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राजस्थान में सत्ता का खेल अदालत पहुंचा

१७ जुलाई २०२०

सचिन पायलट को विधान सभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य घोषित करने के नोटिस को राजस्थान हाईकोर्ट में चुनौती पर सुनवाई होनी है. एक केंद्रीय मंत्री और एक विधायक के बीच विधायकों को खरीदने पर हो रही बातचीत का ऑडियो लीक हो चुका है.

Ashok Gehlot  Rajasthan
तस्वीर: Imago Images

राजस्थान में चल रहे सत्ता के खेल पर पर्दा गिरता हुआ नजर नहीं आ रहा है. पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके साथी विधायकों को विधान सभा अध्यक्ष द्वारा अयोग्य घोषित करने के नोटिस भेजे जाने पर पायलट खेमे ने नोटिस को राजस्थान हाई कोर्ट में चुनौती दे दी है. चुनौती पर सुनवाई शुक्रवार 17 जुलाई को होगी, लेकिन जानकारों का कहना है कि पायलट खेमे ने जो वकील चुने हैं उससे यह साफ हो गया है कि उनकी बगावत के पीछे बीजेपी का हाथ जरूर है.

पायलट खेमे के वकीलों की टीम का नेतृत्व मुकुल रोहतगी कर रहे हैं जो कि जून 2017 तक भारत के अटॉर्नी जनरल थे. उनका साथ हरीश साल्वे देंगे जो 1999 से 2002 के बीच एनडीए सरकार के कार्यकाल में भारत के सॉलिसिटर जनरल थे. राजस्थान सरकार और विधान सभा अध्यक्ष का प्रतिनिधित्व वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी करेंगे जो कांग्रेस के सांसद भी हैं.

लेकिन अदालत के बाहर खेल अभी भी चल रहा है. गुरूवार को मीडिया में आई खबरों में दो नेताओं के बीच राजस्थान में विधायकों को खरीदने के संबंध में फोन पर हो रही बातचीत का ऑडियो लीक होने की जानकारी दी गई. सोशल मीडिया पर ये ऑडियो वायरल हो चुके हैं और जानकारों का कहना है कि इनमें एक तरफ एक केंद्रीय मंत्री हैं और दूसरी तरफ पायलट खेमे के एक विधायक. केंद्रीय मंत्री विधायक से 8-9 दिनों तक होटल में रहने को कह रहे हैं जिसके बाद सरकार गिर जाएगी और उन्हें सीधे 'पेमेंट' मिल जाएगी.

माना जा रहा है कि यह ऑडियो राजस्थान सरकार की जांच एजेंसियों के पास से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के इशारे पर अनाधिकारिक रूप से लीक कराई गई हैं. गहलोत कई बार कह चुके हैं कि उनके पास बीजेपी से कांग्रेस के विधायकों को खरीदने के प्रस्ताव के प्रमाण हैं. ऑडियो लीक होने के बाद जयपुर में व्यापारी संजय जैन को हिरासत में ले लिया गया है. जैन का नाम बीजेपी की तरफ से विधायकों तक पैसे पहुंचाने वाले के रूप में ऑडियो में लिया गया है.

इसी बीच, इन ऑडियो का संज्ञान लेते हुए कांग्रेस पार्टी ने दो विधायकों भंवर लाल शर्मा और विश्वेन्द्र सिंह को पार्टी से निलंबित कर दिया है. इसी के साथ पार्टी ने मांग की है कि केंद्रीय मंत्री गजेंद्र शेखावत के खिलाफ राजस्थान सरकार को गिराने की साजिश करने के लिए जांच हो और हवाले के जरिये पैसों के लेन-देन की इस पूरी प्रणाली की भी जांच हो.

कांग्रेस द्वारा मांग करने के बाद राजस्थान में शेखावत के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर दी गई है. दो विधायकों के पार्टी से निलंबित किए जाने पर पायलट खेमे को धक्का लगा है. कांग्रेस के सूत्रों का कहना है कि पायलट खेमे में वैसे भी अब सिर्फ सात विधायक बचे हैं, बाकी सब वापस जयपुर लौट चुके हैं और पार्टी से सुलह करने के इच्छुक हैं.

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