कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फिल्म 'पद्मावत' को लेकर करणी सेना के समर्थकों द्वारा हरियाणा के गुरुग्राम में एक स्कूली बस पर हमला करने की घटना को लेकर बीजेपी पर निशाना साधा है.
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राहुल ने भाजपा पर हिंसा और घृणा की राजनीति करने का आरोप लगाया. राहुल ने बुधवार को संजय लीला भंसाली की फिल्म के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों में गुरुग्राम की बस पर करणी सेना के समर्थकों द्वारा हमला करने का वीडियो वायरल होने के कुछ घंटों बाद ट्वीट कर कहा, "बच्चों के खिलाफ हिंसा को जायज ठहराने के लिए कोई भी कारण नहीं हो सकता. हिंसा और नफरत कमजोर लोगों के हथियार हैं. भाजपा नफरत और हिंसा की राजनीति कर पूरे देश आग में लगा रही है."
इस वीडियो में बच्चे सीट के नीचे डर से दुबकते हुए नजर आ रहे हैं.
इन प्रदर्शनों के तहत हरियाणा रोजवेज की बस में आग लगा दी गई और पद्मावत की रिलीज का विरोध कर रहे लगभग 50 लोगों के एक समूह ने गुरुग्राम जिले के भोंडसी क्षेत्र में भी एक बस पर हमला किया. उग्र भीड़ ने गुरुग्राम-अलवर राष्ट्रीय राजमार्ग पर तैनात हरियाणा पुलिसकर्मियों पर पथराव किया, जिसमें कुछ पुलिसकर्मी घायल हो गए.
पथराव में स्कूली बच्चों और स्टाफ को लेकर जा रही बस क्षतिग्रस्त हो गई. हालांकि इस घटना में कोई भी घायल नहीं हुआ. तस्वीरों में बस की खिड़कियों के टूटे शीशे बस के अंदर यहां-वहां बिखरे देखे जा सकते हैं. इस हमले के बाद गुरुग्राम के कई स्कूलों को 29 जनवरी तक के लिए बंद कर दिया गया है.
ये हैं बॉलीवुड की सबसे विवादित फिल्में
फिल्मों को समाज का आईना कहा जाता है. लेकिन कई मामलों में इस आईने को कभी विवाद तो कभी टकराव का सामना करना पड़ा. कुछ फिल्मों पर प्रतिबंध भी लगे तो कुछ ने लोगों का गुस्सा भी झेला. बॉलीवुड की सबसे विवादित कुछ फिल्में.
इंदिरा गांधी के राजनीतिक सफर पर बनी यह फिल्म कांग्रेस के शासन काल में बैन रही. जब सत्ता परिवर्तन हुआ तो इस फिल्म से बैन हटा लिया गया और इसे दूरदर्शन पर भी दिखाया गया.
तस्वीर: Mehboob Studio
इंसाफ का तराजू
बीआर चोपड़ा के निर्देशन और अभिनेता राज बब्बर के अभिनय वाली फिल्म इंजाफ का तराजू भी विवादों में रही. फिल्म में 13 साल की बच्ची के साथ रेप सीन दिखाया गया था जिसका जमकर विरोध किया गया.
बेंडिट क्वीन
फूलन देवी की जिंदगी पर शेखर कपूर की यह फिल्म बॉलीवुड की बेहद ही विवादित फिल्मों में से एक है. फिल्म में न्यूड और रेप सीन के साथ-साथ गालियों का भी इस्तेमाल किया गया था जिसे लेकर विवाद पैदा हुआ.
साल 1993 के मुंबई बम धमाकों की पृष्ठभूमि पर आधारित इस फिल्म के प्रदर्शन पर दो साल तक रोक लगी रही. ऐसा कहा गया कि फिल्म का प्रदर्शन न्यायिक जांच और निर्णय को प्रभावित कर सकता है.
तस्वीर: Jhamu Sughand/Adlabs films
किस्सा कुर्सी का
भारत की पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके बेटे संजय गांधी की राजनीतिक शैली पर तंज कसती इस फिल्म पर आपातकाल के दौरान प्रतिबंध लगा दिया गया था. फिल्म में शबाना आजमी, उत्पल दत्त जैसे मंझे हुए कलाकार थे.
तस्वीर: Badri Prasad Joshi
फिराक
नंदिता दास की यह फिल्म साल 2002 के गुजरात दंगों पर आधारित थी. फिल्म को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर कई अवॉर्ड और सम्मान मिले. लेकिन इस फिल्म पर गुजरात में प्रतिबंध रहा और उसे वहां रिलीज नहीं किया गया.
तस्वीर: Percept Picture Company
फायर
शबाना आजमी और नंदिता दास के अभिनय वाली इस फिल्म में लेस्बियन थीम को दिखाया गया था. महाराष्ट्र में शिव सेना और बजरंग दल जैसे कई राजनीतिक गुटों ने इस फिल्म की थीम का विरोध किया. विवादों के बीच यह सवाल भी उठा कि क्या भारत नए सिनेमा के लिए तैयार नहीं है.
तस्वीर: Kaleidoscope Entertainment
वाटर
दीपा मेहता की फिल्म वाटर, आश्रम में रहने वाली विधवाओं की जिंदगी को दिखाती है. फिल्म को हिंदु समाज की मान्यताओं को ठेस पहुंचाने वाला बताया गया और इसके पोस्टरों को भी जलाया गया. लोगों ने फिल्म निर्माण में भी बाधा पहुंचाई.
आरक्षण
जातिगत आरक्षण जैसे संवेदनशील विषय को दिखाती इस फिल्म पर उत्तर प्रदेश, पंजाब और आंध्र प्रदेश में बैन लगा दिया. हालांकि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद इस बैन को हटाया गया. इस फिल्म में अमिताभ बच्चन, दीपिका पादुकोण मुख्य भूमिकाओं में थे.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
ओह माई गॉड
भारत की धार्मिक मान्यताओं और इसकी स्थिति को अच्छे से प्रस्तुत करने के लिए फिल्म की तारीफ की गई. लेकिन विवाद भी इससे दूर नहीं रहे. हिंदुवादी संगठनों ने विरोध कर कहा कि यह हिंदुओं की भावनाओं को आहत करती है. इस फिल्म पर संयुक्त अरब अमीरात में भी प्रतिबंध लगाया गया.
तस्वीर: picture alliance/AP Photo/K.Jebreili
मद्रास कैफे
जान अब्राहम अभिनीत यह फिल्म पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या की पृष्ठभूमि पर आधारित थी. इसमें श्रीलंकाई गृह युद्ध में भारतीय दखल को दिखाया गया था. तमाम तमिल समूहों ने इस फिल्म पर प्रतिबंध की मांग की थी.
पीके
आमिर खान और अनुष्का शर्मा की इस फिल्म ने एक बड़ी बहस छेड़ी थी. फिल्म में दिखाया गया था कि कुछ मान्यताएं और रीति रिवाज अंधविश्वास से भरे हुए हैं. जिसके चलते विवाद खड़ा हुआ था.
तस्वीर: STRDEL/AFP/Getty Images
माय नेम इज खान
साल 2010 में फिल्म के रिलीज के आसपास अभिनेता शाहरुख खान ने कहा था कि वे चाहते हैं कि आईपीएल टूर्नामेंट में पाकिस्तानी खिलाड़ी भी हिस्सा लें. बस फिर क्या था, शिवसेना समेत तमाम हिंदूवादी संगठनों ने फिल्म की रिलीज पर मुश्किलें खड़ी कीं.
तस्वीर: Twentieth Century Fox
फना
फिल्म के रिलीज से पहले अभिनेता आमिर खान ने नर्मदा बांध की ऊंचाई बढ़ाने को लेकर एक बयान दिया था. जिसके बाद गुजरात की तत्कालीन भाजपा सरकार ने राज्य में न सिर्फ फिल्म के रिलीज पर प्रतिबंध लगा दिया था बल्कि आमिर द्वारा प्रचार किए जाने वाले सभी उत्पादों को भी बैन कर दिया था.
बूम
कैटरीना कैफ अपनी इस पहली फिल्म को अब शायद याद भी न रखना चाहें. फिल्म में गुलशन ग्रोवर और कैटरीना कैफ का एक किसिंग सीन था जिसे बाद में हटाया गया था. लेकिन फिल्म को सॉफ्ट पोर्न कहा गया था, जिसके चलते विवाद हुआ.
तस्वीर: Kaizad Gustad
हैदर
कश्मीर की पृष्ठभूमि पर बनी इस फिल्म में भारतीय सेना की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए. एक बड़ा गुट इसका विरोध करता रहा साथ ही फिल्म के बॉयकॉट का आह्वान भी किया गया. फिल्म में शाहिद कपूर, तब्बू, श्रद्धा कपूर मुख्य भूमिकाओं में थे.
तस्वीर: Reuters/J. Penny
लम्हा
अभिनेत्री बिपाशा बसु अभिनीत इस फिल्म में कश्मीर मुद्दे को दिखाया गया. लेकिन अपने संवेदनशील विषय के चलते फिल्म सऊदी अरब, पाकिस्तान, बहरीन, कुवैत, कतर, ओमान, संयुक्त अरब अमीरात में बैन है. संयुक्त अरब अमीरात के सेंशरशिप बोर्ड ने फिल्म को बेहद ही विवादित और आपत्तिजनक कहा.
तस्वीर: AP
द डर्टी पिक्चर
सिल्क स्मिता के जीवन पर बनी यह फिल्म एक तो इसके पोस्टर के चलते विवादों में रही. वहीं दूसरा कारण था इसके अदालती पचड़े. सिल्क स्मिता के भाई ने फिल्म निर्देशकों को अदालती नोटिस भेजा.
तस्वीर: ALT Entertainment/Balaji Motion Pictures
परजानिया
गुजरात दंगों पर आधारित इस फिल्म को गुजरात में नहीं दिखाया जा रहा था. लेकिन एक सामाजिक संस्था की मुहिम के बाद इस संवेदनशील फिल्म को गुजरात के कुछ हिस्सों में दिखाया गया.
तस्वीर: AP
एक छोटी सी लव स्टोरी
इस फिल्म की अभिनेत्री मनीषा कोईराला ने ही फिल्म के रिलीज पर बैन की मांग की थी और अदालत का दरवाजा खटखटाया था.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
रंग दे बंसती़
आमिर खान अभिनीत इस फिल्म में मामला भावनाओं से जु़ड़ा नहीं था बल्कि यहां पशु संरक्षण और पशु अधिकारों की बात की गई. भाजपा नेता मेनका गांधी ने फिल्म में घोड़े के इस्तेमाल पर सवाल उठाया था.
तस्वीर: picture alliance/dpa
लिपिस्टिक अंडर माय बुर्का
फिल्म निर्माता प्रकाश झा की फिल्म लिपिस्टक अंडर माय बुर्का को सेंसर बोर्ड ने प्रमाणित करने से मना कर दिया था. बोर्ड ने कहा था कि यह एक महिला प्रधान फिल्म है जो असल जिदंगी के परे है. बोर्ड ने कहा कि इसमें विवादास्पद यौन दृश्य, अपमानजनक शब्द और ऑडियो पोर्नोग्राफी शामिल है जो समाज के एक खास तबके के प्रति अधिक संवेदनशील है.
शाहिद कपूर अभिनीत फिल्म उड़ता पंजाब को लेकर बोर्ड और फिल्म निर्माताओं के बीच बड़ा विवाद हुआ था. पंजाब में नशे की समस्या पर बनी इस फिल्म में बोर्ड ने 89 कट सुझाये थे. मामला हाई कोर्ट पहुंचा और अदालत ने एक कट के साथ इसे रिलीज करने की अनुमति दी.
तस्वीर: Phantom Production/Balaji Motion Pictures
मैंसेजर ऑफ गॉड
इस फिल्म को सेंसर बोर्ड ने रिलीज सर्टिफिकेट देने से इनकार कर दिया था और मामले को समीक्षा समिति के पास भेजा था. बोर्ड ने फिल्म निर्माता-निर्देशक, लेखक अभिनेता गुरमीत राम रहीम सिंह के स्वयं को देवता के रूप में पेश किये जाने पर विरोध जताया था. लेकिन फिल्म को प्रमाणन अपीलीय ट्रिब्यूनल ने स्क्रीनिंग की मंजूरी दी. इसके बाद तत्कालीन बोर्ड अध्यक्ष लीला सैमसन ने इस्तीफा दे दिया.
तस्वीर: picture alliance/Pacific Press/A. Khan
जॉली एलएलबी 2
भारतीय न्यायिक व्यवस्था पर व्यंग्य करती अभिनेता अक्षय कुमार की फिल्म जॉली एलएलबी-2 पर सेंसर बोर्ड ने नहीं, बल्कि बंबई हाई कोर्ट ने कट लगाने का आदेश दिया था. कोर्ट ने कहा था कि फिल्म से उन दृश्यों को हटाया जाए जो वकीलों की गलत छवि पेश करते हैं.