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रेस ट्रैक पर डोपिंग का भूचाल

१५ जुलाई २०१३

सबसे तेज धावकों में शुमार अमेरिका के टायसन गे और जमैका के ओसाफा पॉवेल ड्रग टेस्ट में फेल हुए. ओलंपिक और वर्ल्ड चैंपियनशिप जैसे मुकाबलों में पदक जीतने वाले इन धावकों के पकड़ में आने के बाद डोपिंग पर बहस फिर तेज हुई.

तस्वीर: Reuters

अमेरिकी एंटी डोपिंग एजेंसी ने 30 साल के टायसन गे को बुलाकर ड्रग टेस्ट में फेल होने की जानकारी दी. उन्हें उसैन बोल्ट के बाद दुनिया का दूसरा सबसे तेज धावक कहा जाता है. ऐसी ही हैरानी से भरे नतीजे जमैका से भी आए. अपने चार हमवतनों के साथ दुनिया के चौथे तेज धावक पॉवेल भी ड्रग टेस्ट में पकड़े गए. उनके खून के नमूने जून में जमैकन चैंपियनशिप के दौरान लिए गए थे.

कहते हैं कि जमैका में फर्राटा धावकों की खेती होती है. वहीं की शेरॉन सिम्पसन भी ड्रग टेस्ट में फेल हो गई हैं. सिम्पसन ने बीते साल लंदन ओलंपिक में रिले रेस में स्वर्ण पदक जीता था. दोनों के खून से प्रतिबंधित डाइयूरिटिक मिले. डाइयूरेटिक एस्प्रिन जैसी दवा में भी होता है.

डोपिंग में इतने बड़े नाम के आने से अंतरराष्ट्रीय एथलेक्टिस में भूचाल आ गया. तीनों खिलाड़ियों ने खुद को बेकसूर बताया है. सोशल नेटवर्किंग साइट ट्विटर पर सफाई देते हुए पॉवेल ने कहा, "मैं अब भी और कभी भी धोखेबाज नहीं रहा." बोल्ट से पहले 100 मीटर फर्राटा का रिकॉर्ड पॉवेल के नाम ही था. उन्होंने दौड़ 9.74 सेकेंड में पूरी की थी. बोल्ट ने 2008 में यह रिकॉर्ड तोड़ा.

टायसन गेतस्वीर: AP

रिले रेस की एक्सपर्ट सिम्पसन ने कहा, "मैं जानबूझ कर कोई भी गैरकानूनी चीज नहीं लिया और न लूंगी."

अमेरिकी धावक टायसन गे ने तो साजिश की तरफ इशारा किया, "मेरे पास कोई मनगंढ़ंत कहानी नहीं है. कोई झूठ नहीं है. यह एक भूल है या फिर इसमें यूएसएडीए का हाथ है, कोई खेल खेल रहा है. मैंने किसी पर भरोसा किया और मुझे नीचा दिखाया गया." पिछले महीने ही 100 और 200 मीटर के अमेरिकी चैंपियन बने टायसन ने अब वर्ल्ड चैंपियनशिप से भी हाथ खींच लिया है. डोपिंग के खिलाफ उन्होंने ने अमेरिकी एंटी डोपिंग एजेंसी के 'माई विक्ट्री' नाम के अभियान में हिस्सा लिया था. अभियान का मकसद खेल और खिलाड़ियों की साफ छवि पेश करना था, लेकिन दाग यहीं से लग गए.

यूएसए ट्रैक एंड फील्ड के सीईओ मैक्स सीगल कहते हैं, "यह ऐसी खबर है, जिसे कोई नहीं सुनना चाहता. किसी भी समय, किसी भी एथलीट के बारे में." यूएसए ट्रैक एंड फील्ड के पूर्व सीईओ डग लोगान इसे खेलों के लिए 'सदमे से भरा एक दिन' कह रहे हैं. लोगान ने कुछ दिन पहले एक कॉलम लिखकर कहा था कि प्रदर्शन बढ़ाने वाली ड्रग्स के खिलाफ अभियान बंद कर देना चाहिए. उनके मुताबिक डोपिंग के खिलाफ नियम इतने कारगर नहीं हैं कि वे समस्या जड़ से खत्म कर दें. लोगान कहते हैं, "आए दिन डोपिंग के नए नए तरीके सामने आ रहे हैं, सच्चाई यही है कि लोग अपने शरीर को रिइंजीनियर करने या अच्छे से उबरने के लिए ऐसी चीजों का सहारा ले रहे हैं."

यह लगातार दूसरा साल है जब खेलों में डोपिंग के इतने बड़े मामले सामने आए हैं. बीते साल अमेरिका के दिग्गज साइक्लिस्ट लांस आर्मस्ट्रॉन्ग डोपिंग में फंसे. अगस्त 2012 तक वह आरोपों से इनकार करते रहे. दिसंबर तक एंटी डोपिंग एजेंसियों के खिलाफ अपील करने की बात कर रहे. लेकिन 2013 की शुरुआत में उन्होंने मान लिया कि वो डोपिंग में शामिल थे. ऑर्मस्ट्रॉन्ग से साइकिल के प्रतिष्ठित मुकाबले टूर डे फ्रांस के सभी सात पदक छीन लिए गए. अब अमेरिका का एक और जमैका के पांच धावक इसी मोड़ पर हैं.

ओएसजे/एजेए (एपी, रॉयटर्स, एएफपी)

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