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रूस अमेरिका और यूरोप के नए समीकरण

१९ सितम्बर २००९

यूरोप में लगने वाली अमेरिकी मिसाइल सुरक्षा कवच की योजना रद्द होते ही कई देशों के रिश्ते नए करवट लेने लगे हैं.रूस आगे बढ़ कर अपने सुरक्षा कवच के योजना को रद्द कर रहा है तो सैनिक संगठन नैटो रूस की तरफ़ हाथ बढ़ा रहा है.

रूस की तरफ़ हाथतस्वीर: AP

रूस ने पहले से कह रखा था कि अगर अमेरिका चेक गणराज्य और पोलैंड में मिसाइल सुरक्षा कवच लगाता है तो वह भी इसके नज़दीक कालिनिनग्राड में अपना कवच बैठा देगा. ज़ाहिर है इससे तनाव बढ़ता ही. लेकिन अब रूस ने भी संकेत दिए हैं कि वह कालिनिनग्राड प्रोजेक्ट को बंद कर रहा है. रूसी प्रधानमंत्री व्लादिमीर पुतिन ने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के फ़ैसले की जम कर तारीफ़ की है और कहा है कि ऐसे और क़दम उठाए जाने चाहिए.

नए समीकरणतस्वीर: AP

उधर कई जगहों पर अमेरिका की आलोचना भी हो रही है लेकिन विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन इस फ़ैसले को सही ठहराती हैं.

क़मज़ोर पड़ेगा अमेरिका

अमेरिका का कहना कि इसकी जगह वह युद्धपोतों पर मिसाइल सुरक्षा कवच की तैनाती करेगा. रक्षा विशेषज्ञों की एक बड़ी जमात है, जो समझती है कि अमेरिका के इस रुख़ से वह रूस के सामने कमज़ोर पड़ेगा और रूस अपनी नई मांगें लेकर सामने आएगा. लेकिन दूसरा धड़ा ऐसा है, जो इसे एक बड़ा क़दम समझता है जिससे रूस पश्चिमी देशों के क़रीब आ सके और ईरान और अफ़ग़ानिस्तान की समस्याओं में उसकी भागीदारी तय की जा सके. नैटो महासचिव आंदर्स फ़ो रासमुसन ने पद संभालने के बाद पहला बड़ा क़दम उठाते हुए रूस की तरफ़ दोस्ती का हाथ बढ़ाया और कहा कि नैटो और रूस में अच्छे रिश्तों की पूरी संभावना है. हाल ही में नैटो ने यूक्रेन और जॉर्जिया को अपने संगठन में शामिल करके रूस को भड़का दिया था.

शीत युद्ध ख़त्म होने के बाद अमेरिका और नैटो के रूस के साथ रिश्ते बेहतर ज़रूर हुए थे लेकिन जॉर्ज बुश के अमेरिका के राष्ट्रपति रहते संबंध बेहद ख़राब हुए. पूर्वी यूरोप में अमेरिका की मिसाइल सुरक्षा कवच की योजना ने आग में घी का काम किया.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ ए जमाल

संपादन: आभा मोंढे

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