शनिवार को मिस्र के सिनाई में गिरे रूसी यात्री विमान पर अब भी साफ साफ जानकारी नहीं आ पाई है. विमान कंपनी का कहना है कि हादसा किसी "बाहरी कारण" से हुआ.
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इस हादसे को रूस के इतिहास में सबसे बुरा विमान हादसा बताया जा रहा है. हादसे में विमान पर सवार सभी 224 लोगों की जान चली गयी. टेक ऑफ के महज 20 मिनट बाद ही विमान दुर्घटनाग्रस्त हो गया और हवा में ही क्रैश हो गया. रूसी विमान कंपनी कोगलीमाविया के उपनिदेशक अलेक्सांडर स्मिरनोव ने मॉस्को में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस बारे में कहा, "मशीन में तकनीकी खराबी का ऐसा कोई कॉम्बीनेशन नहीं है, जिससे जहाज हवा में ही इस तरह टूट जाए."
विमान कंपनी के उपनिदेशक अलेक्सांडर स्मिरनोवतस्वीर: Reuters/M. Shemetov
अलेक्सांडर स्मिरनोव ने कहा कि एक ही मुमकिन वजह समझ आती है और वह है "किसी तरह का बाहरी कारण". उन्होंने कहा कि जहाज इतनी जल्दी नियंत्रण के बाहर चला गया कि पायलटों को उसे संभालने का मौका भी नहीं मिला, "क्रू के लिए स्थिति पूरी तरह नियंत्रण के बाहर थी, यही वजह है कि एक बार भी उन्होंने संपर्क साधने या खबर देने की भी कोशिश नहीं की." उन्होंने कहा कि जहाज "उड़ नहीं, गिर रहा था", इसलिए कुछ भी नहीं किया जा सकता था. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि तकनीकी रूप से विमान बेहतरीन स्थिति में था.
आईबी/एमजे (डीपीए, एएफपी)
रूसी विमान हादसे का जिम्मेदार कौन?
31 अक्टूबर को मिस्र के सिनाई से लौट रहा रूसी विमान टेक ऑफ के कुछ देर बाद ही दुर्घटनाग्रस्त हो गया. एयरबस ए321 में मौजूद सभी 224 लोगों की इस हादसे में जान चली गयी. इनमें 214 रूसी नागरिक शामिल थे.
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जांच जारी
रूस और फ्रांस के विमानन विशेषज्ञ इस दुर्घटना की वजह का पता लगाने में जुटे है. ब्लैक बॉक्स मिल गया है लेकिन अब तक साफ तौर पर कोई जानकारी नहीं मिली है. हालांकि हादसे के कारणों पर कई अटकलें लग रही हैं.
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बाहर से हमला?
जांच समिति के एक सदस्य ने अपनी पहचान ना बताने की शर्त पर समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया है कि ऐसा नहीं लगता कि विमान से बाहर से कोई चीज टकराई हो.
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तकनीकी खराबी नहीं
वहीं विमान कंपनी का कहना है कि हवाई जहाज तकनीकी रूप से बिलकुल फिट था और तकनीकी खराबी के चलते इतना बड़ा हादसा होना मुमकिन नहीं है. कंपनी के अनुसार 26 अक्टूबर को विमान के दोनों इंजनों की जांच हुई थी.
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एयर कंट्रोल से संपर्क
हादसे के दौरान पायलट ने एयर ट्रैफिक कंट्रोल से संपर्क नहीं किया. विमान कंपनी का कहना है कि सब कुछ इतनी जल्दी हुआ कि पायलट के पास संपर्क करने का कोई मौका ही नहीं था.
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राष्ट्रीय शोक
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने इस घटना पर दुख जताते हुए रविवार को राष्ट्रीय शोक दिवस घोषित किया. उन्होंने जोर दे कर कहा कि हादसा कैसे हुआ, इसकी जड़ तक पहुंचना जरूरी है.
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कई संभावनाएं
पुतिन सरकार के प्रवक्ता दिमित्री पेश्कोव ने कहा है कि इस मामले में किसी भी तरह की संभावना को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता. उन्होंने इसके पीछे आतंकवादियों का हाथ होने से भी इंकार नहीं किया.
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जिम्मेदारी किसकी?
मिस्र के एक आतंकवादी संगठन ने हमले के पीछे होने का दावा किया है. संगठन के तार इस्लामिक स्टेट से जुड़े हैं. संगठन के अनुसार यह "रूस द्वारा सीरिया की जमीन पर मुसलामानों की जान" का बदला है. रूस ने एक महीना पहले सीरिया में हवाई हमले शुरू किए थे.
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इस्लामिक स्टेट का हाथ?
मिस्र में मौजूद इस्लामिक स्टेट के लड़ाकों के पास ऐसे मिसाइल मौजूद नहीं हैं, जो 30,000 फीट की ऊंचाई पर हमला कर सके. आईएस पहले भी ऐसे कई दावे कर चुका है, जिनके पीछे उसका हाथ नहीं रहा है.
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शोक में
मारे गए यात्रियों के शव रूस के सेंट पीटर्सबर्ग के पुलकोवो हवाईअड्डे पर लाए गए हैं, जहां परिजन शोक में डूबे हैं. रूसी नागरिकों ने मोमबत्तियां जला कर और फूल रख कर मारे गए लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की.
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अच्छा रिकॉर्ड
यह विमान 1997 से चल रहा था और अब तक 21,000 उड़ानें भर चुका था. सुरक्षा के लिहाज से इसका अच्छा रिकॉर्ड रहा है. टेक ऑफ के 23 मिनट बाद यह रडार से गायब हो गया. उस वक्त यह 31,000 फीट की ऊंचाई पर था.