जर्मनी के पूर्व चांसलर की छिन गई सुविधाएं
१९ मई २०२२जर्मनी की संसद ने पूर्व चांसलर गेरहार्ड श्रोएडर के रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और रूसी ऊर्जा कंपनी से पीछा छुड़ाने के लिए लंबे वक्त तक इंतजार किया.रूस के यूक्रेन पर हमले के बाद उन पर दबाव और ज्यादा बढ़ गया, लेकिन जब श्रोएडर ने सरकार को संतुष्ट करने की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया, तो आखिरकार संसद ने उनकी सुविधायें छीनने के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी.
यूरोपीय संसद के सांसदों ने अलग से एक गैरबाध्यकारी प्रस्ताव लगाने की मांग की है. इस प्रस्ताव में श्रोएडर समेत उनके जैसे उन लोगों पर यूरोप में प्रतिबंध लगाने का प्रावधान होगा, जो रूसी कंपनियों के बोर्ड में आकर्षक पदों को नहीं छोड़ना चाहते.
संसद का कहना है, "गठबंधन के संसदीय गुटों ने यूक्रेन पर रूसी हमले के लिहाज से पूर्व चांसलर और लॉबिस्ट गेरहार्ट श्रोएडर के बर्ताव के नतीजों का आकलन किया है." संसद ने माना है,"गेरहार्ड श्रोएडर अपने दफ्तर की प्रतिबद्धताओं को पूरा नहीं कर रहे हैं और इसलिए पूर्व चांसलर का दफ्तर निलंबित किया जाता है."
पूर्व चांसलर के खर्चे
जर्मन मीडिया ने पूर्व चांसलर के दफ्तर और कर्मचारियों के खर्च का आकलन तकरीबन 4 लाख यूरो किया है, जिसका बोझ जर्मनी में टैक्स देने वाले लोगों पर पड़ता है.
1998 से 2005 तक जर्मनी के चांसलर रहे गेरहार्ड श्रोएडर यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद रूसी ऊर्जा कंपनी रोजनेफ्ट और गाजप्रोम से अपना नाता नहीं तोड़ने के कारण लोगों के निशाने पर हैं. श्रोएडर ने इस हमले को न्यायोचित न मानते हुए इसकी निंदा की है, लेकिन कहा है कि रूस के साथ बातचीत जारी रहना चाहिए.
श्रोएडर की तरह ही मौजूदा चांसलर ओलाफ शॉल्त्स भी सोशल डेमोक्रैटिक पार्टी के हैं. शॉल्त्स ने भी कई बार सार्वजनिक रूप से पूर्व नेता को रूसी नौकरी छोड़ने के लिए कहा, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ.
रूसी कंपनियों से रिश्ता
78 साल के श्रोएडर रूसी तेल कंपनी रोजनेफ्ट के निदेशक मंडल के चेयरमैन हैं और इसी साल जून में गैस कंपनी गाजप्रोम की सुपरवायजरी बोर्ड में शामिल होने वाले हैं. यह गैस कंपनी जर्मनी की विवादित नॉर्ड स्ट्रीम 2 पाइपलाइन में शामिल है. यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद फिलहाल इस पर रोक लगा दी गई है. नॉर्ड स्ट्रीम 1 पर बतौर चांसलर श्रोएडर ने अपने कार्यकाल के आखिरी दिनों में खुद ही दस्तखत किये थे. वास्तव में गाजप्रोम की सब्सिडियरी नॉर्ड स्ट्रीम के शेयरहोल्डरों की कमेटी के चेयरमैन के रूप में उन्होंने चांसलर के दफ्तर और संसद से निकलने के कुछ ही दिनों बाद काम करना शुरू कर दिया था.
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संघर्षों में बीता बचपन
श्रोएडर हमेशा से एक विवादित व्यक्ति रहे हैं. 7 अप्रैल 1944 को पश्चिमी चर्मनी के मोजेनबर्ग में जन्मे श्रोएडर ने जन्म के छह महीने बाद ही रोमानिया की जंग में पिता को खो दिया था. अपने बचपन को याद करते हुए वह कहते हैं, "सचमुच मेरे पास एक सेंट भी नहीं था. इस बात ने मेरी जिंदगी पर बहुत गहरे निशान छोड़े." 19 साल की उम्र में वह एसपीडी से जुड़े और फिर 22 साल की उम्र तक हाई स्कूल डिप्लोमा की पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए कई तरह के काम किये. वह दिन में काम करते और रात में पढ़ाई.
कट्टर वामपंथी कार्यकर्ता बनने के पहले वह एक वकील बन चुके थे. बाद में उन्हें सिगार, इटैलियन सूट और मर्सिडिज कारों का चस्का लगा. पार्टी में धीरे-धीरे सफलता की सीढ़ियां चढ़ते हुए 1990 में वह अपने दूसरे प्रयास में जर्मन राज्य लोअर सैक्सनी के मुख्यमंत्री बन गये. इसके बाद 1998 में ग्रीन पार्टी के साथ गठबंधन की सरकार में उन्हें चांसलर बनने का मौका मिला.
जर्मनी में आर्थिक सुधार
उन दिनों अत्यधिक बेरोजगारी के कारण जर्मनी को 'यूरोप का बीमार आदमी' कहा जाता था. श्रोएडर को उनके तथाकथित एजेंडा 2010 सुधारों का श्रेय दिया जाता है, जिसने देश को आर्थिक रूप से प्रतिस्पर्धी बनाया और इसे एक बड़े निर्यातक देश में तब्दील कर दिया.
हालांकि, उनकी मजदूरों वाली पार्टी में बहुत से लोगों ने तकलीफदेह कटौतियों को आदर्शों से धोखे की तरह देखा और उनकी ऐसी योजनाओं के लिए आलोचना की, जिसने देश में अमीर और गरीब के बीच की खाई को बढ़ा दिया. इसके साथ ही करोड़ों लोग कामकाजी गरीब की श्रेणी में आ गये.
कोसोवो और अफगानिस्तान में सेना भेजकर वह जर्मनी को न सिर्फ आर्थिक, बल्कि सैन्य रूप से भी मजबूत करने वाले नेता बने. तब दूसरे विश्वयुद्ध के बाद पहली बार जर्मनी ने देश के बाहर सेना भेजी थी. हालांकि, अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जॉर्ड डब्ल्यू बुश के दबाव बनाने पर भी उन्होंने इराक में सेना भेजने से मना कर दिया था, जिसकी वजह से अमेरिका और जर्मनी के रिश्तों में थोड़ी खटास आ गई थी.
चांसलर की कुर्सी से उतरने के बाद पुतिन के साथ उनकी नजदीकियों की लगातार चर्चा होती रही है. उनके 70वें जन्मदिन की पार्टी में पुतिन भी बतौर मेहमान शामिल हुए. जब रूसी नेता ने 2018 में शपथ ली, तो उनके सामने पहली पंक्ति में बैठे लोगों में श्रोएडर भी शामिल थे.
एनआर/वीएस (एएफपी)