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"रिकॉर्ड को सबसे बड़ा खतरा खुद सहवाग से"

९ दिसम्बर २०११

दुनिया के सबसे विस्फोटक बल्लेबाज वीरेंद्र सहवाग ने भले ही 219 रन बना कर वनडे में सबसे बड़ा स्कोर खड़ा कर दिया हो. लेकिन उनके कोच का कहना है कि इस रिकॉर्ड को किसी और से नहीं, खुद वीरू से सबसे ज्यादा खतरा है.

तस्वीर: AP

स्कूल के दौर में ही सहवाग की प्रतिभा पहचान लेने वाले एएन शर्मा को इस बात का श्रेय जाता है कि उन्होंने कभी भी उनके उनमुक्त खेल पर अंकुश लगाने की कोशिश नहीं की. शर्मा वीरू के इस प्रदर्शन से बहुत ज्यादा आश्चर्यचकित नहीं हैं. उनका कहना है कि यह तो बहुत पहले हो जाना चाहिए था.

शर्मा का कहना है, "ईमानदारी से पूछा जाए तो मैं तो समझता था कि उन्हें सचिन तेंदुलकर से भी पहले यह काम कर देना चाहिए था. मैं तो अब इस बात को भी भूल गया कि मैंने कितनी दफा उससे कहा है कि उसे सिर्फ 40 ओवर तक बैटिंग करनी है, बाकी का काम खुद हो जाएगा. उसे इससे ज्यादा ओवरों की जरूरत नहीं. वह एक शानदार खिलाड़ी है."

उसी ने बनाया, वही तोड़ेगा

शर्मा को इस बात का भी इत्मिनान है कि सहवाग ने जो रिकॉर्ड बनाया है, उसे खुद वही तोड़ सकते हैं, "मैं समझता हूं कि वह इससे बेहतर कर सकता है. उसे सिर्फ एक ऐसे विकेट पर मैच खेलने की जरूरत है, जहां गेंद बल्ले पर आ रही हो और आउटफील्ड तेज हो. बाकी का काम मुश्किल नहीं है."

तस्वीर: AP

वेस्ट इंडीज के खिलाफ चौथे वनडे में वीरेंद्र सहवाग ने 149 गेंदों में 25 चौके और सात छक्कों की मदद से 219 रन बना कर आउट हो गए. इस तरह वनडे में दोहरा शतक बनाने वाले वह दूसरे खिलाड़ी बन गए. उनसे पहले सचिन तेंदुलकर ने नाबाद 200 रन बनाए थे और निर्धारित 50 ओवर पूरे हो गए थे. लेकिन सहवाग जिस वक्त आउट हुए, उस वक्त कई ओवर बच रहे थे.

सहवाग के कोच का कहना है कि टेस्ट मैचों का रिकॉर्ड भी कायदे से वीरू के ही नाम होना चाहिए. उन्होंने कहा, "जाहिर है कि यह काम आसान नहीं है लेकिन सहवाग जितनी तेजी से रन बनाते हैं, उसे देखते हुए उनके नाम को खारिज नहीं किया जा सकता है." उन्होंने कहा कि टेस्ट में 400 रन का स्कोर खड़ा करने के लिए आपको दूसरे दिन भी क्रीज पर आना होगा, गेंद पर नजर जमानी होगी और फिर वहां से अपनी बल्लेबाजी आगे बढ़ानी होगी.

भयंकर है, तो भला है

वीरू की विध्वंसकारी बल्लेबाजी से भले ही विपक्षी टीम के गेंदबाज थरथराते हों लेकिन उनके कोच खुश होते हैं. शर्मा का कहना है, "सबसे अच्छी बात है कि वह किसी बड़े रिकॉर्ड को हावी नहीं होने देता. अगर वह 94 पर भी खेल रहा हो, तो छक्के के साथ शतक पूरा करना चाहता है. वह ऐसे ही खेलता है और मैंने कभी इसमें छेड़खानी नहीं की."

लेकिन शर्मा ने सहवाग के फुटवर्क के साथ छेड़खानी जरूर की है. उनका कहना है, "उसकी आदत थी कि वह अपने शॉट्स खेलने के लिए जब बैक फुट पर जाता था, तो अपना पैर क्रीज से बाहर ले जाता था. उसे रोकने के लिए मैंने उसके पैर में रस्सी बांध दी और दूसरा सिरा पोल से जोड़ दिया. इस तरह प्रैक्टिस करने पर उसकी गलती सुधर गई."

तस्वीर: AP

वीरू ने किया, तो अच्छा

अपनी कातिलाना बल्लेबाजी की वजह से सहवाग क्रिकेट में अद्भुत रोमांच पैदा कर देते थे, बल्कि दर्शकों के लिए भी इसे यादगार बना देते थे. यही वजह है कि कई लोग उनकी तुलना विवियन रिचर्ड्स से करते हैं.

जिस सचिन तेंदुलकर को सहवाग अपना सबसे बड़ा आदर्श मानते हैं, उन्होंने भी आखिरी ओवरों में सहवाग की बल्लेबाजी देखी. सचिन बेहद खुश हैं कि उनका रिकॉर्ड सहवाग ने तोड़ा. ऑस्ट्रेलिया पहुंच कर सचिन ने कहा, "मैंने आखिरी ओवरों में उनकी बल्लेबाजी देखी. मैं उनके लिए बेहद खुश हूं. मैं इस बात के लिए भी खुश हूं कि मेरा रिकॉर्ड मेरी ही टीम के किसी खिलाड़ी ने, किसी भारतीय ने तोड़ा."

रिपोर्टः रॉयटर्स, एएफपी/ए जमाल

संपादनः ओ सिंह

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