हमले में कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कोई चोट नहीं आयी. काफिले पर हमला गुजरात के बनासकंठा में हुआ. कांग्रेस के मुताबिक बाढ़ प्रभावित इलाके का दौरा करते समय राहुल के काफिले पर सीमेंट वाली ईंटें फेंकी गयी. घटना की जानकारी देते हुए कांग्रेस के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा, "कार को नुकसान पहुंचा है, एक खिड़की टूट चुकी है. एक एसपीएस (स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप) का जवान घायल हुआ है."
कांग्रेस ने इस हमले के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहराया है. सिंघवी के मुताबिक, "यह एक कायराना हमला है. क्या उन्हें लगता है कि वे विपक्ष को चुप करा सकते हैं, वे हिंसा से किसी भी झुका सकते हैं?"
कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने हमलावरों को बीजेपी के "गुंडे" करार दिया. सूरजेवाला ने तस्वीरें भी ट्वीट की है.
वहीं बीजेपी के नेता कैलाश विजवर्गीय ने कांग्रेस के आरोपों का खंडन किया है. विजयवर्गीय के मुताबिक, "हमें नहीं पता कि यह हमला असली है या गुप्त रूप से रचा गया है."
पुलिस ने पत्थर फेंकने वाले शख्स को हिरासत में ले लिया है. बनासकंठा बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित इलाकों में से एक है. इस इलाके से कांग्रेस के छह विधायक आते हैं. लेकिन किसी भी विधायक ने अपने क्षेत्र में जाकर लोगों की सुध नहीं ली. गुजरात के 43 कांग्रेसी विधायक इस वक्त बेंगलूरू के लक्जरी रिजॉर्ट में हैं. पार्टी को लगता है कि राज्य सभा चुनाव से पहले विधायक टूट सकते हैं. छह विधायकों के इस्तीफा देने के बाद कांग्रेस ने 44 विधायकों को बेंगलूरू पहुंचाया.
(जूता झेलने वाली हस्तियां)
किसी को जूता दिखाना अरब संस्कृति से लेकर भारतीय संस्कृति तक में अपमानजनक माना जाता है. और उससे किसी को मारना तो उससे भी बड़े अपमान की बात होती है. देखिए किन नेताओं और दूसरी मशहूर शख्सियतों पर फेंके गए जूते.
तस्वीर: Getty Images/J. Raedleउत्तर प्रदेश के आने वाले विधानसभा चुनावों के लिए समर्थन जुटाने के मकसद से राज्य में रोड शो कर रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी पर सीतापुर में जूता फेंका गया. 24 सितंबर 2016 की घटना में गांधी तो जूते से बच गए लेकिन हमलावर सुरक्षाबलों की पकड़ में आने से नहीं बच पाया.
तस्वीर: picture-alliance/dpa28 जनवरी 2016 को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर पीके राय नाम के एक व्यक्ति ने जूता फेंका और तुरंत गिरफ्तार कर लिया गया. जूता मंच पर बैठे कुमार तक पहुंच नहीं पाया. समस्तीपुर का ये जूता फेंकने वाला आदमी अपनी शिकायतों की सुनवाई ना होने से नाराज था.
तस्वीर: Sajjad HussainAFP/Getty Imagesबिहार के मुख्यमंत्री रहे मांझी पर 5 जनवरी 2015 को राजधानी पटना में एक आदमी ने जूते से निशाना साधा था. मुख्यमंत्री के निवास पर लगने वाले साप्ताहिक 'जनता दरबार' के दौरान यह घटना हुई. हमलावर की पहचान छपरा जिले के अमितेश के रूप में हुई. उसे गुस्सा था कि सरकार ने दो साल से उसकी शिकायत दूर नहीं की.
तस्वीर: UNI15 अगस्त 2014 को पंजाब के लुधियाना में एक बेरोजगार युवक विक्रम सिंह ने मंच पर बैठे राज्य के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल पर जूता फेंका था.
तस्वीर: AP10 अप्रैल 2014 को अमेरिका में नेवादा के लास वेगस में एक कॉन्फ्रेंस में बोल रही डेमोक्रैट नेता हिलेरी क्लिंटन पर एर महिला विरोधी प्रदर्शनकारी ने जूता फेंका था. हालांकि क्लिंटन को जूता लगा नहीं और बाद में उन्होंने इस बात का मजाक भी बनाया.
तस्वीर: Reuters29 मार्च 2013 को कराची के एक वकील तज्जमुल लोधी ने जनरल मुशर्रफ पर जूता फेंका था. तब सिंध हाई कोर्ट से निकल रहे मुशर्रफ को जूता उनकी नाक पर जाकर लगा था. हमलावर उन्हें पाकिस्तान में लोकतंत्र को बर्बाद करने का जिम्मेदार मानता था.
तस्वीर: Reuters6 फरवरी 2013 को मिस्र की राजधानी काहिरा में एक मिस्रवासी ने तत्कालीन ईरानी राष्ट्रपति अहमदीनेजाद पर जूता पेंका लेकिन उसका निशाना चूक गया.
तस्वीर: Getty Imagesदूसरी बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने केजरीवाल पर 22 अप्रैल 2016 को 28 साल के वेद प्रकाश ने जूता फेंका. हमलावर खुद भी एक राजनीतिक दल का नेता था, लेकिन हिरासत में लिए जाने के बाद कोर्ट ने गंभीर बीमारी हिपेटाइटिस का शिकार होने के कारण उसे माफी दे दी.
तस्वीर: picture alliance/Anil Shakya26 अप्रैल 2009 को एक चुनावी रैली के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री सिंह पर अहमदाबाद में जूता फेंका गया. 28 साल के हमलावर को पुलिस ने तुरंत पकड़ लिया लेकिन सिंह ने उस पर कोई आरोप नही लगाया और उसे जाने दिया गया.
तस्वीर: APइसी साल 2009 में 16 अप्रैल को विपक्षी दल बीजेपी के प्रमुख नेता और एनडीए गठबंधन की ओर से प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर उतरे आडवाणी पर उन्हीं की पार्टी के एक कार्यकर्ता पावस अग्रवाल ने मध्य प्रदेश के कटनी में जूता फेंका.
वरिष्ठ कांग्रेसी नेता और गृह मंत्री चिदंबरम पर 7 अप्रैल 2009 को एक सिख पत्रकार जरनैल सिंह ने जूता फेंका. सिंह ने 1984 के सिख दंगे के मामले में कांग्रेसी नेता जगदीश टाइटलर को सीबीआई के क्लीन चिट दिए जाने पर सवाल पूछा और उन पर जूता फेंक दिया.
तस्वीर: UNIयह घटना 14 दिसंबर 2008 की है जब अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति जॉर्ज डब्ल्यू बुश इराकी प्रधानमंत्री के निवास पर आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित कर रहे थे. मुंतदर अल-जैदी नाम के एक पत्रकार ने इराक युद्ध में लोगों के मारे जाने पर अपने गुस्से का इजहार करते हुए बारी बारी दोनों जूते बुश की ओर फेंके, लेकिन बुश दोनों बार बच गए.
तस्वीर: Getty Images/J. Raedle ओएसजे/आरपी (पीटीआई)