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रूस पश्चिमी देशों के प्रस्ताव के खिलाफ अड़ा

३० जून २०१२

सीरिया को लेकर जिनेवा में आज कई देशों की अहम बैठक हो रही है. बैठक के सफल होने के आसार कम ही हैं. रूस अब भी पश्चिमी देशों के प्रस्ताव का विरोध कर रहा है.

तस्वीर: Reuters

शुक्रवार रात अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन और रूसी विदेश सेरगई लावरोव की सेंट पीटर्सबर्ग में मुलाकात हुई. दोनों नेता मतभेद सुझलाने में नाकामयाब रहे. सीरिया के सहयोगी रूस का कहना है कि सत्ता के बदलाव में कोई विदेशी हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए. दोनों नेता शनिवार को जिनेवा में होने वाली बातचीत में भी हिस्सा लेंगे.

क्लिंटन और लावरोव की बातचीत से पश्चिमी देशों को निराशा हुई है. ब्रिटेन के विदेश मंत्री विलियम हेग का कहना है कि सीरिया पर बातचीत 'बहुत मुश्किल' है.

दमिश्क में धमाकातस्वीर: Reuters

यूरोपीय संघ के नेताओं ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय से सीरिया पर और ज्यादा दबाव बनाने की अपील की है. ईयू ने कड़े प्रतिबंध लगाने की अपील करते हुए कहा है कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्याय सात का इस्तेमाल अब होना ही चाहिए.

यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के अध्याय सात के मुताबिक पहले गैर सैन्य प्रतिबंध लगाए जाते हैं. इसके तहत आर्थिक और कूटनीतिक संबंध रोक दिए जाते हैं. लेकिन अगर ये नाकाफी साबित हो तो फिर सैनिक कार्रवाई का का रास्ता बचता है. लेकिन अन्य देश फिलहाल अध्याय सात के इस्तेमाल को टाल रहे हैं.

शुक्रवार को ब्रसेल्स में 27 देशों के समूह यूरोपीय संघ ने साझा बयान जारी कर कहा, "यूरोपीय आयोग यूएन सिक्योरिटी काउंसिल के तहत संयुक्त कार्रवाई और अध्याय सात के व्यापक प्रतिबंधों को अपनाने और अन्य तरह के दबाव को बढ़ाने की मांग करता है."

वहीं सीरिया मामले के अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थ कोफी अन्नान को अब भी आशा है कि संकट और हिंसा का दौर थमेगा. जिनेवा में रॉयटर्स टेलीविजन से बात करते हुए अन्नान ने कहा, "मुझे लगता है कि शनिवार को हमारी बैठक अच्छी होगी. मैं आशावान हूं."

कुर्सी छोड़ने को तैयार नहीं बशरतस्वीर: REUTERS

शुक्रवार को जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव अन्नान ने कई अधिकारियों के साथ निजी मुलाकातें भी की. अन्नान के प्रस्ताव में रूस बदलाव करना चाहता है. कूटनीतिज्ञों के मुताबिक इसकी वजह से एक बार फिर असमंजस की स्थिति पैदा हो गई है. हालांकि अन्नान का कहना है कि शनिवार की बैठक से ऐसा नतीजा निकलेगा जिसे पश्चिमी देश भी स्वीकार करेंगे.

रूस ने गुरुवार को अन्नान की योजना में कुछ बदलावों का प्रस्ताव दिया. रूस सीरिया में संयुक्त राष्ट्रीय सरकार के खिलाफ है. अमेरिका, ब्रिटेन, फ्रांस और पश्चिमी देशों ने मॉस्को के इस प्रस्ताव को खारिज किया है. पश्चिमी देशों का आरोप है कि मॉस्को अब भी सीरिया के राष्ट्रपति बशर अल असद का समर्थन कर रहा है.

वहीं सीरिया से आ रही खबरों में अब भी लगातार मौत के आंकड़े बढ़ रहे हैं. शुक्रवार को विपक्षी संगठनों व कुछ कार्यकर्ताओं ने कहा कि गुरुवार और शुक्रवार की सैन्य कार्रवाई में 43 लोग मारे गए हैं. उन्होंने आरोप लगाया कि राजधानी दमिश्क के पास सेना ने टैंकों से हमला किया. सीरिया में पिछले साल मार्च से राष्ट्रपति असद के खिलाफ प्रदर्शन शुरू हुए. एक अनुमान के मुताबिक प्रदर्शनों में अब तक 15,000 से ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं.

ओएसजे/एमजे (रॉयटर्स, डीपीए, एएफपी)

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