1. कंटेंट पर जाएं
  2. मेन्यू पर जाएं
  3. डीडब्ल्यू की अन्य साइट देखें

राहुल को जल्द बड़ी जिम्मेदारी संभालनी होगीः अय्यर

२० मई २०११

कांग्रेस नेता मणि शंकर अय्यर का कहना है कि परंपरा को निभाते हुए राहुल गांधी को जल्द बड़ी जिम्मेदारी निभानी होगी. राजीव गांधी की 20वीं बरसी पर अय्यर ने कहा कि कभी कभी 'हम' उनके रास्ते से भटक जाते हैं, पर फिर लौट आते हैं.

Former Union Minister Mani Shankar Aiyar addressing the media after leading a 35-member MCC Business Delegation to Bangladesh, on Thursday in Kolkata. Der indische Politiker und frühere Minister Mani Shankar Aiyar bei einer Pressekonferenz in Kolkata.
अय्यर राजीव के करीबी रहेतस्वीर: UNI

मणि शंकर अय्यर राजीव गांधी से प्रेरणा लेकर विदेश सेवा की नौकरी छोड़ कर 1989 में राजनीतिक में आए. वह राजीव गांधी के काफी करीबी रहे. डॉयचे वेले से बातचीत में उन्होंने कहा, "जवाहर लाल नेहरू 1889 में पैदा हुए और 40 साल की उम्र में 1929 में कांग्रेस के अध्यक्ष बने. इंदिरा जी 1917 में पैदा हुईं और 1957 में चालीस साल की उम्र में कांग्रेस अध्यक्ष बनीं. राजीव जी 1944 में पैदा हुए और 40 साल की उम्र में 1984 में कांग्रेस अध्यक्ष और देश के प्रधानमंत्री बने. लंबी विरासत है इस परिवार के अंदर. राहुल गांधी पैदा हुए 1970 में और जून महीने में वह 41 साल के हो जाएंगे. तो विरासत को ध्यान में रखते हुए उन्हें चंद दिनों के भीतर बड़ी जिम्मेदारी निभानी ही होगी."

राजीव गांधी के साथ अपने अनुभवों पर वह कहते हैं, "बहुत मेहनतकश आदमी थे. उनके मन में हमेशा नई नई कल्पनाएं आती रहती थीं. दिल से, दिमाग से, आत्मा से और 100 प्रतिशत धर्मनिरपेक्ष व्यक्ति थे. उनको हिंदुस्तान पर बहुत गर्व था."

पिता राजीव की मौत के बाद मां सोनिया और बहन प्रियंका के साथ राहुल गांधीतस्वीर: picture-alliance/dpa

जब उनसे पूछा गया कि क्या राजीव गांधी की विरासत को भारत या कांग्रेस पार्टी सही से संभाल पाई है, तो उन्होंने कहा, "मैं नहीं समझता कि हम हमेशा राजीव के सिद्धांत और सोच के प्रति वफादार रहेंगे. लेकिन शुक्र है कि किसी न किसी तरह हम अलग हो भी गए तो वापस वहां आ जाते हैं. उस विरासत को हम कायम रखेंगे. उसमें चार चीजें बहुत जरूरी हैं. पहला लोकतंत्र और पंचायती राज. दूसरा अपने हालात के मुताबिक समाजवाद, तीसरा अपनी आवाज को स्वतंत्र बनाए रखना और चौथा धर्मनिरपेक्षता."

तेजी से उभरते हुए भारत में राजीव गांधी के योगदान के सवाल पर अय्यर कहते हैं कि राजीव गांधी ऐसी उभरती हुए सुपर पावर भारत को नहीं बनाना चाहते थे जो दूसरे देशों के मामलों में हस्तक्षेप करे, बल्कि वह गांधीजी के अहिंसा के रास्ते पर पूरे विश्व को बिरादरी समझने पर जोर देते थे. अपनी खरी बातों के लिए मशहूर अय्यर कहते हैं कि जब देश की 70 से 80 फीसदी आबादी गरीबी से जूझ रही है तो उभरती हुई सुपरपावर बनने का क्या मतलब रह जाता है.

रिपोर्टः अशोक कुमार

संपादनः एस गौड़

इस विषय पर और जानकारी को स्किप करें

इस विषय पर और जानकारी

और रिपोर्टें देखें
डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी को स्किप करें

डीडब्ल्यू की टॉप स्टोरी

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें को स्किप करें

डीडब्ल्यू की और रिपोर्टें