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रोनाल्डो की तिकड़ी, पुर्तगाल वर्ल्ड कप में

२० नवम्बर २०१३

फुटबॉल के दो धुरंधर खिलाड़ियों के मेगा मुकाबले में क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने बाजी मारी. करो या मरो के मुकाबले में रोनाल्डो ने तीन गोल दाग कर स्वीडन के हौसले पस्त कर दिए. स्वीडिश स्टार ज्लाटान इब्राहिमोविच के सपने चकनाचूर.

तस्वीर: picture-alliance/dpa

इसके साथ ही स्वीडन 2014 के वर्ल्ड कप से बाहर हो गया. टीम और उसके कप्तान इब्राहिमोविच अगले साल ब्राजील में होने वाला फुटबॉल विश्व कप बतौर दर्शक देखेंगे. मंगलवार रात खचाखच भरे स्टॉकहोम के स्टेडियम में पहला सन्नाटा हाफ टाइम के बाद पड़ा. पुर्तगाल ने जबरदस्त जवाबी हमला करते हुए सिर्फ दो टच में गेंद को सेंटर पार खड़े कप्तान रोनाल्डो तक पहुंचा दी. इसके बाद वही हुआ जिसके लिए 'रॉकेट' जाना जाता है. वो बिजली की तरह कड़के और स्वीडन के डिफेंडर और गोलकीपर को नौसिखुवा साबित करते हुए जाल तक पहुंच गए.

इस मुकाबले को रोनाल्डो बनाम इब्राहिमोविच कहा जा रहा था. इन दोनों खिलाड़ियों पर ही अपनी टीम को आगे ले जाने की जिम्मेदारी थी. मंगलवार रात ये साबित भी हुआ. रोनाल्डो के गोल के कुछ ही मिनटों बाद इब्राहिमोविच ने शानदार हेडर मार कर मुकाबला 1-1 की बराबरी पर ला दिया. इसके बाद इब्राहिमोविच फिर गरजे. पुर्तगाल के पेनाल्टी एरिया के पास मिली फ्री किक को उन्होंने शानदार गोल में बदल दिया. इसके साथ ही मेजबान टीम 2-1 से आगे हो गई. लेकिन रोनाल्डो भला कहां मानने वाले थे. बड़ी जीत के चक्कर में स्वीडन ने जो हमलावर रणनीति अपनाई उसका फायदा पुर्तगाल को मिला.

मैच खत्म होने से कुछ ही मिनट पहले रोनाल्डो ने इब्राहिमोविच की बढ़त को पहले बराबर किया और फिर हैट ट्रिक गोल ठोंक कर पुर्तगाल को 3-2 से जीत दिला दी. रोनाल्डो के तीनों गोल एक अंदाज के रहे. हर मौके पर उन्होंने स्वीडन के डिफेंडरों को अपनी रफ्तार और चपलता से पीछे छोड़ा और गोलपोस्ट पर अचूक हमले किए. हर गोल के बाद रोनाल्डो दर्शकों की तरफ गए और हाथों से इशारा करते हुए दर्शाने लगे कि ये फुटबॉल का मैदान उनका है. वहीं उदासी के बावजूद इब्राहिमोविच ने रोनाल्डो की हैट ट्रिक के सम्मान में ताली बजाई. मैच के पांचों गोल दूसरे हाफ में 29 मिनट के भीतर हुए. सिर्फ दो दिग्गज खिलाड़ियों ने पांचों गोल किए.

इससे पहले शुक्रवार को खेल गए फर्स्ट लेग के मुकाबले में भी पुर्तगाल ने स्वीडन को 1-0 से हराया था. लिस्बन में खेले गए उस मैच में भी रोनाल्डो ने डाइव खाते हुए हेड मारा और निर्णायक गोल किया. पहला मैच हारने के बाद स्वीडन पर दबाव था कि वो मंगलवार रात अपने मैदान पर पुर्तगाल को गोल न करने दे और खुद कम से कम दो गोल के अंतर से जीते. इस दबाव में स्वीडन बिखर गया.

तस्वीर: afp

सितारे की खामोश विदाई

मैच के बाद इब्राहिमोविच और रोनाल्डो ने एक दूसरे को गले लगाया. पुर्तगाली स्ट्राइकर रोनाल्डो ने इब्राहिमोविच को सांत्वना देने की कोशिश भी की. 32 साल के इब्राहिमोविच अब शायद ही वर्ल्ड कप में कभी खेल पाएं. रोनाल्डो ने माना कि इब्राहिमोविच को अगर टीम का साथ मिला होता तो मुकाबला बेहद कड़ा होता, "ज्लाटान गजब के खिलाड़ी हैं और जब आपको टीम से भी बढ़िया समर्थन मिले तो आप गजब का महसूस करते हैं."

मैच के बाद पुर्तगाल के टीवी चैनल से बात करते हुए रोनाल्डो ने कहा, "मैं जानता था कि पुर्तगाल को मेरी जरूरत है और मैंने दिखा दिया कि मैं मौजूद हूं." वहीं इब्राहिमोविच ने कहा, "पुर्तगाल ने बहुत अच्छा खेल दिखाया. रोनाल्डो को जवाबी हमले के तीन मौके मिले और उन्होंने तीनों को गोल में बदला. इसमें वह सर्वश्रेष्ठ हैं."

ओएसजे/ (एएफपी, रॉयटर्स)

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