स्विट्जरलैंड के जेनेवा शहर में यूरोपीय फुटबॉल की शीर्ष एजेंसी के अध्यक्ष ने घोषणा की कि यूरो 2020 फुटबॉल चैंपियनशिप के क्वार्टर फाइनल मुकाबले जर्मनी के म्यूनिख, अजरबैजान की राजधानी बाकू और रूस के सेंट पीटर्सबर्ग और इटली की राजधानी रोम में खेले जाएंगे.
लंदन ने सेमीफाइनल और फाइनल के मुकाबले के लिए अपने प्रतिद्वंद्वी म्यूनिख को हरा कर कब्जा जमाया है. वोटिंग के पहले जर्मन फुटबॉल से जुड़े अधिकारियों ने संकेत दिए थे कि वह इंग्लैंड के लिए रास्ता छोड़ देंगे ताकि 2024 की यूरो चैंपियनशिप के जर्मनी में होने का रास्ता साफ हो पाए. यूरो चैंपियनशिप की 60वीं वर्षगांठ के मौके पर यूएफा ने पूरे महाद्वीप में मैच कराने का फैसला किया है. वर्ल्ड कप के बाद यूरो कप को फुटबॉल का सबसे बड़ा आयोजन माना जाता है. इसमें यूरोप की राष्ट्रीय टीमें हिस्सा लेती हैं. इससे पहले 2016 का यूरो कप फ्रांस में खेला जाएगा.
1960 में पहली बार यूरो कप आयोजित हुआ. क्वार्टर फाइनल के आयोजन के अलावा रोम, म्यूनिख, बाकू और सेंट पीटर्सबर्ग तीन ग्रुप स्तर के मैचों का भी आयोजन करेंगे. उन्हीं मेजबानों को इसके लिए चुना गया जिनके स्टेडियमों में 60,000 दर्शकों की क्षमता है. कोपेनहेगन, बुखारेस्ट, एम्सटडर्म, डबलिन, बिलबाओ, बुडापेस्ट, ब्रसेल्स, ग्लासगो अंतिम 16 के एक एक मैचों की मेजबानी करेंगे.
लंदन, म्यूनिख, रोम, ब्रसेल्स या ग्लोसगो के पास बड़े खेल आयोजन कराने का अनुभव है. इन्होंने अपने यहां विश्व कप, यूरो या चैंपियंस लीग कराए हैं. लेकिन यह पहली बार है कि बाकू, बुडापेस्ट या बुखारेस्ट बड़े खेल आयोजन की मेजबानी करेंगे. 2020 के यूरो कप के लिए बाकू और बुडापेस्ट में अब तक स्टेडियम बनाने का काम शुरू नहीं हुआ है.
इस मौके पर प्लातीनी ने कहा, "यह ऐतिहासिक क्षण है क्योंकि हम चैंपियनशिप यूरोप के हर देश में कराएंगे और खास कर ऐसे देशों में जिन्हें कभी ऐसी चैंपियनशिप की मेजबानी का मौका नहीं मिलता."
एए/एजेए (एपी, एएफपी)
ग्रेट ब्रिटेन का देश स्कॉटलैंड आजाद भले न हो रहा हो लेकिन वहां हुए जनमत संग्रह से वह अचानक सुर्खियों में आ गया है. देखते हैं उससे जुड़ी 11 अहम बातें.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/dpaweb/S. Görlichएक सींग वाला काल्पनिक जानवर. यह कोई असली जानवर नहीं लेकिन स्कॉटिश संस्कृति में इसे लेकर कई कहानियां हैं. यह 12वीं सदी से ही रॉयल स्कॉटिश बैज में इस्तेमाल हो रहा है.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/U. Gerigदेश की राजधानी एडिनबरा पूर्वी हिस्से में है लेकिन यह शहर आम तौर पर ज्यादा चर्चा में नहीं रहता. स्कॉटलैंड का सबसे बड़ा शहर ग्लासगो है, पर देश की संसद राजधानी एडिनबरा में ही है.
तस्वीर: picture-alliance/dpaएडिनबरा में हर साल कला का सबसे बड़ा मेला लगता है, जिसे फ्रिंज कहते हैं. यह 25 दिनों तक चलता है. इस दौरान 25000 शो होते हैं और 200 जगहों पर इसका आयोजन होता है. राजधानी में इसके लिए हर साल सबसे ज्यादा पर्यटक पहुंचते हैं.
तस्वीर: Danny Lawson/PA Wire/picture alliance/empicsहाल के दिनों में साहित्य जगत में सबसे ज्यादा चर्चा जेके रॉलिंग की हैरी पॉटर की रही. लेकिन स्कॉटलैंड में हमेशा बड़े साहित्यकार हुए हैं. इनमें डॉक्टर जैकेल एंड मिस्टर हाइड के आरएल स्टीवेन्सन और महान कवि रॉबर्ट बर्न्स भी शामिल हैं.
तस्वीर: Lisa Maree Williams/Getty Imagesसिनेमा पर भी कुछ बड़े स्कॉटिश सितारे छाए रहे हैं. शॉन कॉनरी ने लगभग दो दशक तक जेम्स बॉन्ड का किरदार निभाया है और जान जोखिम में डाल कर अपना हर मिशन पूरा किया है. इवान मैकग्रेगर, रॉबी कॉल्ट्रेन, जेम्स मैकएवॉय और जेरार्ड बटलर भी कुछ चुनिंदा नाम हैं.
तस्वीर: AFP/GettyImagesएंडी मरे ने साल 2013 में ग्रेट ब्रिटेन के लिए 77 साल में पहली बार विम्बलडन जीता. जाहिर बात है कि जब वह हारते हैं, तो स्कॉटिश हो जाते हैं और जीतते हैं तो ब्रिटिश. लेकिन मरे हाल के दिनों में ब्रिटेन के सबसे बड़े टेनिस खिलाड़ी बन कर उभरे हैं.
तस्वीर: Julian Finney/Getty Imagesइस देश में अल्कोहल का रिवाज है. वे अपने पड़ोसी देशों से ज्यादा अल्कोहल पीते हैं. जाहिर सी बात है कि इसकी वजह से लोगों की सेहत पर खराब असर पड़ता है और ग्लासगो के कुछ हिस्सों में तो लोगों का जीवन काल देश के दूसरे हिस्सों से बहुत कम है.
तस्वीर: Getty Imagesहाल की एक रिसर्च बताती है कि स्कॉलैंड के लोग यूरोप के अंदर सबसे जहीन होते हैं. पूरे देश में 15 यूनिवर्सिटी हैं. प्रिंस विलियम ने सेंट एड्रयूज यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की है. वहीं उनकी मुलाकात केट मिडिलटन से हुई, जो बाद में उनकी पत्नी बनीं.
तस्वीर: picture-alliance/dpaदुनिया में सबसे ज्यादा लाल बाल वाले लोगों का अनुपात स्कॉटलैंड में ही रहता है. माना जाता है कि इस देश में सूरज की रोशनी पर्याप्त नहीं मिल पाती है. स्कॉटलैंड के 15 फीसदी लोगों के लाल बाल हैं.
तस्वीर: picture-alliance/dpaब्रिटेन की मुद्रा यानि पाउंड रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड ही छापती है. इससे भ्रम भी हो जाता है कि कहीं स्कॉटिश पाउंड और ब्रिटिश पाउंड अलग तो नहीं. स्कॉटलैंड के दूर दराज इलाकों में तो कई बार दुकानदार ब्रिटिश पाउंड लेने से भी मना कर देते हैं.
तस्वीर: Jeff J Mitchell/Getty Imagesइंग्लैंड के सम्राट हैड्रियन ने लगभग 2000 साल पहले स्कॉट्स से बचने के लिए यह दीवार बनवाई थी. भला हो कि स्कॉटिश लोगों ने अलग होने का फैसला नहीं किया, वर्ना यह दीवार दोनों देशों की सीमा बन जाती.
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