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राहुल पर भारी नरेंद्र मोदी

२५ जनवरी २०१३

चिंतन करने के बाद कांग्रेस के सभी नेता कह चुके हैं कि राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनाया जाए. लेकिन अगर बीजेपी की तरफ से नरेंद्र मोदी मैदान में उतरे तो राहुल की हालत खस्ता हो जाएगी. सर्वेक्षण यही कहते हैं.

तस्वीर: AP

12,823 लोगों से बातचीत के आधार पर इंडिया टु़डे पत्रिका ने सर्वे है. पत्रिका ने एक सवाल यह भी पूछा कि भारत के लिए बढ़िया प्रधानमंत्री कौन होगा. 36 फीसदी लोगों ने गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी नेता नरेंद्र मोदी का नाम लिया. कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी 22 फीसदी लोगों की पसंद हैं. राहुल को पांच में सिर्फ एक व्यक्ति ने प्रधानमंत्री पद के योग्य माना.

मोदी बनाम राहुल

सर्वे के मुताबिक भारत इस वक्त अपने अंदरूनी मसलों से जूझ रहा है. आए दिन घोटालों की खबर आ रही है. आर्थिक विकास गिरता जा रहा है. महंगाई बरकरार है. ऐसे में ज्यादातर लोग नरेंद्र मोदी को देश को आगे ले जा सकने वाले सशक्त नेता के रूप में देख रहे हैं. राहुल गांधी की नेतृत्व क्षमताओं पर जनता शक करने लगी है. 42 साल के राहुल कई बार आग्रह या पेशकश के बावजूद अब तक तक मंत्री नहीं बने हैं.

राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि तीसरी बार गुजरात के मुख्यमंत्री बने मोदी को आने वाले समय में बीजेपी प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर पेश करेगी. गुजरात के गरीब परिवार से आने वाले नरेंद्र मोदी की छवि ईमानदार प्रशासक की है, लेकिन उनकी राह में सबसे बड़ी बाधा उनका अतीत है. मोदी के कार्यकाल में गुजरात में 2002 में भीषण दंगे हुए. दंगों में 2,000 लोग मारे गए, जिनमें ज्यादातर मुसलमान थे. मोदी पर आरोप हैं कि उन्होंने दंगों को रोकने के लिए कोई कदम नहीं उठाया. दंगों के 10 साल बीतने और तीसरी बार मुख्यमंत्री बनने के बाद मोदी ने बहुत घुमा-फिराकर माफी जरूर मांगी.

मुश्किलों से भरा है राहुल और कांग्रेस का रास्तातस्वीर: picture-alliance/dpa

न हाथ हिलेगा, न कमल खिलेगा

भारत में सरकार ने अगर कार्यकाल पूरा किया तो 2014 में लोकसभा चुनाव होंगे. सर्वे के मुताबिक चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों को निराश होना पड़ेगा. सर्वे ने 2014 के चुनावों में कांग्रेस और उसकी सहयोगी पार्टियों को 552 में से 152-162 सीटें मिलने का अनुमान लगाया है. बीजेपी और उसकी गठबंधन पार्टियों (एनडीए) को 198 से 208 सीटें मिलने का अनुमान है. सरकार बनाने के लिए संसद में 272 से ज्यादा सीटों की जरूरत होती है.

सर्वेक्षण के मुताबिक मतदाता बीजेपी और कांग्रेस जैसी दिग्गज राष्ट्रीय पार्टियों से खीझ रहे हैं, जिसका सीधा फायदा स्थानीय दलों को होगा. कांग्रेस को उसके कार्यकाल में हुए कई घोटालों का नुकसान उठाना पड़ सकता है. विपक्षी पार्टी बीजेपी कांग्रेस की कमजोर स्थिति का फायदा उठा सकती थी, लेकिन बीजेपी ने पूर्व अध्यक्ष नितिन गडकरी का बचाव कर अपने पैर पर कुल्हाड़ी मारी है. सर्वे में शामिल हुए लोगों ने माना कि गडकरी के मामले ने बीजेपी की प्रतिष्ठा को गहरी ठेस पहुंचाई है.

बीजेपी इस बात का अंदाजा लगा चुकी है. यही वजह है कि पार्टी ने 23 जनवरी को नितिन गडकरी को दोबारा अध्यक्ष नहीं चुना. माना जा रहा था कि गडकरी फिर से अध्यक्ष बनेंगे लेकिन आखिरी वक्त में पार्टी ने उत्तर प्रदेश के नेता राजनाथ सिंह को बीजेपी की बागडोर दे दी. नितिन गडकरी की कंपनियों के खिलाफ आयकर विभाग जांच कर रहा है. आरोप हैं कि गडकरी की कंपनियों में काला धन लगा है.

ओएसजे/एमजे (एएफपी)

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