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रामदेव के साथ मिल कर लड़ेंगे अन्ना हजारे

२ जून २०११

भ्रष्टाचार के खिलाफ मुहिम छेड़ने वाले समाजसेवी अन्ना हजारे ने योग गुरु रामदेव के आंदोलन का समर्थन किया है. रामदेव भ्रष्टाचार खत्म करने और विदेश में जमा काले धन को वापस लाने की मांग पर शनिवार से अनशन पर बैठ रहे हैं.

Indian activist Anna Hazare, 73, center, activist Swami Agnivesh, right, and yoga guru Ramdev applaud as supporters perform during Hazare's hunger strike against corruption in New Delhi, India, Friday, April 8, 2011. Hazare, harnessing the tactics of Mohandas K. Gandhi, has galvanized public anger at rampant corruption with a high-profile hunger strike demanding the government adopt immediate reforms. (AP Photo/Saurabh Das)
हजारे और रामदेव, साथ-साथतस्वीर: dapd

गांधीवादी सामाजिक कार्यकर्ता हजारे ने कहा कि सरकार सिस्टम में रचे बसे भ्रष्टाचार को उखाड़ फेंकना नहीं चाहती. उन्होंने कहा, "मैं 5 जून को बाबा रामदेव के आंदोलन में शामिल होऊंगा. यह लड़ाई भ्रष्टाचार के खिलाफ है. सरकार हमें धोखा देने की कोशिश कर रही है. सरकार ने हमें आश्वासन दिया था कि वह हमारी मांगों पर ध्यान देगी." हजारे रामदेव के साथ मिल कर इस मुद्दे पर मुहिम आगे बढ़ाने पर चर्चा करेंगे.

उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार ने लोकपाल बिल के मुद्दे पर नागरिक अधिकारियों के लिए काम करने वालों को धोखा दिया है और लोगों ने सरकार के विश्वासघात को महूसस किया है. हजारे ने कहा, "मैं बाबा रामदेव का समर्थन करूंगा ताकि सरकार वह न कर सके जो उसने हमारे संघर्ष के दौरान किया. हम मिल कर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ेंगे. हम जुबानी वादों से संतुष्ट नहीं होंगे."

नहीं रुकेगा अनशन

हजारे ने यह भी कहा कि योग गुरु लोगों में लोकप्रिय हैं. जहां भी वह जाते हैं, लोग उन्हें सुनते हैं. इससे पहले बुधवार को वित्त मंत्री प्रणव मुखर्जी के साथ अन्य केंद्रीय मंत्रियों कपिल सिब्बल, पवन कुमार बंसल और सुबोधकांत सहाय ने रामदेव से मिल कर उनसे अनशन न करने की अपील की, लेकिन योग गुरु ने कहा कि वह तय कार्यक्रम के अनुसार 4 जून से अपनी मुहिम शुरू करेंगे.

हजारे ने कहा, सरकार ने धोखा दियातस्वीर: UNI

सरकार चाहती है कि फिर उस तरह का माहौल तैयार न हो जो अप्रैल में हजारे के अनशन से हुआ. उस वक्त सरकार लोकपाल विधेयक लाने पर तो सहमत हो गई लेकिन इस बारे में अब तक कोई ठोस कदम सामने नहीं आए हैं. सरकार और सिविल सोसाइटी के बीच बिल के मसौदे को लेकर तीखे मतभेद बने हुए हैं. रामदेव चाहते हैं कि सरकार भ्रष्टाचार से निपटने और विदेशों में जमा काले धन को वापस लाने के लिए सिर्फ वादे न करे, कुछ करके दिखाए.

कांग्रेस में हलचल

इस बीच रामदेव के आंदोलन के मद्देनजर गुरुवार को सत्ताधारी कांग्रेस की कोर कमेटी की बैठक हो रही है जिसमें प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के अलावा पार्टी के कई वरिष्ठ नेता और मंत्री शामिल होंगे. कोर कमेटी की बैठक अकसर शुक्रवार को होती है लेकिन इस बार यह एक दिन पहले ही हो रही है. जाहिर है कि पार्टी रामदेव के आंदोलन को लेकर बेहद गंभीर है.

कुछ दिनों पहले राजनीतिक मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक में भी रामदेव के आंदोलन पर चर्चा की गई. प्रधानमंत्री ने रामदेव को पत्र लिख कर अनशन न करने की अपील की और उन्होंने भ्रष्टाचार से निपटने के "व्यावहारिक और ठोस" तरीके निकालने का आश्वासन दिया. कांग्रेस ने एयपोर्ट पर रामदेव की अगवानी के लिए चार मंत्रियों को भेजने के सरकार के फैसले से खुद को अलग किया. मंत्रियों को रामदेव को मनाने के लिए भेजा गया. पार्टी ने इस कदम को "गैरजरूरी" बताया और कहा कि इससे उसका "कोई लेना देना" नहीं है.

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः ए जमाल

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