भारत दुनिया के उन चुनिंदा देशों में से एक है जहां आज भी तीनों वक्त का खाना गर्म खाया जाता है और जहां रोटी भी ताजा ही बनाई जाती है. मां के हाथ ही रोटी का स्वाद तो सबको पसंद होता है लेकिन आज कल की भाग दौड़ की जिंदगी में उस स्वाद के लिए कई बार लोग तरस जाते हैं. खास कर अगर महिला और पुरुष दोनों ही कामकाजी हों, तो खाना पकाने का वक्त कम ही मिल पाता है.
इस समस्या से निपटने के लिए भारत में लोग रसोइये रख लेते हैं. लेकिन जो भारतीय विदेशों में रहते हैं, उनके पास यह विकल्प भी नहीं है. उन्हीं को ध्यान में रखते हुए यह रोटी बनाने वाला रोबोट तैयार किया गया है. इसे बनाने वाली कंपनी का दावा है कि उनकी मशीन आटा गूंथने से ले कर, पेड़े बनाने, बेलने और रोटी को सेंकने तक का सारा काम खुद ही कुछ मिनटों में कर लेती है. हालांकि इसके दाम को देख कर लगता नहीं है कि बहुत लोग इसे खरीदेंगे. एक रोटी मेकर के लिए एक हजार डॉलर यानि 65 हजार रुपये तक खर्च करने होंगे.
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फल और सब्जियां सेहत के लिए अच्छी होती हैं लेकिन अगर इन्हें लापरवाही से खाया या पकाया जाए तो शरीर को भारी नुकसान पहुंच सकता है. जानें, खाने की ऐसी चीजों को.
तस्वीर: Colourbox/J. Sapicएक सेब रोज, यह सलाह हर कोई देता है. लेकिन इसके बीज नहीं खाने चाहिए. सेब के बीज में एमिगडलिन होता है. पाचक रसों से मिलने पर यह हाइड्रोजन साइनाइड बना सकता है. इसीलिए बेहतर है कि सेब खाएं और उसके बीज नहीं.
तस्वीर: Fotolia/Mara Zemgalieteबहुत ही लंबे समय तक रखे गए आलू को खाने से बचें. आलू के अंकुर में विषैला ग्लाइकोएल्केलायड होता है. कच्चे और हरे आलू को भी न खाएं. उसमें सोलैनिन होता है जो सेहत के लिए अच्छा नहीं होता.
तस्वीर: International Potato Centerजापान में फुगु मछली को लजीज माना जाता है. लेकिन इसे पकाने में बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है. इस मछली के लिवर में टेट्रोडोटॉक्सिन होता है. यह साइनाइड से 1,200 गुना ज्यादा जहरीला होता है.
तस्वीर: picture alliance/Arco Imagesहरे टमाटर नहीं खाने चाहिए. इनमें भी सोलैनिन होता है. इसका सेवन करने से सिरदर्द और उल्टी की शिकायत हो सकती है.
तस्वीर: fotoliaइसकी चुटकी भर मात्रा नुकसान नहीं पहुंचाती. लेकिन अगर एक बार में चार ग्राम से ज्यादा जायफल खाया जाए तो नाक बहने और सिरदर्द होने की समस्या हो सकती है. असल में जायफल में एलेमिसिन, मिरिस्टिसिन और सैफरोल तत्व होते हैं जो नशीले भी होते हैं.
तस्वीर: Colourboxबहुत ज्यादा मात्रा में जंगली बादाम खाने से बचना चाहिए. ज्यादा सेवन से शरीर पर विषैला असर होता है. बादाम अगर कड़वा हो, तो ना खाएं.
तस्वीर: Fotoliaइसके कई फायदे हैं. लेकिन छोंक लगाने के लिए इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए. 180 डिग्री से ज्यादा गर्म होने पर ओलिव ऑयल के तत्व विषैले कपाउंड में बदलने लगते हैं.
तस्वीर: Fotolia/SunnySब्रेड कई प्रकार की होती है. इन्हें आटे या मैदे से बनाया जाता है. लेकिन गूंथे हुए मैदे पर खमीर चढ़ने के दौरान पोटेशियम ब्रोमेट बनता है. हालांकि ब्रेड बनाने के दौरान यह ब्रोमेट ब्रोमाइड में बदल जाता है. लेकिन अगर ब्रेड बनाने में सावधानी न बरती जाए तो ब्रोमेट बरकरार रहता है और ट्यूमर जैसी घातक बीमारी दे सकता है.
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