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रूस में आज संसदीय चुनाव

३ दिसम्बर २०११

रूस में आज संसदीय चुनाव हो रहे हैं. सत्ताधारी यूनाइटेड रूस पार्टी के लिए समर्थन और विरोध के पलड़ों पर झूलता यह चुनाव निगरानी रखने वाले पर्यवेक्षकों पर भी भारी दबाव ले कर आया है.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

दुनिया के सबसे बड़े देश में चुनाव जीएमटी के हिसाब से शनिवार शाम आठ बजे शुरु होंगे यानी भारतीय समय से दोपहर के ढाई बजे. ठीक 21 घंटे बाद यानी रविवार की शाम पांच बजे वोट डालने का काम बंद हो जाएगा. यूनाइटेड रूस पार्टी के अध्यक्ष दमित्री मेदवेदेव पार्टी की तरफ से सर्वोच्च पद के उम्मीदवार हैं और ओपिनियन पोल के नतीजे बता रहे हैं कि वो संसद में बहुमत हासिल कर लेंगे. हालांकि कई सालों से सत्ता पर काबिज उनकी पार्टी का जनाधार इन चुनावों में कुछ घटेगा इसके भी पूरे आसार हैं.

तस्वीर: picture alliance/Oleg Zoloto

शुक्रवार को रूस की जनता को दिए अपने संदेश में मेदवेदेव ने इन चुनावों को,"लोकतंत्र के सबसे बड़े प्रदर्शन" में से एक कहा. हालांकि रूस की 46 फीसदी जनता मानती है कि चुनाव में धांधली होगी. नवंबर में लेवाडा के एक ओपिनियन पोल में 51 फीसदी लोगों ने माना कि ये चुनाव केवल "दिखावे का मुकाबला" हैं जिनके नतीजे पहले से तय हैं.

चुनाव की तैयारियों ने पर्यवेक्षकों पर जबर्दस्त दबाव बना दिया है. खास तौर से मास्को का ग्रुप गोलोज पर, जिसने एक बहुत अच्छी वेबसाइट भी बनाई है जिसके जरिए लोग चुनाव में गड़बड़ियों की शिकायत दर्ज करा सकते हैं. गोलोज की निदेशक लिलिया शिबानोवा ने बताया कि कस्टम के अधिकारियों ने उन्हें रात भार मास्को के शेरेमेत्येवो एयरपोर्ट पर रोके रखा और उनसे मांग की कि वो उन्हें अपना लैपटॉप दे दें. उनका कहना था कि इसमें कुछ गैरलाइसेंसी सॉफ्टवेयर मौजूद हैं. समाचार एजेंसी एएफपी को लिलिया ने बताया, "वो मेरा कंप्युटर मुझसे दूर ले जा रेह हैं और इस बात की कोई गारंटी नहीं कि वो कुछ अपलोड नहीं करेंगे." लिलिया इस आशंका से भी डरी हुईं हैं कि पुलिस उनके कंप्युटर डिस्क में कुछ गैर कानूनी चीज ढूंढ कर उनके खिलाफ आपराधिक मुकदमा कर देगी. शिबानोवा ने कहा, "यह खतरनाक है और मुझे रूस से बाहर जाने से रोकने की कोशिश है." शिबानोवा को स्ट्रॉसबुर्ग में यूरोपीय संसद की एक बैठक में शामिल होना था जहां वो रूस के चुनावों पर चर्चा करतीं.

तस्वीर: picture-alliance/dpa
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गोलोस को चुनाव के नियमों में कथित गड़बड़ियों के आरोप में अदालत के सामने पेश किया गया और उन्हें करीब 9 लाख 70 हजार यूरो का जुर्माना चुकाने को कहा गया. शुक्रवार को एक डॉक्यूमेंट्री भी दिखाई गई जिसमें आरोप लगाया गया कि यह गुट अमेरिकी सरकार के लिए काम कर रहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति के दफ्तर से जारी एक बयान में कहा गया है कि कोर्ट का फैसला दिखाता है," संगठन के खिलाफ दुर्व्यवहार का निर्देश दिया गया है." चुनाव के लिए प्रचार का काम शुक्रवार की रात बंद हो गया. अगली संसद के लिए उम्मीद की जा रही है कि तीन विपक्षी पार्टियां कुछ सीटें जीतने में कामयाब होंगी. इनमें कम्युनिस्ट पार्टी, राष्ट्रवादी लिबरल डेमोक्रैट्स और लोकप्रिय ए जस्ट रशिया शामिल हैं.

उदारवादी विपक्षी पार्टियों में प्रमुख ग्रुप पारनाज भी है. इसके नेताओं में पूर्व मंत्री बोरिस नेमत्सोव और पूर्व चेस चैम्पियन गैरी कास्पारोव हैं लेकिन प्रशासन ने इस पार्टी का रजिस्ट्रेशन ही नहीं किया. हालांकि अगर इन चुनावों में यूनाइटेड रूस पार्टी कमजोर पड़ती है तो प्रशासन मुश्किलों में भी घिर सकता है खासतौर से इसलिए भी क्योंकि व्लादिमीर पुतिन अगले साल राष्ट्रपति के रूप में वापसी करने का एलान कर चुके हैं. व्लादिमीर की वापसी होने पर मेदवेदेव प्रधानमंत्री का पद संभाल लेंगे.

रिपोर्टः एएफपी/एन रंजन

संपादनः एमजी

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