्रीय जनता दल के नेता और सांसद रहे शहाबुद्दीन को जमानत पर रिहाई मिली थी लेकिन जल्दी ही सुप्रीम कोर्ट ने जमानत रद्द कर दी.
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अमित शाह
सोहराबुद्दीन शेख और उनकी पत्नी के एनकाउंटर मामले में अमित शाह को ना सिर्फ गिरफ्तार किया गया बल्कि उन्हें गुजरात से तड़ीपार भी कर दिया गया. दो साल तक बाहर रहने के बाद उन्हें अदालत से राहत मिली.
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ए राजा
यूपीए की सरकार में मंत्री रहे ए राजा को भी टेलिकॉम घोटाले में ही जेल जाना पड़ा था लेकिन फिलहाल उन्हें भी अदालत ने बरी कर दिया है.
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माया कोडनानी
2002 में गुजरात के दंगों के दौरान लोगों को भड़काने और उन्हें हिंसा के लिए उकसाने का दोषी करार दिया गया. गुजरात सरकार में मंत्री और पेशे से डॉक्टर रहीं कोडनानी को आखिरकार जेल जाना पड़ा.
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कनीमोझी
करुणानिधि की बेटी कनीमोझी को 2जी घोटाले में शामिल होने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. हाल ही में अदालत ने उन्हें सबूतों के अभाव में बरी कर दिया.
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ओमप्रकाश चौटाला
हरियाणा के मुख्यमंत्री रहे ओमप्रकाश चौटाला को टीचर भर्ती घोटाला में दोषी करार दिया गया. जिसके कारण उन्हें जेल में रहना पड़ा.
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सुरेश कलमाड़ी
दिल्ली कॉमनवेल्थ गेम्स के दौरान हुए भ्रष्टाचार के मामलों में कांग्रेस नेता सुरेश कलमाड़ी जेल गए.
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मधु कोड़ा
मधु कोड़ा पर झारखंड के मुख्यमंत्री रहते हुए आय से अधिक संपत्ति जुटाने का केस चला. इनमें से एक मामले में उन्हें दोषी करार दिया गया और तीन साल की सजा दी गई.
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यही बात राजनीति में अपराधियों की भूमिका पर लागू होती है. इन मामले में सबसे पहली जिम्मेदारी राजनीतिक पार्टियों की है जो चुनाव घोषणापत्रों में भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ने का संकल्प व्यक्त करती हैं लेकिन चुनावों में भ्रष्ट उम्मीदवारों को टिकट देती हैं. जब तक कोई नेता दूसरी पार्टी में होता है, तब तक उसके भ्रष्टाचार पर बावेला मचाती हैं लेकिन उसे अपनी अपनी सदस्यता देने में जरा भी देर नहीं लगातीं और सदस्य बनाते ही उसके भ्रष्टाचार को भूल जाती हैं. यही हाल अन्य किस्म के अपराधों के मामले में है. ह्त्या, बलात्कार और अपहरण जैसे गंभीर अपराधों के मुकदमे बड़ी संख्या में विधायकों और सांसदों के खिलाफ चल रहे हैं. कानूनन जब तक वे अदालत में अंतिम रूप से दोषी नहीं ठहरा दिए जाते, तब उन्हें चुनाव लड़ने से नहीं रोका जा सकता. इस समय लालू प्रसाद यादव ही एक ऐसे नेता हैं जो जेल काट रहे हैं और चुनाव नहीं लड़ सकते.
इस प्रवृत्ति को तभी रोका जा सकता है जब समूचा राजनीतिक वर्ग राजनीति में शुचिता को पुनर्स्थापित करने के लिए कृतसंकल्प हो जाए. वरना गेंद संसद, निर्वाचन आयोग और सुप्रीम कोर्ट के पालों में ही घूमती रहेगी.