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राठौड़ को कड़ी सज़ा के समर्थन में सरकार

३० दिसम्बर २००९

क़ानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा है कि रुचिका मामले में सरकार पूर्व डीजीपी एसपीएस राठौड़ को कड़ी से कड़ी सज़ा दिए जाने का समर्थन करेगी. इस संबंध में सरकार राष्ट्रीय महिला आयोग से भी सहयोग पर विचार कर रही है.

जनहित याचिका का समर्थन करेगी सरकारतस्वीर: Wikipedia/LegalEagle

सरकार ने उस जनहित याचिका का भी समर्थन करने की बात कही है जिसमें राठौड़ को मौत की सज़ा देने की अपील की गई है.क़ानून मंत्री वीरप्पा मोइली ने कहा कि सरकार चाहेगी कि राष्ट्रीय महिला आयोग सुप्रीम कोर्ट से इस मामले में दख़ल देने की अपील करे और पूर्व डीजीपी को कड़ी सज़ा दिलाने की मांग करे.

तस्वीर: www.inewsindia.com

रुचिका के साथ यौन बदसलूक़ी के मामले में एसपीएस राठौड़ को 6 महीने की सज़ा दी गई है. क़ानून मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक़ महिला आयोग के ज़रिए सुप्रीम कोर्ट की दख़ल से इस मामले में आगे का रास्ता साफ़ हो सकता है.

हरियाणा के मुख्यमंत्री भूपिंदर सिंह हुड्डा ने आदेश दिया है कि इस केस से जुड़े हर पहलू की जांच होनी चाहिए और दोषियों को नहीं बख़्शा जाना चाहिए.

पूर्व डीजीपी के ख़िलाफ़ मंगलवार को दो एफ़आईआर दर्ज की गई थी जिसके चलते बुधवार को राठौड़ ने अग्रिम ज़मानत की याचिका दायर की थी लेकिन उन्हें राहत नहीं मिल सकी. अदालत पहुंचे और ग़ुस्से से भरे राठौड़ ने मीडिया पर बरसते हुए कहा कि जिस दिन यह साबित हो जाएगा कि न्यायिक मामलों में फ़ैसला देने का हक़ मीडिया का बनता है उस दिन वह मीडिया से बात करेंगे.

राठौड़ की वक़ील का कहना है कि उनके ख़िलाफ़ मामला तथ्यों को तोड़ मरोड़कर और फ़र्जी तरीक़े से दर्ज किया गया है और मीडिया में उनका ट्रायल हो रहा है.

हरियाणा पुलिस ने सात सदस्यों वाली स्पेशल इनवेस्टीगेशन टीम (एसआईटी)का गठन किया है. एसआईटी रुचिका गिरहोत्रा के पिता और उनके भाई की ओर से की गईं शिकायतों के आधार पर दर्ज मामलों की जांच करेगी. पूर्व डीजीपी राठौड़ और कुछ अन्य पुलिस अधिकारियों पर रुचिका के परिवार का उत्पीड़न करने, हत्या की कोशिश करने और डराने धमकाने जैसे आरोप लगाए गए हैं.

केंद्रीय गृह मंत्री पी चिदम्बरम ने रुचिका गेरहोत्रा के परिवारजनों और वकीलों से मुलाक़ात की है. आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला राठौड़ के ख़िलाफ़ दर्ज कराने पर विचार हुआ है.

1990 में हरियाणा की उभरती हुई टेनिस खिलाड़ी रुचिका गिरहोत्रा के साथ एसपीएस राठौड़ ने यौन बदसलूक़ी की थी. मामले को दबाने का ज़बरदस्त दबाव रुचिका और उसके परिवार पर डाला जा रहा था जिससे तंग आकर रुचिका ने 1993 में आत्महत्या कर ली थी.

रिपोर्ट: एजेंसियां/एस गौड़

संपादन: ए कुमार

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