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रूस में चुनाव, पुतिन की हालत मजबूत

४ मार्च २०१२

12 साल सरकार में रहने के बाद व्लादिमीर पुतिन एक बार फिर राष्ट्रपति चुने जाने की तैयारी में हैं. विपक्षी पार्टियों ने अभी से विरोध प्रदर्शनों का एलान कर दिया है. वे आरोप लगा रहे हैं कि पुतिन चुनावों में धांधली कर रहे हैं.

तस्वीर: Reuters

मॉस्को में लोग भारी तादाद में अपने वोट डालने आ रहे हैं. रूस के स्थानीय समय के मुताबिक सुबह 10 बजे तक 12 प्रतिशत लोगों ने अपने वोट डाल लिए. पुतिन चार और उम्मीदवारों में सबसे प्रभावशाली हैं. चुनाव से पहले हुए जनमत सर्वेक्षणों से पता चला है कि पुतिन को 59 से लेकर 66 प्रतिशत वोट हासिल हो सकते हैं. 2000 से लेकर 2008 तक राष्ट्रपति रहे पुतिन को तीसरी बार लगातार राष्ट्रपति पद में आने की अनुमति नहीं थी. लेकिन पिछले सालों में प्रधानमंत्री रहे पुतिन अब दोबारा देश की जिम्मेदारी अपने कंधों पर लेना चाहते हैं.

पत्नी के साथ वोट करने पहुंचे पुतिन

तस्वीर: Reuters

59 साल के पुतिन ने सरकारी टेलिविजन का इस्तेमाल अपने प्रचार के लिए किया है. और कई महीनों बाद उनकी पत्नी भी उनके साथ दिखीं. आलोचक कहते हैं कि शायद यह इस बात का संकेत है कि पुतिन जीतेंगे और ल्युडमिला फिर से रूस की फर्स्ट लेडी बनेंगी. पुतिन के खिलाफ कम्युनिस्ट पार्टी के गेनादी ज्युगानोव, राष्ट्रवादी व्लादिमीर जिरिनोव्स्की, रूस संसद के पूर्व अध्यक्ष सरगेई मीरोनोव और धातु व्यापारी मिखाएल प्रोखोरोव खड़े हो रहे हैं. लेकिन कई नागरिकों को इस बात से शिकायत है कि पुतिन के अलावा उन्हें ऐसा कोई उम्मीदवार नहीं दिख रहा जिसे राष्ट्रपति पद के लिए चुना जा सके, वहीं कुछ का मानना है कि पुतिन जैसे सख्त नेता के अलावा रूस के पास कोई चारा नहीं है. कई बूढ़े लोग भी पुतिन का साथ दे रहे हैं क्योंकि पुतिन की सरकार में उनकी पेंशन बढ़े हैं. सोवियत रूस की विचारधारा में अब भी कुछ लोग विश्वास रखते हैं. येकातेरिनबर्ग में प्योत्र किरिलोव का कहना है कि उन्होंने साम्यवादी ज्यूगानोव को वोट दिया है. लेकिन उन्हीं के शहर के आलेक्सांडर चुनाव और रूस में लोकतंत्र की स्थिति से परेशान हैं. कहते हैं, "हमारा परिवार छुट्टी मनाने जा रहा है."

लोकप्रिय हैं कि नहीं

तस्वीर: dapd

पिछले साल दिसंबर में संसद चुनावों के बाद रूस में भारी प्रदर्शन हुए. पिछले साल सितंबर में ही उन्होंने चुनावों में खड़े होने का एलान किया था. अपने भाषणों में पुतिन ने खुद को एक ऐसा राजनयिक बताया जो जनता के लिए काम करता है. उन्होंने रूस में विदेशी षड़यंत्रों की भी बात की थी. भले ही पुतिन के प्रचार से कई लोग नाराज हों, लेकिन निवेशकों ने संभावित स्थिरता का स्वागत किया है और देश में पैसे लगाना शुरू कर दिया है. पुतिन रूस के प्रांतों में दोबारा लोकप्रिय हो रहे हैं और उन्होंने इन इलाकों में सरकारी योजनाओं को कार्यान्वित करने की भी बात की है.

हालांकि कई नागरिक पुतिन को विकास में रुकावट के रूप में देख रहे हैं. विपक्ष के नेताओं ने मतदान के बाद विरोध प्रदर्शनों का एलान किया है. उनका कहना है कि पुतिन गैर संवैधानिक तरीके से चुनावों में खड़े हो रहे हैं और यह चुनाव नहीं बल्कि "पुतिन सिंहासन के उत्तराधिकारी बनेंगे." रविवार को ब्लॉगरों ने इंटरनेट पर भी धांधली की बात कही है. वे बताते हैं कि पुतिन के समर्थक लोगों के झुंड़ों को एक मतदान केंद्र से दूसरे में ले जाते हैं जहां वे पुतिन को वोट देते हैं. इसे कैरूसल वोटिंग कहा जाता है. भ्रष्टाचार के खिलाफ काम कर रहे कार्यकर्ता आलेक्सेई नावाल्नी कहते हैं कि उन्हें पहले से ही लग रहा था कि कैरूसल वोटिंग का इस्तेमाल किया जाएगा, लेकिन इस स्तर पर नहीं.

कैमरे में कैद

तस्वीर: picture-alliance/dpa

हजारों अंतरराष्ट्रीय और रूसी पर्यवेक्षक चुनावों पर नजर रख रहे हैं. वोट में धांधली की अटकलों को रोकने के लिए पुतिन ने मतदान केंद्रों पर वेब कैमरा लगवाए हैं. 91,000 मतदान केंद्रों में एक लाख 82 हजार कैमरों को लगाया गया है जिससे मतदान केंद्र में घटनाओं को इंटरनेट पर देखा जा सकेगा. लेकिन अब तक मतदान केंद्रों पर वोटिंग के बजाय वहां हो रही बाकी घटनाओं का लोग इंटरनेट पर मजा लूट रहे हैं. कैमरे रविवार को ही लगा दिए गए. एक वीडियो में स्कूल में पढ़ रहे दो छोटे बच्चों के बीच हाथापाई भी कैमरे में कैद हो गई है, तो एक में मतदान केंद्र के पास डिस्को जा रही महिलाएं आईने में अपना मेकअप ठीक करती हुई भी देखी जा सकती हैं. साइबेरिया के एक पुलिस थाने में एक कर्मचारी ने अपना जन्मदिन मनाया. कैमरे की वजह से केक के साथ सैंकड़ों बीयर और ड्रिंक्स की बोतलें थाने में फैली हुई दिखीं.

रिपोर्टः एएफपी, रॉयटर्स/एमजी

संपदानः आभा मोंढे

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