55 साल लंबे अमेरिकी प्रतिबंधों के बावजूद क्यूबा ने लंग कैंसर की सबसे कारगर दवा विकसित कर ली है. सिमावैक्स नाम का यह इंजेक्शन कैंसर के इलाज में बड़ी खोज साबित हो रहा है. इसका दाम भी बेहद कम है.
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ज्यादातर देशों में कैंसर का इलाज फिलहाल सर्जरी और कीमोथैरेपी से किया जाता है. कुछ मामलों में सर्जरी से ट्यूमर कोशिकाएं हटाई जाती हैं. इसके बाद कीमोथैरेपी से ट्यूमर को मूल रूप से खत्म किया जाता है. लेकिन लंग कैंसर के लिए बनाया गया सिमावैक्स बिल्कुल अगल ढंग से इलाज करता है.
सिमावैक्स, फेफड़ों में कैंसर कोशिकाओं के विकास को पूरी तरह रोक देता है. इंजेक्शन में एपिडर्मल ग्रोथ फैक्टर (ईजीएफ) नाम का एक प्रोटीन होता है. ईजीएफ शरीर में कोशिकाओं के विकास के लिए जिम्मेदार होता है. यह शरीर में प्राकृतिक रूप से पाया जाता है. लेकिन ट्यूमर कोशिकाएं इस प्रोटीन के निर्माण को बहुत ज्यादा तेज कर देती हैं. इसके चलते तेजी से नई ट्यूमर कोशिकाएं बनने लगती हैं और शरीर में अनियंत्रित ढंग से कैंसर फैलने लगता है.
सिमावैक्स इंजेक्शन में ईजीएफ और अन्य तत्व हैं. दवा के खून में घुलते ही प्रतिरोधी तंत्र, ईजीएफ के बढ़ते असर के खिलाफ एंटीबॉडीज बनाने लगता है. इन एंटीबॉडीज की मदद से ट्यूमर का विकास बंद हो जाता है. दवा सीधे ट्यूमर कोशिकाओं पर हमला नहीं करती. लंग कैंसर के मरीजों को सिमावैक्स दे चुके डॉक्टरों के मुताबिक अब तक यह इंजेक्शन लेने वाले सारे मरीजों की हालत पहले से काफी बेहतर है.
किचन में कैंसर पैदा करने वाली चीजें
हमारे किचन में कई सारी ऐसी चीजें हर समय मौजूद रहती हैं जो हमें कैंसर भी दे सकती हैं. इनके बारे में जानकारी जरूरी है. यहां जानिए कौन सी हैं ये चीजें...
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मैदा
मैदे में सफेदी ब्लीच की प्रक्रिया के कारण आती है. यह ब्लीच क्लोरीन गैस से की जाती है. इसी ब्लीच का इस्तेमाल तरल रूप में कपड़ों के लिए भी किया जाता है. इससे ना सिर्फ इस सफेद आटे में से सारा पोषण धुल जाता है बल्कि कैंसर का खतरा भी बढ़ता है.
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नमकीन स्नैक
बहुत ज्यादा नमक वाले स्नैक से बचना चाहिए क्योंकि इनमें कैंसर पैदा करने वाले तत्व मौजूद होते हैं. चिप्स को कुरकुरा बनाए रखने के लिए निर्माता इसमें एक्रिलामाइड मिलाते हैं जो कि सिगरेट में भी पाया जाता है. इंटरनेशनल एजेंसी फॉर रिसर्च ऑन कैंसर के मुताबिक एक्रिलामाइड कैंसर पैदा करने वाली चीज मानी जाती है.
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वेजिटेबल ऑयल
सूर्यमुखी से प्राप्त वेजिटेबल ऑयल को देखने में अच्छा बनाने के लिए कई बार रंगाई की प्रक्रिया से गुजारा जाता है. इस तेल में ओमेगा 6 फैटी एसिड होता है जो स्वास्थ्य के लिए अच्छा है. लेकिन अगर अत्यधिक मात्रा में इस्तेमाल किया जाए तो ब्रेस्ट और प्रोस्टेट कैंसर का खतरा रहता है. ये नतीजे द जर्नल ऑफ क्लीनिकल इंवेस्टिगेशन में प्रकाशित किए गए.
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कार्बोनेटेड ड्रिंक्स
कोका कोला, पेप्सी और अन्य कार्बोनेटेड ड्रिंक्स में ना सिर्फ अत्यधिक चीनी होती है बल्कि बहुत सारा सोडियम भी होता है. इसके अलावा डायट सॉफ्टड्रिंक्स और भी हानिकारक होती हैं क्योंकि उनमें कृत्रिम स्वीटनर के इस्तेमाल के कारण सोडियम की मात्रा और भी ज्यादा होती है. अमेरिका के फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक मानव मस्तिष्क इन पेय पदार्थों के ऊपर अपनी निर्भरता विकसित कर लेता है.
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नॉन ऑर्गेनिक फल
इस तरह के फलों को पैदा करने के लिए इस्तेमाल में होने वाले पेस्टिसाइड और नाइट्रोजन फर्टिलाइजर शरीर के लिए हानिकारक हैं. न्यूकासल यूनिवर्सिटी के रिसर्चरों के मुताबिक इस तरह के फलों के नियमित इस्तेमाल से कैंसर का खतरा रहता है.
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रेड मीट
हल्की फुल्की मात्रा में रेड मीट का सेवन नुकसानदेह नहीं है, लेकिन उसकी अति नुकसान पहुंचाती है. यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया की एक स्टडी के मुताबिक रेड मीट में एक प्रकार का सिलिसिक एसिड होता है जिससे कैंसर हो सकता है.
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प्रोसेस्ड मीट
सॉसेज और कॉर्न्ड बीफ जैसी चीजें खाने में बेशक लजीज होती हैं लेकिन इनमें नमक और प्रिजर्वेटिव की बड़ी मात्रा होती है. प्रोसेस्ड या संसाधित मीट को तैयार करने में इस्तेमाल किया जाने वाला सोडियम नाइट्राइट कैंसर पैदा कर सकता है.
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हालांकि इस इंजेक्शन के इस्तेमाल से कैंसर की कोशिकाएं मरती नहीं हैं. वह जस की तस बनी रहती हैं, जिसके चलते मरीजों को बार बार सिमेवैक्स का इंजेक्शन लेना पड़ता है. लेकिन इसके बावजूद मरीजों के लिए यह बहुत बड़ी राहत है. कैंसर के मामलों में अक्सर ट्यूमर कोशिकाएं शरीर के एक हिस्से में जन्म लेती हैं और फिर दूसरे अंगों तक फैल जाती हैं. इसके चलते इलाज बहुत मुश्किल हो जाता है और आम तौर पर मरीजों की मौत हो जाती है.
2011 से क्यूबा में इस्तेमाल किए जा रहे सिमावैक्स इंजेक्शन को अब तक सिर्फ लंग कैंसर के रोगियों पर ही इस्तेमाल किया गया है. लेकिन दुनिया भर के रिसर्चरों को उम्मीद है कि सिमावैक्स कई और किस्म के कैंसर के खिलाफ कारगर हो सकता है. सिगार बनाने के लिए मशहूर क्यूबा से निकला सिमावैक्स कैंसर के इलाज में मील का पत्थर साबित हो रहा है.
सिमावैक्स की सफलता दिखा रही है कि फिदेल कास्त्रो का देश मेडिकल साइंस में आज भी बहुत आगे है. क्यूबा पर 55 साल तक यात्रा और कारोबारी प्रतिबंध लगाने वाला अमेरिका भी सिमावैक्स के ट्रायल को मंजूरी दे चुका है. 2009 में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने क्यूबा पर लगाए गए प्रतिबंधों में ढील देनी शुरू की. इसके बाद अमेरिका और क्यूबा के बीच बरसों से ठप पड़ा संवाद शुरू हुआ और पश्चिम को सिमावैक्स के बारे में पता चला.
एक बार सिमावैक्स इंजेक्शन लगाने का खर्च एक डॉलर है. क्यूबा में आम नागरिकों के लिए यह इंजेक्शन मुफ्त है. सिमावैक्स की सफलता के चलते अब कई देश इसे आजमाना चाहते हैं.
याद करके ये फल जरूर खाएं
आखिरी बार आपने सेब कब खाया था? फलों को लेकर अपने आप से यह सवाल कीजिए क्योंकि जो चीजें फलों में छुपी हैं वो तड़केदार खाने में नहीं मिलेंगी.
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आंवला
आंवला बेहद गुणकारी फल है. इसमें नींबू से 17 गुना ज्यादा विटामिन सी होता है. आंवला पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है, खून को साफ करता है और त्वचा एवं बालों का भी ख्याल रखता है. आंवला शरीर को ठंडा भी करता है.
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आड़ू
आड़ू में ज्यादातर जरूरी पोषक तत्व होते हैं. आड़ू तंत्रिकाओं और मांसपेशियों को फायदा पहुंचाता है. आड़ू के छिलके में एंटीऑक्सीडेंट और फाइबर भरे होते हैं.
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अनानास
अनानास, ब्रोमेलैन का खजाना है. ब्रोमेलैन एंटी इंफ्लेमैटरी एंजाइम है. यह सूजन और घाव के खिलाफ कारगर होता है. अनानास का नियमित सेवन हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा कम करता है.
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अंगूर
एंटीऑक्सीडेंट, पोटेशियम और आयरन, अंगूर इन सबसे भरा हुआ रसीला फल है. अंगूर मांसपेशियों में मरोड़ और एनीमिया के खिलाफ भी कारगर होता है.
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कीवी
विटामिन सी और ई से भरपूर कीवी कैंसर से बचाव कर सकता है. आंखों के लिए भी यह बहुत अच्छा फल है. इसमें कम कैलोरी होती है और बहुत ज्यादा फाइबर मौजूद रहता है.
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आम
फलों का रसीला राजा आम बीटा कैरोटीन से भरा होता है. बीटा कैरोटीन शरीर में दाखिल होने के बाद विटामिन ए में बदल जाता है और हड्डियों और प्रतिरोधी क्षमता को बेहतर बनाता है. आम से संतरे से ज्यादा विटामिन सी होता है.
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सेब
एक आम सेब में करीब 80 कैलोरी होती है लेकिन इस फल में भरपूर क्वेरटेसिन होता है. क्वेरटेसिन एक ताकतवर एंटीऑक्सीडेंट है जो मस्तिष्क की कोशिशकाओं को टूटने से रोकता है. नियमित एक सेब खाने वाले वयस्कों को हाई बीपी होने की संभावना कम होती है,
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अनार
अनार में पोटेशियम भरपूर होता है. 50 मिलीलीटर अनार का जूस रोज पीने से दिल फिट रह सकता है. लेकिन कुछ दवाओं के साथ यह रिएक्शन कर सकता है. दवा लेते वक्त डॉक्टर से जरूर इसकी जानकारी ले लें.
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केला
फाइबर और पोटेशियम से लबालब केला तुरंत ऊर्जा देता है. केले में कोई फैट या लवण नहीं होता. केला मांसपेशियों में जरूरी तरलता बनाये रखता है.
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ब्लूबेरी
ब्लूबेरी शरीर पर बढ़ती उम्र के असर को कम करती है. यह फल उम्र के साथ मांसपेशियों में होने वाले विघटन को धीमा करता है. दिमाग के लिए भी यह बहुत अच्छा फल है.