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रूस-तुर्की: अजब मित्रता की मिसाल

आरपी/वीके (एएफपी)९ अगस्त २०१६

एक रूसी युद्धक जेट गिराने के बाद से एक दूसरे से बैर पाले बैठे तुर्की और रूस के नेताओं की पहली मुलाकात. रणनीतिक तौर पर बेहद महत्वपूर्ण देश ये दो देश आखिर कितने करीब आ सकते हैं.

Russland Recep Tayyip Erdogan und Wladimir Putin
तस्वीर: Reuters/S. Karpukhin

रूसी राष्ट्रपति पुतिन से मिलने से पहले उनके गृहनगर सेंट पीटर्सबर्ग पहुंचे तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोआन ने रूसी मीडिया से बातचीत में लगातार पुतिन को अपना "मित्र" कह कर संबोधित किया और उम्मीद जताई कि दोनों देश एक "साफ स्लेट" के साथ फिर से अपने संबंधों की शुरुआत करेंगे. पुतिन ने एर्दोआन से मुलाकात में तुर्की में जल्द से जल्द कानून व्यवस्था दुबारा बहाल होने की आशा जताई. इस समय तुर्की के साथ यूरोप और अमेरिका के संबंध काफी तनावपूर्ण हो गए हैं.

तुर्की-रूस के बीच हालिया तनाव की शुरुआत 24 नवंबर 2015 को हुई. इसी दिन तुर्की की सेना ने सीरिया से लगी अपनी सीमा के ऊपर उठ रहे एक रूसी जेट को उड़ा दिया था. उसके पायलट ने जब पैराशूट से बच निकलने की कोशिश की तो कथित तौर पर उसे विद्रोही लड़ाकों ने अपनी गोली का निशाना बना डाला था. फिर जेट के दूसरे पायलट को बचाने पहुंचे एक रूसी सैनिक की भी मौत हो गई थी.

तुर्की में तख्ता पलट की यह कोई पहली कोशिश नहीं थी. इससे पहले चार बार तख्तापलट हो चुका है. लेकिन इस बार यह विफल हो गया. क्यों? जानिए...

नाटो सदस्य तुर्की का पक्ष रहा है कि तमाम चेतावनियों के बावजूद दो रूसी विमान तुर्की के हवाई क्षेत्र में चले आए थे. वहीं रूस कहता आया है कि उनके विमान ने सीरिया की हवाई सीमा पार नहीं की थी. जेट पर हमले से नाराज पुतिन ने इसे "पीठ में छुरा भोंकने" जैसा बताया था. इसके बाद सीरिया में राष्ट्रपति असद के समर्थन में सैनिक अभियान चला रहे रूस ने तुर्की के खिलाफ बहुत से आर्थिक प्रतिबंध लगा दिए. तुर्की से खाद्य सामग्रियों का आयात भा रोक दिया और पर्यटन पैकेज भी.

तुर्की के लिए महत्वपूर्ण पर्यटन उद्योग, कृषि और निर्माण सेक्टर को इससे काफी नुकसान हुआ. दोनों देशों के बीच जारी गैस पाइपलाइन और एक परमाणु प्लांट का काम ठप्प पड़ गया. इसके अलावा दोनों शक्तिशाली नेताओं के बीच शब्दों की जंग छिडी रही.

रूस ने एर्दोआन को इस्लामिक स्टेट के जिहादियों से मिल कर तेल के अवैध कारोबार से मुनाफा कमाने का आरोप लगाया. पेरिस जलवायु सम्मेलन के दौरान मुलाकात करने के एर्दोआन के निमंत्रण को ठुकरा दिया था. करीब सात महीने के झगड़े के बाद 27 जून को एर्दोआन ने पुतिन को पत्र लिख कर रूसी जेट के गिराए जाने की घटना पर अफसोस व्यक्त किया और फिर से दोस्ताना रिश्ते बहाल करने की अपील की. इसे रूस ने तुर्की का औपचारिक माफीनाम माना. और इसके दो दिन के बाद दोनों नेताओं ने फोन पर पहली बार बात की और रूस ने तुर्की से प्रतिबंध हटा लिए.

दोनों देशों के रिश्तों में आती गर्माहट का सबूत इससे भी मिलता है कि 15 जुलाई को तुर्की में तख्तापलट की नाकाम कोशिश के बाद एर्दोआन को फोन करने वाले पहले अंतरराष्ट्रीय नेता पुतिन ही थे.

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