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रियो में होंगे 2016 के ओलंपिक खेल

२ अक्टूबर २००९

ब्राज़ील के शहर रियो डी जेनेरो में 2016 के ओलंपिक खेलों का आयोजन किया जाएगा. शुक्रवार शाम को अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति आईओसी ने इस बारे में घोषणा की. अपेक्षा के विपरीत दावेदारी की दौड़ से शिकागो सबसे पहले बाहर हुआ.

दक्षिणी अमेरिका में होगा पहला ओलंपिकतस्वीर: AP

ओलंपिक रियो में होने ख़बर के साथ ही वहां जश्न का माहौल था. पहली बार ओलंपिक खेलों का आयोजन दक्षिण अमेरिका के किसी देश में होने वाला है. कोपनहेगन के इस निर्णय से साथ ही रियो में कार्निवाल की तरह जश्न का माहौल बन गया.

पहले ही दौर में बाहर शिकागो

सबसे पहले अमेरिका के राष्ट्रपति बराक ओबामा को झटका देते हुए अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति ने शिकागो का विकल्प हटाया. उसके बाद सामने थे रियो डी जेनेरो, टोक्यो और मैडरिड. थोड़ी ही देर बाद फिर टोक्यो भी दौड़ से बाहर हो गया.

जानकारों का मानना था कि आख़िरी दौड़ शिकागो और रियो डी जेनेरो के बीच होगी. लेकिन शिकागो पहले ही दौर में बाहर हो गया. आईओसी के 95 सदस्य 2016 ओलंपिक के आयोजन स्थल पर मतदान कर रहे हैं.

ओबामा को झटकातस्वीर: AP

ओबामा, हातोयामा कोपनहेगन में

कोपेनहेगेन जाने के राष्ट्रपति ओबामा के फ़ैसले ने ओलंपिक राजनीति के अखाड़े में मल्लयुद्ध का आधार बना दिया. इस फ़ैसले के कुछ घंटे पहले ही जापान के प्रधानमंत्री यूकियो हातोयामा ने टोकियो की उम्मीदवारी के समर्थन में डेनमार्क जाने की घोषणा की थी. हालांकि ह्वाइट हाउस का कहना है कि जापानी प्रधानमंत्री की घोषणा का ओबामा के फ़ैसले से कोई लेना देना नहीं है, लेकिन राष्ट्रपति और उनकी पत्नी के अलग अलग कोपेनहेगेन जाने से साफ़ है कि ओबामा अपने शहर के समर्थन में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहते थे. शिकागो के दिनों की उनकी पुरानी दोस्त वलेरी जैरेट ह्वाइट हाउस में ओलंपिक और युवा खेल कार्यालय की प्रमुख हैं. शिकागो के मेयर रिचर्ड डेली ने कहा, "राष्ट्रपति ओबामा और फ़र्स्ट लेडी मिशेल ओबामा उस उम्मीद, संभावना और प्रेरणा का प्रतिनिधित्व करते हैं जो शिकागो को महान बनाता है"

टोकियो का लोगो डिज़ाईनतस्वीर: AP

खेल प्रेमी ओबामा को पहला झटका

ओबामा स्वयं खेल प्रेमी हैं और बास्केटबॉल और गोल्फ़ खेलते हैं. इस महीने के आरंभ में उन्होंने कहा था, "हमें ये खेल चाहिए." अपने अपने देशों की उम्मीदवारी के समर्थन में स्पेन के राजा खुआन कारलोस, ब्राज़ील के राष्ट्रपति लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा और हातोयामा कोपेनहैगेन जा रहे हैं.

ओलंपिक खेलों का आयोजन प्रतिष्ठा के अलावा आर्थिक कारक भी बन गया है. इसलिए राज्य व सरकार प्रमुख उसे हासिल करने में खासी दिलचस्पी लेते हैं. 2012 के ओलंपिक खेल लंदन को इसलिए मिले कि ब्रिटिश प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर उसके लिए लॉबी करने के लिए सिंगापुर गए थे.

रिपोर्टः एजेंसियां/आभा मोंढे

संपादनः ए कुमार

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