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राहिल शरीफ को पाकिस्तानी सेना की कमान

२८ नवम्बर २०१३

प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने लेफ्टिनेंट जनरल राहिल शरीफ को देश का अगला सेना प्रमुख बनाने का एलान किया है. जनरल अशफाक कियानी शुक्रवार को पाकिस्तानी सेना की कमान राहिल शरीफ के हाथों में सौंप देंगे.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

एक तरफ तालिबान की चुनौती है, दूसरी तरफ अफगानिस्तान में शांति बहाल करने में मदद के लिए अमेरिकी दबाव और उधर कश्मीर की सीमा पर चिर प्रतिद्वंद्वी भारत के साथ तनाव. इन सब के बीच उदार समझे जाने वाले लेफ्टिनेंट जनरल राहिल शरीफ सेना की बागडोर संभालेंगे. वह 1971 के भारत पाकिस्तान युद्ध के नायक रहे मेजर शब्बीर शरीफ के भाई हैं. एक ही उपनाम के बावजूद उनका प्रधानमंत्री नवाज शरीफ से कोई रिश्ता नहीं है.

प्रधानमंत्री शरीफ ने जल और बिजली मंत्री ख्वाजा मुहम्ममद आसिफ को देश का नया रक्षा मंत्री बनाने का भी एलान किया है. मई में पद संभालने के बाद से अब तक प्रधानमंत्री ने यह मंत्रालय अपने पास ही रखा था. प्रधानमंत्री ने एलान किया कि वह सेना को राजनीति से अलग रखना चाहते हैं लेकिन सेना अपनी पकड़ ढीली करेगी, इसकी उम्मीद कम दिखती है. रक्षा विश्लेषक हसन असकरी रिजवी का कहना है, "नवाज को यह जानना चाहिए कि चाहे राहिल शरीफ हों या कोई और सेना प्रमुख, वह प्रधानमंत्री के इशारों पर नहीं चलेगा. वह संगठन के मुताबिक ही चलेगा, शुरू से लेकर आखिर तक."

जरनल अशफाक कियानीतस्वीर: AP

राहिल शरीफ के साथ काम कर चुके एक पूर्व सैन्य अधिकारी ने बताया कि वे पाकिस्तान में अंदरूनी खतरों को भी उतना ही अहम मानते हैं जितना कि भारत से मिलने वाली चुनौतियों को. इस अधिकारी ने कहा, "शरीफ ने सेना को यह समझाने में बड़ी भूमिका निभाई है कि तहरीके तालिबान, पाकिस्तान और पाकिस्तान में मौजूद दूसरे चरमपंथी भी उतने ही खतरनाक हैं."

57 साल के शरीफ ने 1976 में सेना में कमीशन हासिल किया और जर्मनी, कनाडा, और ब्रिटेन में सैन्य नेतृत्व की पढ़ाई की. उन्होंने पैदल सेना की कई टुकड़ियों का नेतृत्व किया, इनमें कश्मीर के नियंत्रण रेखा के पास छठी फ्रंटियर रेजिमेंट भी शामिल है. देश की रणनीतिक नीतियों को नया रूप देने में उनकी भूमिका बेहद अहम रही है. 2007 में जनरल अशफाक कियानी के सेना प्रमुख बनने के बाद सेना ने रणनीतिक सिद्धांत को दोबारा तैयार करने की महत्वाकांक्षी योजना बनाई, जिसमें लेफ्टिनेंट जरनल राहिल शरीफ की बड़ी जिम्मेदारी रही. सेना के नए सिद्धांत में प्रतिद्वंद्वी भारत के साथ ही चरमपंथियों से मिल रही आंतरिक चुनौतियों को बराबर का जोखिम माना गया. सेना के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि नया सिद्धांत शरीफ ने ही तैयार किया है.

जनरल परवेज मुशर्रफतस्वीर: picture-alliance/dpa

राहिल शरीफ के भाई मेजर शब्बीर शरीफ पाकिस्तानी सेना के शूरवीरों में गिने जाते हैं. सेना के दो शीर्ष पुरस्कारों से सम्मानित मेजर शब्बीर शरीफ की जान भारत पाकिस्तान के बीच 1971 की लड़ाई के दौरान चली गई.

पाकिस्तानी सेना प्रमुख जनरल अशफाक कियानी ने छह साल तक सेना की कमान संभालने के बाद पिछले महीने एलान किया कि वह रिटायर हो रहे हैं. देश के नए नेताओं के सामने सेना प्रमुख चुनने की चुनौती काफी बड़ी थी. नवाज शरीफ ने 1999 में प्रधानमंत्री बनने के बाद जनरल परवेज मुशर्रफ को सेना प्रमुख नियुक्त किया और इसके एक साल बाद ही मुशर्रफ ने उनकी सत्ता पलट दी.

एनआर/एजेए (रॉयटर्स)

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