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रूसी सैनिकों की वापसी नहीं के बराबरः जॉर्जिया

२१ अगस्त २००८

जॉर्जियाई सूत्रों के अनुसार उसकी सीमा से रूसी सेना की वापसी नहीं के बराबर है. पश्चिमी देश रूस पर दबाव डाल रहे हैं लेकिन रूस अपने पक्ष पर अड़ा है. सुरक्षा परिषद में उसने भी अपनी तरफ से शांति योजना का प्रस्ताव रखा है.

अब भी रूसी टैंक गोरी शहर में देखे जा रहे हैंतस्वीर: AP

जॉर्जिया से खबरें आ रही है कि वहां से रूसी सेना की वापसी लगभग नहीं के बराबर है. सेना के कुछ एक ट्रक जॉर्जिया से रूसी सीमा के भीतर जाते देखे गए लेकिन बड़े स्तर पर कोई वापसी नहीं हो रही है जैसा कि पश्चिमी देश चाहते हैं. अमेरिकी वाइट हाउस के प्रवक्ता गॉर्डन जॉनड्रो ने कहा कि तुरंत ही बड़े स्तर पर सैनिकों को वहां से हट जाना चाहिये.

रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव पहले ही कह चुके हैं कि शुक्रवार तक उनके सैनिक जॉर्जिया की सीमा से हट जाएंगे लेकिन इस पर पूरी तरह विश्वास नहीं किया जा रहा है.

जर्मन सरकार के प्रवक्ता थोमास श्टेग ने कहा कि "इस समय हमारे पास कोई संकेत नहीं हैं कि रूसी सेना की वापसी शुरू हो चुकी है. रूस को अपने कहे पर अमल करना होगा." इसके अलावा फ्रांस के विदेश मंत्री, बैर्नार्ड कूश्नर ने कहा कि मेद्वेदेव तीन बार कह चुके हैं कि वे सैनिक हटा रहे हैं लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है.

सुरक्षा परिषद में रूस का प्रस्तावतस्वीर: AP

सुरक्षा परिषद में रूस का प्रस्ताव

इस बीच सुरक्षा परिषद में रूस ने जॉर्जिया में शांति लाने के लक्ष्य से अपनी तरफ से प्रस्ताव का एक मसौदा पेश किया है. इसमें फ्रांस के छह सूत्रीय जॉर्जिया-रूसी शस्त्रविराम समझौते की पुष्टि भी की गई है.

रूसी प्रस्ताव की मुख्य बातें-

-तुरंत बल प्रयोग की समाप्ति

-हर प्रकार की सैनिक कार्रवाई की समाप्ति

-मानवीय मदद के लिए रास्ते खोलना

-जॉर्जियाई सेना अपने खे़मे में लौटे

-रूसी सैनिक विवाद से पहले की जगह पर लौटें

-दक्षिण ओसेतिया और अबखासिया की सुरक्षा पर अंतरराष्ट्रीय वार्ताएं

इस प्रस्ताव पर पश्चिमी देशों के कूटनीतिज्ञों का कहना है कि वे शांति योजना का समर्थन तो करते हैं लेकिन जब तक सैनिक जॉर्जिया से पीछे नहीं हट जाते वे ऐसे किसी भी प्रस्ताव पर बात करने के कायल नहीं हैं.

शीत युद्ध की तरफ बढ़ता विवाद?तस्वीर: AP GraphicsBank/DW

रूस तोड़ सकता है नाटो से संबंध

ख़बर है कि रूस अब नाटो से हर प्रकार का संपर्क तोड़ने का फैसला कर सकता है. नॉर्वे के रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी किये गए एक बयान में कहा गया है कि नॉर्वे में रूसी दूतावास को सूचना दी गई है कि रूस नाटो के साथ अपने सभी संपर्क तोड़ रहा है. फिलहाल न तो रूस ने और न ही नाटो ने इस ख़बर की पुष्टि की है. लेकिन अगर ऐसा होता है तो हालात एक बार फिर, शीत युद्ध के समय जैसे हो सकते हैं. नाटो ने पहले ही चेतावनी दी थी कि जब तक जॉर्जिया से रूसी सेना वापस नहीं जाती है तब तक रूस के साथ संबंध सामान्य नहीं हो सकते.

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