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रूस कर रहा है युद्धविराम की अनदेखी – नाटो

१९ अगस्त २००८

ब्रसेल्स में नाटो देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में सख़्ती से यह संदेश दिया गया कि रूस को जॉर्जिया से अपने सैनिक हटाने ही होंगे. नाटो महासचिव के मुताबिक मौजूदा हालात में रूस के साथ संबंध सामान्य बनाए रखना मुश्किल है.

नाटो महासचिव याप दे होप शेफरतस्वीर: AP

युद्धविराम समझौते के बावजूद रूस ने अभी तक जॉर्जिया से सैनिक नहीं हटाए हैं और यही बात नाटो विदेश मंत्रियों की बैठक में चिंता की सबसे बड़ी वजह रही. नाटो के मुताबिक़ रूसी राष्ट्रपति दिमित्री मेद्वेदेव को सेना हटाने के अपने वादे पर अमल करना होगा और अगर ऐसा नहीं हुआ तो रूस नाटो संबंधों पर इसका सीधा असर पड़ेगा. नाटो महासचिव याप दे हूप शेफर ने कहा, 'मौजूदा हालात में रूस के साथ संबंध बनाए रखना असंभव है. भविष्य में भी हमारे संबंध इस बात निर्भर करेंगे कि रूस क्या ठोस कदम उठाता है.'

सदस्यता के लिए नाटो के दरवाजे खुले - राइसतस्वीर: AP

नाटो महासचिव ने साफ कहा कि रूस युद्धविराम समझौते का सम्मान नहीं कर रहा है. बैठक के बाद जारी साझा बयान में नाटो ने जॉर्जिया में रूस की सैन्य कार्रवाई की निंदा की है. 26 देशों के इस संगठन ने नाटो जॉर्जिया आयोग बनाने पर भी सहमित जताई है जो जॉर्जिया के साथ रिश्ते मज़बूत बनाने के लिए काम करेगा. बैठक में मौजूद अमेरिकी विदेश मंत्री कोंडोलीसा राइस ने जॉर्जिया को नाटो में शामिल करने के साफ संकेत दिए. जर्मन चासंलर अंगेला मैर्केल ने भी रविवार को अपने त्बिलीसी दौरे में जॉर्जिया को नाटो में शामिल करने की बात कही थी.

राइस ने कहा, 'मैं इस बात पर ज़ोर देना चाहती हूं कि सभी यूरोपीय लोकतांत्रिक देशों के लिए नाटो की सदस्यता के दरवाजे खुले हैं. इसका यह मतलब नहीं है कि हम उन्हें एक सैन्य गठबंधन में शामिल होने के लिए मजबूर कर रहे हैं. बल्कि हम बताना चाहते हैं कि वे उसके हक़दार हैं.' साथ ही अमेरिकी विदेश मंत्री ने यह भी कहा कि रूस को अलग थलग नहीं डाला जा सकता.

रूसी सेना की वापसी में लगेगा वक्ततस्वीर: AP

उधर, नाटो बैठक पर प्रतिक्रिया देते हुए रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावारोव ने कहा है कि नाटो जॉर्जिया में अपराधियों की सरकार का समर्थन कर रहा है. इस बीच ख़बर है कि रूसी टैंकों की एक टुकड़ी ने जॉर्जियाई शहर गोरी छोड़ दिया है. हालांकि रूसी अधिकारियों का कहना है कि जिस तरह सेना हटाने की मांग पश्चिमी देश कर रहे हैं उसमें अभी तीन दिन का समय और लगेगा. रूस के सेना उप प्रमुख अनातोली नोगोवित्सीन ने कहा है कि शांति सैनिकों के लिए नई चौकियां बनाने की ज़रूरत को देखते हुए सैनिकों की वापसी का काम धीरे धीरे चल रहा है. उधर, रूसी वायुसेना का कहना है कि अब वह बाल्टिक सागर में नाटो के साथ सैन्य अभ्यास में हिस्सा नहीं लेगी.

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