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रूस और चीन के बीच कई समझौते

१२ अक्टूबर २०११

रूस के प्रधानमंत्री ब्लादिमीर पुतिन ने चीन के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री से मुलाकात की. दोनों देशों की बीच कई समझौते हुए और पुराने विवाद भी सुलझे. चीन चाहता है कि रूस ऊर्जा की भूख बुझाने में उसकी मदद करे.

चीन में पुतिनतस्वीर: dapd

रूसी प्रधानमंत्री ने पहले चीन के प्रधानमंत्री वेन जियाबाओ से मुलाकात की. दोनों प्रधानमंत्रियों के बीच 16 समझौते हुए हैं. इनसे सात अरब डॉलर का कारोबार होगा. पुतिन और वेन चार अरब डॉलर का एक संयुक्त कोष बनाने पर भी सहमत हुए. इससे दोनों देश रूस में नई योजनाएं शुरू करेंगे.

बीजिंग और मॉस्को के बीच ऊर्जा बचाने वाली तकनीक, तेज रफ्तार रेलवे, नैनो टेक्नोलॉजी और दवा क्षेत्र के समझौते हुए हैं. दोनो देश अगली पीढ़ी का फास्ट न्यूट्रॉन न्यूक्लियर रिएक्टर भी मिलकर बनाना चाहते हैं.

वेन ने तेल विवाद को सुलझाने का एलान किया. रूस साइबेरिया से चीन को तेल देता है. जनवरी से रूस ने वहां से प्रतिदिन 3,00,000 बैरल तेल निकालता है. पुतिन ने कहा कि दोनों देश गैस विवाद सुलझाने के करीब भी पहुंच गए हैं. रूस चाहता है कि चीन यूरोपीय देशों के समान कीमत चुकाए.

तस्वीर: dapd

वेन से मुलाकात के बाद पुतिन चीनी राष्ट्रपति हू जिंताओ से मिले. दोनों पड़ोसियों के बीच रणनीतिक साझेदारी और सहयोग बढ़ाने पर चर्चा हुई. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के नेताओं से भी रूसी प्रधानमंत्री ने मुलाकात की. चीन रूस का सबसे बड़ा कारोबारी साझेदार है. दोनों देशों का आपसी व्यापार इस वर्ष 80 अरब डॉलर तक पहुंचने जा रहा है. दोनों तरफ से इसे 2015 तक 100 अरब और 2020 तक 200 अरब डॉलर करने की उम्मीद जताई जा रही है.

पुतिन के इस दौरे के बदलते रणनीतिक समीकरणों के लिहाज से अहम माना जा रहा है. पुतिन फिर से रूस के राष्ट्रपति बनने जा रहे हैं. अगले साल होने वाले चुनावों में पुतिन राष्ट्रपति पद के लिए और मौजूदा राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव प्रधानमंत्री पद के लिए खड़े होंगे. वह 1999 से 2007 तक राष्ट्रपति रह चुके हैं.

रिपोर्ट: डीपीए, रॉयटर्स/ओ सिंह

संपादन: ए कुमार

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