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रेल हादसे के पीछे माओवादी: डीजीपी

३० मई २०१०

पश्चिम बंगाल के पास हुए भीषण रेल हादसे के पीछे माओवादियों का हाथ है. पश्चिम बंगाल के डीजीपी ने दावा किया है कि ट्रेन को पटरी से उतारने की साजिश रचने वाले कुछ माओवादियों की पहचान भी कर ली गई है. मृतकों की संख्या 141 हुई.

तस्वीर: AP

शनिवार शाम पश्चिम बंगाल के डीजीपी भूपिंदर सिंह ने दावा किया कि ट्रेन हादसे के लिए माओवादी जिम्मेदार हैं. उन्होंने कहा, ''जिन लोगों ने इस घटना को अंजाम दिया वह सब माओवादी संगठन के लोग है. हमने उनकी पहचान कर ली है. उन्हें पकड़ने के लिए छापे मारे जारे जा रहे हैं.'' पुलिस का कहना है कि हादसे वाली जगह से कई नमूने लिए गए और उनकी गहन जांच की गई. पुलिस का दावा है कि हादसा किसी विस्फोटक के कारण नहीं हुआ.

डीजीपी के मुताबिक हाल में ही जमानत पर रिहा हुए दो माओवादी इस साजिश से जुड़े हुए हैं. पुलिस महानिदेशक ने कहा, ''हादसे वाली रात यह दो माओवादी अपने साथियों के साथ उस जगह पर गए थे. हादसे से पहले इन लोगों से पेंड्रल क्लिप और फिश प्लेटें खोली.'' पुलिस का दावा है कि माओवादियों ने अपने साथी संगठन पीसीपीए की मदद ली.

तस्वीर: AP

मामले की जांच पुलिस के अलावा सीआईडी भी कर रही है. खेमासुली और शारिधा के बीच तैनात रेलवे के 12 लाइमैनों से पूछताछ की गई है. अधिकारियों का कहना है कि, ''माओवादी तभी जिम्मेदारी लेते हैं जब वह सुरक्षाकर्मियों को निशाना बनाते हैं. आम लोगों को मारने के बाद वह चुप्पी साध लेते हैं.''

पश्चिमी मिदनापुर में गुरुवार रात तेज रफ्तार ट्रेन ज्ञानेश्वरी एक्सप्रेस के 13 डिब्बे पटरी से उतर गए. थोड़ी देर बाद दूसरी ओर से आती मालगाड़ी ने ट्रेन की पांच बोगियों को टक्कर मारी, जिसके चलते हादसा और भीषण हो गया. मृतकों की संख्या अब भी बढ़ती जा रही है. अब तक 141 लोग जान गंवा चुके हैं. 200 से ज़्यादा घायलों में कई की स्थिति नाजुक बनी हुई है.

रिपोर्ट: एजेंसियां/ओ सिंह

संपादन: आभा मोंढे

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