अपने जहाज बेचने के लिए विमान निर्माता कंपनी एयरबस ने कई एयरलाइन अधिकारियों को मोटी रिश्वत दी. अब कंपनी इन्हीं मामलों में भारी जुर्माना भर रही है.
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एयरबस के मुताबिक 2019 में उसे 1.36 अरब यूरो का नुकसान हुआ. घाटा, भारी जुर्माने के चलते हुआ. एयरबस पर आरोप हैं कि उसने ऑर्डर पक्के करने के लिए कई एयरलाइन कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों को रिश्वत दी. भ्रष्टाचार और रिश्वत देने के मामलों में कुछ देशों ने कंपनी पर भारी जुर्माना ठोंका है.
एयरबस के खिलाफ फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका में भ्रष्टाचार संबंधी जांच चल रही है. जिन मामलों की जांच की जा रही है वे 2004 से 2016 के बीच के हैं. कंपनी अब तक 3.6 अरब यूरो जुर्माना भरने को तैयार है.
2016 में एयरबस ने खुद भ्रष्टाचार और रिश्वतकांड का खुलासा किया. इसके बाद शुरू हुई जांच में पता चला कि कंपनी ने यात्री विमानों और सैटेलाइटों का ठेका पाने के लिए बड़ी मात्रा में रिश्वत दी. खुलासे के बाद एयरबस के पूरे शीर्ष प्रबंधन ने पद छोड़ दिया.
अब इस कांड का असर साफ तौर पर एयरबस की बैलेंस शीट पर दिख रहा है. 2009 के बाद यह पहला मौका है जब दिग्गज विमान निर्माता कंपनी को नुकसान हुआ है. कंपनी के मुताबिक मार्च में जर्मन सरकार ने सऊदी अरब को बेचे जाने वाले सैन्य साजोसामान का एक्सपोर्ट लाइसेंस रद्द कर दिया, जिसके चलते भी उसे 22.1 करोड़ यूरो का नुकसान हुआ. जर्मनी समेत ज्यादातर देशों में सैन्य साजोसामान बेचने से पहले कंपनियों को अनिवार्य रूप से सरकार की इजाजत लेनी पड़ती है.
2018 में एयरोस्पेस और डिफेंस मशीनरी बनाने वाली एयरबस को तीन अरब डॉलर का फायदा हुआ था. लेकिन अगले ही साल 863 विमान बेचने के बावजूद कंपनी को घाटा हुआ. नुकसान ऐसे वक्त में हुआ है जब एयरबस की प्रतिद्वंद्वी अमेरिकी कंपनी बोइंग, अपने 737 मैक्स विमान के चलते भारी मुश्किल में है. 2019 में मैक्स में सामने आई कई तकनीकी खामियों के चलते एयरबस की छवि को काफी फायदा हुआ.
एयरबस को उम्मीद है कि 2020 में 880 कमर्शियल विमान बेच कर वह नुकसान की कुछ हद तक भरपाई कर सकेगी.
15 अक्टूबर 2007 को जब एयरबस ने पहले ए380 विमान की डिलीवरी दी तो इसे विमानन उद्योग के लिए एक बड़ी घटना माना गया. अब जब यह विशाल विमान अपने लिए खरीदार नहीं ढूंढ पा रहा है तो एयरबस ने इसका निर्माण बंद करने की घोषणा कर दी.
तस्वीर: Master Films/P. Pigeyre
आकाश में उड़ता महल
जब ए 380 पेश किया गया तो एयरफील्ड में मौजूद सारे प्रतिद्वंद्वी इसके साये के नीचे आ गये. 72.7 मीटर की लंबाई वाले इस विमान के डैनों का विस्तार 79.8 मीटर तक है और ऊंचाई 24 मीटर से ज्यादा.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/A. Matthews
पहला खरीदार
ए 380 को सबसे पहले अपने बेड़े में सिंगापुर एयरलाइंस ने शामिल किया. खरीदारों के लिए यह गर्व की बात थी. उस वक्त तक यही माना जाता था कि एक बार में ज्यादा से ज्यादा यात्रियों को ले जाना ही मुनाफे का मंत्र है.
तस्वीर: Airbus
850 सवारियों की क्षमता
सुपरजम्बो तीन अलग अलग वर्गों में 500 से ज्यादा यात्रियों को लेकर जा सकता है जो उसके प्रतिद्वंद्वी विमानों की तुलना में करीब 100 यात्री ज्यादा है. इस विमान में यात्रियों के लिए डेक और फर्स्ट क्लास सुईट में बिस्तर भी हैं. अगर विमान को केवल इकोनॉमी क्लास का बना दिया जाए तो 850 से ज्यादा यात्री जा सकते हैं.
तस्वीर: AP
आलीशान उड़ान
ए 380 को उसके ज्यादा जगह, बड़ी खिड़कियों, ऊंची छतों और खामोश इंजनों के लिए भी जाना जाता है. कुछ एयरलाइनों ने तो इनमें शॉवर, लाउंज, ड्यूटी फ्री शॉप और दोनों डेक पर बार भी बना रखे हैं. यात्री अपने निजी सुईट में सफर करने का विकल्प भी चुन सकते हैं.
तस्वीर: Emirates Airline
दिखने लगी दरारें
2011 और 2012 में ए 380 के कई विमानों में तकनीकी दिक्कतें आईं. क्वांटस, एमिरेट्स और सिंगापुर एयरलाइंस को उड़ानों की इमरजेंसी लैंडिंग करानी पड़ी. जनवरी 2012 में क्वांटस और सिंगापुर एयरलाइंस ने विमान के डैनों में दरार की शिकायत की. जांच पर पता चला कि यह मैटीरियल और निर्माण की समस्या है जिसे ठीक करने में 26.3 करोड़ यूरो का खर्च आया.
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खाली रहने लगी सीटें
दुर्भाग्य से ए 380 की जिस खूबी को सबसे ज्यादा लुभावना माना गया था वही उसकी सबसे बड़ी समस्या बन गई. एयरलाइनों का कहना है कि अगर सारी सीटें नहीं भरेंगी तो विमान को चलाने में घाटा है. एयरलाइनों के मैनेजर ए 380 से घबराने लगे.
तस्वीर: picture-alliance/ dpa
रद्द होने लगे सौदे
2019 के जनवरी और फरवरी में एयरबस के दो भरोसेमंद ग्राहकों एमिरेट्स और ऑस्ट्रेलियन एयरलाइन क्वांटस ने ए 380 के आर्डर रद्द कर दिए. एमिरेट्स ने इसकी बजाय एयरबस के छोटे विमान खरीदना चाहा जबकि क्वांटस ने आठ ए 380 का ऑर्डर वापस ले लिया.
तस्वीर: picture-alliance /M. Mainka
और नहीं बनेंगे ए 380
विशाल विमानों को बेचने में मुश्किलें उठाने के बाद यूरोपीय विमान बनाने वाली कंपनी ने ग्राहकों की कमी के कारण एलान किया है कि 2021 में विमान का निर्माण बंद कर देगी.