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रूसी राष्ट्रपति के कुरील दौरे पर विवाद

१ नवम्बर २०१०

रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव के कुरील द्वीप के दौरे पर जापान ने कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है. जापान के प्रधानमंत्री नाओतो कान ने दौरा को अत्यंत अफसोसजनक बताया है.

मेद्वेदेव की राजनीतितस्वीर: AP

राष्ट्रपति मेद्वेदेव वियतनाम से घर वापस लौटते हुए सोमवार को कुनाशिरी द्वीप का दौरा किया. वे विवादित द्वीप का दौरा करने वाले पहले रूसी राष्ट्रपति हैं. उनसे पहले किसी सोवियत राष्ट्रपति ने भी इस द्वीप का दौरा नहीं किया है जिस पर जापान भी अपना दावा करता है.

मेद्वेदेव के कुनाशिरी पहुंचने की खबरों पर जापानी प्रधानमंत्री नाओतो कान ने संसद में कहा, "जापान का रुख है कि चार उत्तरी द्वीप जापान की भूमि है, इसलिए राष्ट्रपति का दौरा अफसोसजनक है."

नाओतो कान को आपत्तितस्वीर: APImages

जापान के विदेश मंत्री सेइजी मेहारा ने टोकियो में रूसी राजदूत मिखाइल बेली को तलब कर राष्ट्रपति के दौरे पर विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि यह जापानी जनता की भावनाओं को चोट पहुंचाता है.

राष्ट्रपति मेद्वेदेव इसी महीने एशिया प्रशांत देशों की शिखर भेंट में भाग लेने जापान जाने वाले हैं. क्रेमलिन प्रमुख के कुनाशिर दौरे को इस बात का संकेत समझा जा रहा है कि रूस जापान को चार दक्षिणवर्ती द्वीप वापस करने को तैयार नहीं है जहां 19 हजार लोग रहते हैं.

रूसी राष्ट्रपति सितंबर में ही इस द्वीप का दौरा करना चाहते थे, जिसे जापान अपना उत्तरी भूभाग कहता है, लेकिन खराब मौसम के कारण वे वहां नहीं जा पाए थे. इन द्वीपों पर सोवियत सैनिकों ने द्वितीय विश्व युद्ध के अंतिम दिनों में कब्जा कर लिया था. विवादित द्वीपों पर मतभेद के चलते दोनों देशों ने अबतक शांति समझौता नहीं किया है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/महेश झा

संपादन: एम गोपालकृष्णन

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