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लंबी है जर्मनी में महिला अधिकारों की लड़ाई

१३ नवम्बर २०१८

जर्मनी में महिलाओं को मताधिकार मिले 100 साल पूरे हो गए हैं. लेकिन आज भी कई मुद्दों पर उन्हें अपने हक के लिए संघर्ष करना होता है. चांसलर अंगेला मैर्केल का कहना है कि महिलाओं के अधिकार की लड़ाई में रुकावट नहीं आनी चाहिए.

Festakt 100 Jahre Frauenwahlrecht
तस्वीर: Imago/M. Heine

पिछले दिनों बर्लिन के एक कार्यक्रम में जर्मनी की चांसलर अंगेला मैर्केल ने कहा, ''आज अगर कोई छोटी बच्ची कहती है कि वह मंत्री या जर्मनी का चांसलर बनना चाहती है तो कोई उस पर हंसता नहीं है.'' इसके बाद उन्होंने हंसते हुए कहा, ''मैंने तो यह भी सुना है कि कुछ बच्चे यह सोचते हैं कि क्या पुरुष भी चांसलर बन सकते हैं. यकीनन जर्मनी की नई पीढ़ी ने मैर्केल के अलावा किसी और को चांसलर के तौर पर देखा ही नहीं है.

जर्मनी में महिलाओं को मताधिकार मिले 100 साल पूरे हो गए हैं. यहां के हिस्ट्री म्यूजियम के प्रांगण के हर कोने में महिलाओं के मताधिकार की बात करने वाली महिलाओं की तस्वीरें मिल जाएंगी. इनमें एलिजाबेथ जेल्बर्ट, मारी युखाच, हेलेने लांगे और हेलेने वेबर प्रमुख हैं. महिलाओं को मताधिकार मिलने के 100 वर्ष पूरे होने पर हुए कार्यक्रम में महिलाओं के हक की बात कही गई. इन नेत्रियों की तस्वीरों से याद दिलाया गया कि कितना कुछ पिछली सदी में हो गया है और कितना कुछ किया जाना बाकी है.

इस मौके पर मैर्केल ने कहा, ''लक्ष्य है कि समाज के हर इलाके में महिला और पुरुष के बीच समानता हो.'' आम लोगों को यह लगता है कि महिला चांसलर होने के नाते जर्मनी में लैंगिक समानता है, लेकिन 13 साल तक जर्मनी की कमान संभालने वाली मैर्केल भी यह मानती हैं कि महिलाओं के हक की लड़ाई में उनके कई लक्ष्य पूरे नहीं हो पाए.

मैर्केल कहती हैं कि सफलता मिलने के बावजूद विफलताओं को स्वीकार नहीं किया जाना चाहिए. 2017 के जर्मन चुनाव के बाद संसद में महिलाओं की संख्या कम होकर 20 साल पुराने स्तर पर पहुंच गई. महिला सांसदों की संख्या 31 फीसदी के नीचे आ गई. जर्मनी के सभी 16 राज्यों की विधान सभाओं में भी महिलाओं की संख्या कम है. कुल मेयरों में से मात्र 18 फीसदी महिलाएं हैं.

राजनीति के अलावा दूसरे क्षेत्रों में भी जर्मन महिलाओं को ऊंचे पद पर जाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है. आज भी जर्मनी में महिला और पुरुषों के बीच वेतन का अंतर औसतन 21 फीसदी तक है.

फ्रांसिस्का गिफाईतस्वीर: DW/K. Brady

जर्मन संसद में पहुंचीं 219 महिला सांसदों में से एक और महिला एवं परिवार मंत्री फ्रांसिस्का गिफाई का कहना है कि जर्मनी की आबादी का आधा हिस्सा महिलाएं हैं. आबादी का प्रतिनिधित्व करने वाली संसद और समितियों में भी महिलाओं को आधा हिस्सा मिलना चाहिए. गिफाई ने कहा कि लैंगिक समानता लाने के लिए जर्मनी को अभी लंबा रास्ता तय करना है. 

एसपीडी नेता फ्रांसिस्का गिफाई का कहना है कि आज भी महिलाओं को समान काम और समान वेतन, नौकरी और परिवार के बीच तालमेल और हिंसा के खिलाफ सुरक्षा के लिए आवाज उठानी पड़ा रही है. वह कहती हैं, ''महिलाएं कुछ भी कर सकती हैं. उनके हक की लड़ाई जारी है.'' 

केट ब्रैडी/वीसी

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