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'रिटायर होने की उम्र हटा दी जाए'

१ अक्टूबर २०१२

अगले दस साल मे दुनिया की एक अरब से ज्यादा आबादी 60 साल से ऊपर की हो जाएगी. विकास के पायदान पर पिछड़े हुए देश इस स्थिति से निबटने के लिए पूरी तरह तैयार नहीं है.

तस्वीर: picture-alliance/Frank May

इक्कीसवीं सदी में बुढ़ापा (एजिंग इन द ट्वेन्टी फर्स्ट सेंचुरी) यह रिपोर्ट संयुक्त राष्ट्र के जनसंख्या कोष यूएनएफपीए और गैर सरकारी संगठन हेल्पएज इंटरनेशनल ने सोमवार को जारी की है. यह दिन उम्रदराज लोगों का अंतरराष्ट्रीय दिन भी है. इस रिपोर्ट में उम्र से जुड़ी स्वास्थ्य और सामाजिक सेवाओं की स्थिति पर चेतावनी दी गई है. क्योंकि तेजी से बुजुर्ग होती जनसंख्या के कारण नीतियों में बदलाव लाना होगा.

दोनों संस्थाओं ने साझा बयान में कहा, "कई विकासशील देशों में युवा जनसंख्या बहुत ज्यादा. चुनौती यह है कि सरकारों ने ऐसी नीतियां और योजनाएं नहीं बनाई हैं जो हाल के वयोवृद्ध लोगों को सहायता दे सके या फिर 2050 की स्थिति से निबटने की उसके पास पूरी तैयारी हो."

तस्वीर: Fotolia/dresden

हेल्पएज इंटरनेशनल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड ब्लेविट ने अपील की हैं, "देश मूलभूत सामाजिक योजनाएं बनाएं जिसमें बूढ़े लोगों के लिए सस्ती स्वास्थ्य सेवा भी हो और रिटायर होने की अनिवार्य उम्र हटा दी जानी चाहिए. बुढ़ाती जनसंख्या 21वीं सदी का सबसे महत्वपूर्ण ट्रेंड है." 

रिपोर्ट के मुताबिक जीवन प्रत्याशा बढ़ने के साथ ही दुनिया में उम्रदराज लोगों की संख्या किसी और अन्य धड़े की तुलना में तेजी से बढ़ेगी. यह भी कहा गया है कि अगले दस साल में दुनिया भर में वरिष्ठ नागरिकों की संख्या 20 करोड़ बढ़ जाएगी और 60 साल से ऊपर के लोगों की संख्या एक अरब से ज्यादा हो जाएगी. 

तस्वीर: Fotolia/Grischa Georgiew

रिपोर्ट में संभावना जताई गई है कि 2050 तक विकसित देशों में 60 साल से ज्यादा लोगों की संख्या कुल जनसंख्या की 80 फीसदी हो जाएगी. आज की तारीख में दुनिया के दो तिहाई बुजुर्ग गरीब देशों में रहते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक 60 से ज्यादा लोगों की संख्या 15 साल के कम के बच्चों की संख्या से ज्यादा होगी.

योजना की अपील

रिपोर्ट तैयार करने वालों ने विकासशील देशों से अपील की है कि वह इस स्थिति से निबटने के लिए योजनाएं बनाएं और तैयार रहें. चुनौती यह है कि सरकारों ने हाल के दिनों में उम्रदराज लोगों को सहायता, सहयोग देने के लिए नीतियां नहीं बनाई है और कार्रवाई भी नहीं की है. साथ ही 2050 की स्थिति से निबटने के लिए तैयारी भी नहीं.

तस्वीर: Fotolia/cammer

रिपोर्ट लिखने वालों ने उम्रदराज लोगों की सुरक्षा के लिए निवेश की मांग की है. साथ ही यह भी कहा कि इन लोगों के अनुभव और कुशलता का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. हेल्पएज इंटरनेशनल के मुख्य कार्यकारी अधिकारी रिचर्ड ब्लेविट ने कहा, "राष्ट्रीय और वैश्विक योजनाओं की जरूरत है ताकि 60 साल से ज्यादा के लोग वृद्धि का कारण बनें और मूल्य बनाने वाले बनें." 

जापान अभी भी वह देश बना हुआ है जहां की जनसंख्या तेजी से उम्रदराज हो रही है. एक चौथाई जनसंख्या वहां आज भी 65 से ऊपर की है. हालांकि जानकारों का मानना है कि स्थिति तेजी से बदलेगी.

रिपोर्ट में पाया गया कि कई वृद्ध बेरोजगार हैं, भेदभाव, बुरे व्यवहार और हिंसा के आसान शिकार हैं. यूएनएफपीए के कार्यकारी निदेशक बाबाटुंडे ओसोटिमेहिन कहते हैं,  लोग सम्मान और सुरक्षा के साथ वृद्ध हों. मूल अधिकारों के साथ मानवाधिकारों के बोध के साथ जीवन का आनंद उठाएं.

एएम/एनआर (एएफपी)

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