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"रिपोर्ट पढ़ कर स्वाद आ गया"

९ सितम्बर २०१३

पाठकों ने वेबसाइट के अलावा मंथन में दी गयी जानकारी की भी प्रशंसा की है. साथ ही जब उनके सुझाव आते हैं, तो हमें और भी अच्छा लगता है. आईए जाने क्या लिखते है पाठक …

Ausschnitt aus unserem TV Magazin "Manthan". Der Beitrag wurde von einem Kollegen in der Redaktion gedreht. Zulieferer: Isha Bhatia. Titel: Making of Manthan Schlagworte: Manthan, making of, hindi Bildbeschreibung: Szene aus dem Beitrag "Making of Manthan", der in der 52. Sendung gelaufen ist. zu sehen sind Kollegen der Hindi Redaktion im Funkhaus DW Bonn. In welchem Zusammenhang soll das Bild/sollen die Bilder verwendet werden?: Artikel / Bildergalerie / Dossier Bildrechte: - Der Fotograf / die Fotografin ist (freie) Mitarbeiter(in) der DW, so dass alle Rechte bereits geklärt sind.
तस्वीर: DW

डॉयचे वेले का वर्चुअल परिवार बढ़ता जा रहा हैं. रोज फेसबुक पर जनता छाई रहती हैं. काफी लोगों से मेलजोल बढ़ रहा है, बातों बातों में कभी इस विषय पर भी चर्चा होती हैं कि चुनिंदा पाठकों का डॉयचे वेले के ऑफिस में स्नेह सम्मलेन हो. डॉयचे वेले के काम काज को समझे, कर्मचारियों से रूबरू हो, जर्मनी को और जान पाएं. क्या आप एक हेरिटेज वॉक का आयोजन भी कर सकते हैं?

मनोज कामत, पुणे

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तस्वीर: Fotolia/Elenathewise

रोजमर्रा की जिन्दगी में कुछ अलग मिले तो स्वाद आ ही जाता है. आज काफी दिनों बाद ऐसा ही स्वाद आपके "इतना सारा पानी" गैलेरी पढ़ कर आ गया. वाकई जैसे ही पढ़ा आपको लिखने का मन हुआ सो लिख रहा हूं. वैसे यह रिपोर्ट अपने आप में अनोखी है, जो आप लोगों को भी याद रहेगी और हम जैसे कई पाठकों को भी. यानि एक यादगार रिपोर्ट जो जीवन में बिरले ही बनती है. जब मैंने रिपोर्ट पढ़ना शुरु किया तो पहले पढ़ा कि एक व्यक्ति को एक दिन में 135 लीटर पानी लगता है तो लगा कि इसमें कौन सी नई बात है यह तो मैं जानता ही हूं. पर जब आगे के शब्द आए तो लगा कि वाकई ये तो कमाल की बातें पढ़ रहा हूं. सिर्फ मजा ही नहीं आया बल्कि यूं कहें कि स्वाद आ गया. एसी जानकारी पूर्ण रिपोर्ट के लिए आपका बहुत बहुत धन्यवाद.

तेजपाल सिंह हंसपाल, रायपुर, छत्तीसगढ़

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70 साल बाद सेक्स बंधक की कहानी - द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान सेक्स बंधक ली ओक सिओन की कहानी दिल दहला देने वाली लगी. इतनी बड़ी त्रासदी के बाद आज ली किस मानसिक स्थिति में जी रही होंगी इसका अन्दाजा लगा पाना शायद मुश्किल है. ऊपर से ओसाका के गवर्नर तोरू हाशिमोतो का जले पर नमक छिड़कने जैसा गैर जिम्मेदाराना बयान. उफ! मुझे तो लगता है कि आज भी लड़कियों के प्रति मानसिकता वही पुरातनपंथी है. हाशिमोतो कहते है कि सेना में अनुशासन बनाए रखने के लिए सेक्स बंधक बनाए गए थे. जबकि यदि सेना में अनुशासन होता तो सेक्स बंधकों की आवश्यकता ही क्या थी. जापान को इस मुद्दे पर माफी मांग कर तत्काल अपने माथे पर लगे कलंक को धोना चाहिए. एक लम्बा अर्सा गुजर चुका है. बीते दिन तो वापस नहीं आ सकते लेकिन ली ओक जैसे कुछ लोग, जिनके पास खोने के लिए भी कुछ नहीं बचा है, थोड़ा सुकून जरूर मिल सकेगा. हम तक इस सच को पहुंचाने के लिए डॉयचे वेले का शुक्रिया.

रवि श्रीवास्तव, इंटरनेशनल फ्रेंडस क्लब, इलाहाबाद

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मुझे आपकी वेबसाइट बहुत ही अच्छी लगती है. मैं इसको रोजाना कई बार देखता हूं ताकि मैं खुदको नवीनतम खबरों से अपडेट रख सकूं. मैं आपके इस प्रयास की भरपूर प्रशंसा करता हूं और आशा करता हूं आपका हमारा रिश्ता यूं ही बना रहेगा.

सुरजीत सिंह, गांव गुमटी कलां, जिला बठिंडा, पंजाब

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तस्वीर: picture-alliance/dpa

मंथन के इस 51वें एपिसोड के अंतिम विषय में फ्लाई बोर्ड पर नयी व रोचक जानकारी मिली. 2011 में खोजी गयी इस तकनीक की वर्ल्ड चैँपियनशिप भी दोहा में आयोजित हो चुकी है. सुपरमैन जैसी कलाकारी दिखाने वाले ट्रेनर मार्को इसकी बेसिक जानकारी सिखाते हैं. डॉल्फिन जैसी डाइव या सीधे ऊपर जाने की उनकी कला ने दांतो तले अंगुली दबाने को मजबूर कर दिया. पानी के प्रेशर पावर से चलने वाली ये तकनीक मंहगी है. ट्रेनी क्रिस्टियान अब एक अच्छे खिलाडी हो गए हैं. उनके अनुभव के साथ दर्शकों के अनुभव सुनने को मिले. महेश झा जी के सम्पादन में बनी इस फ्लाई बोर्ड की कडी में मुझे बहुत मजा आया.

अनिल कुमार द्विवेदी, सैदापुर, अमेठी, उत्तर प्रदेश

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मंथन में "इथियोपिया की चुनौती" इस रिपोर्ट में इथियोपिया के जिस अहम विषय पर बात की गई है, वो दुनिया के बहुत से देशों का मसला है. लेकिन ये बात जान कर अच्छा भी लगा और कुछ हैरत भी हुई कि अगर इथियोपिया के लोग इस बांध के बनाने पर खर्च करने के लिए अपनी, एक महीने की सैलरी दे देंगे, तो उनका अपना गुजारा कैसे होगा. मैं डीडब्ल्यू का शुक्रिया अदा करूंगा जिनकी वजह से हमें अफ्रीका के दूर दराज इलाकों, वहां रहने वाले लोगों की बहुत सी बातों और विषयों के बारे में भी सूचना और जानकारी मिलती है. विडियो रिपोर्टों की बदौलत हम अपनी आंखों से वहां की जिन्दगी और मसलों को बहुत करीब से देख रहे हैं. "फ्लाइबोर्डिंग" के बारे में भी देख और जान कर बहुत मजा आया. इस रिपोर्ट और विडियो देखने से पहले इस फ्लाइबोर्डिंग के बारे में बिलकुल भी नहीं जानता था, लेकिन अब मुझे इस रोचक खेल के बारे में बहुत उम्दा जानकारी हासिल हो गई है. इस बात में तो कोई शक नहीं कि यह खेल बहुत सा पैसा और दिल जिगर का मजबूत होना मांगता है, लेकिन ये बात भी बहुत अहम और रोचक है कि इस को देखने वाले भी इस खेल में दिलचस्पी लेंगे. हालांकि ये बहुत महंगा खेल है, इस लिए हमारे जैसे बहुत से देशों में खेलने की हद तक लोकप्रियता हासिल न कर सके. वैसे एक छोटा सा सुझाव है कि ऐसे खेलों और दीगर बातों को जब आप दुनिया के किसी दूसरे कोने से रिपोर्ट करते हैं, जैसे कि इटली से, तो फिर इस खैल के हवाले से जर्मनी में कैसा माहौल है, इसके बारे में भी थोड़ा बता दिया करें तो और भी मजा आएगा.
आजम अली सूमरो, ईगल इंटरनेशनल रेडियो लिस्नर्स कलब,खैरपुर मीरस सिंध, पाकिसतान.

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संकलनः विनोद चड्ढा

संपादनः आभा मोंढे

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