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रास लानुफ फिर गद्दाफी के कब्जे में

३० मार्च २०११

लीबिया के तेल समृद्ध शहर रास लानुफ में कर्नल गद्दाफी की सेना ने कब्जे का दावा किया है. उन्होंने हथियारों की किल्लत का सामना कर रहे विद्रोहियों को भगा दिया. विद्रोहियों को हथियार देने पर विश्व समुदाय में बहस जारी है.

तस्वीर: dapd

विद्रोहियों को बिन जवाद और ब्रेगा शहर से हटना पड़ा क्योंकि लीबिया सशस्त्र सेनाएं रणनीतिक लिहाज से अहम शहरों को विद्रोहियों से वापस लेने के लिए पूर्व की दिशा में बढ़ रही हैं. गद्दाफी की सेनाएं रास लानुफ से भी विद्रोहियों को हटा रही है. वे टैकों और रॉकेटों के साथ कार्रवाई कर रही हैं.

तस्वीर: AP

संयुक्त राष्ट्र की ओर नो फ्लाई जोन लगाने के लिए शुरू की गई पश्चिमी देशों की कार्रवाई बुधवार को 11वें दिन में प्रवेश कर गई. मंगलवार को गठबंधन सेना ने लीबिया के कई हथियारों को ठिकानों पर बमबारी की.

लड़ाई के कारण लीबिया के कई इलाकों मानवीय सहायता पहुंचाना मुश्किल हो रहा है. देश के तीसरे सबसे शहर मिसराता में दवाइयों की किल्लत हो रही है. गद्दाफी के वफादार सैनिकों ने मंगलवार को मिसराता पर धावा बोला. यह शहर राजधानी त्रिपोली से 214 किलोमीटर पूर्व में है. विद्रोहियों के प्रवक्ता ने कहा कि शहर में नरसंहार होने का खतरा है. एक डॉक्टर के मुताबिक 18 मार्च से मिसराता में 142 लोग मारे गए हैं और 1,400 घायल हुए हैं. अंतरराष्ट्रीय प्रवासी संगठन का कहना है कि तीन लाख 82 लोग देश को छोड़ चुके हैं.

हथियार दें या न दें

लीबियाई विद्रोहियों की राजनीतिक शाखा अंतरिम राष्ट्रीय परिषद ने विश्व समुदाय से अपील की है कि उन्हें हथियार मुहैया कराए जाएं. अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने मंगलवार को एनबीसी न्यूज को दिए इंटरव्यू में कहा कि गद्दाफी को सत्ता से बेदखल करने के लिए अमेरिका विद्रोहियों को हथियार दे सकता है.

फ्रांस ने भी विद्रोहियों को हथियार मुहैया कराने से इनकार नहीं किया है. विदेश मंत्री एलें जुप्पे ने मंगलवार को लंदन में हुई बैठक के दौरान कहा कि फ्रांस इस बारे में बात करने को तैयार है. लेकिन रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावारोव ने कहा है कि विदेशी ताकतों को लीबियाई विद्रोहियों को हथियार देने का कोई अधिकार नहीं है. यह बात संयुक्त राष्ट्र परिषद में पारित जनादेश के खिलाफ है.

लावारोव ने कहा, "फ्रांसीसी विदेश मंत्री के बयान के बाद नाटो के प्रमुख अंदर्स फो रासमुसेन के मुताबिक लीबिया में जारी कार्रवाई का मकसद आम लोगों की रक्षा करना है, वहां हथियारों की आपूर्ति करना नहीं है. हम इस बात से सहमत हैं." लेकिन अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र के प्रतिबंधों के मुताबिक लीबिया में हाथियारों की आपूर्ति की मनाही है लेकिन यह पाबंदी अब लागू नहीं होती. उन्होंने कहा, "हम समझते हैं कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव में पूरी तरह पाबंदी में बदलाव या उसे खत्म करने की बात शामिल है. इसलिए कानूनी तौर पर वहां हथियार पहुंचाए जा सकते हैं, अगर कोई देश ऐसा करने को तैयार है."

रिपोर्टः एजेंसियां/ए कुमार

संपादनः वी कुमार

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