केंद्र सरकार और आरबीआई ने आर्थिक संकट से गुजर रहे लक्ष्मी विलास बैंक पर प्रतिबंध लगा दिए हैं. साथ ही आरबीआई ने बैंक का नियंत्रण अपने हाथ में ले लिया है और बैंक को सिंगापुर के डीबीएस बैंक के साथ विलय का आदेश दिया है.
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पंजाब और महाराष्ट्र को-ऑपरेटिव बैंक और यस बैंक के बाद एक साल में गहरे वित्तीय संकट से घिर जाने वाले यह तीसरा बैंक है. आरबीआई की सलाह पर सरकार ने प्रतिबंध लगाया है कि बैंक के खाताधारक एक महीने में 25,000 रुपयों से ज्यादा नहीं निकाल पाएंगे. मंगलवार को आरबीआई ने बैंक के बोर्ड का नियंत्रण अपने हाथों में ले लिया और कैनरा बैंक के पूर्व नॉन-एग्जिक्यूटिव चेयरमैन टी एन मनोहरन को बैंक का एडमिनिस्ट्रेटर नियुक्त कर दिया.
लक्ष्मी विलास बैंक की स्थापना 1926 में तमिल नाडु में हुई थी और यह 1958 में शिड्यूल्ड कमर्शियल बैंक बना. बीते कुछ सालों में इसकी वित्तीय हालत खराब होती गई. एनपीए यानी ऐसे लोन जिन्हें लोन लेने वालों ने वापस नहीं चुकाया बढ़ते गए और बैंक का घाटा भी बढ़ता गया.
लगभग दो साल से बैंक खुद को बचाने की कोशिशें कर रहा था, लेकिन अब जाकर आरबीआई को हस्तक्षेप करना ही पड़ा. यह पहली बार है जब केंद्रीय बैंक ने किसी भारतीय बैंक को विदेशी मूल वाले किसी दूसरे बैंक के साथ विलय का आदेश दिया है. डीबीएस बैंक सिंगापुर का सबसे बड़ा बैंक है और भारत में उसकी एक स्थानीय इकाई है.
इसके पहले लक्ष्मी विलास बैंक के बोर्ड ने इंडियाबुल्स हाउसिंग फाइनेंस कंपनी के साथ विलय का प्रस्ताव दिया था, जिसे आरबीआई ने ठुकरा दिया था. उसके बाद बैंक ने क्लिक्स कैपिटल लिमिटेड नामक कंपनी से भी विलय का प्रस्ताव रखा था, लेकिन आरबीआई ने उसे भी मंजूरी नहीं दी.
अब सरकार और आरबीआई के हस्तक्षेप और प्रस्तावित विलय के बाद की संभावनाओं को लेकर बैंक के खाताधारक और शेयरधारक दोनों चिंतित हो गए हैं. जानकारों का कहना है कि प्रस्तावित विलय के बाद लक्ष्मी विलास बैंक की अपनी पहचान, जमापूंजी, ऋण, घाटे इत्यादि सब समाप्त हो जाएंगे.
जानकारों का कहना है कि इसके बावजूद बैंक में जमा खाताधारकों की पूंजी सुरक्षित है और प्रतिबंधों के अंत होने पर वह उन्हें मिल जाएगी. हालांकि जानकारों का अनुमान है कि शेयरधारकों को बड़ा नुकसान उठाना पड़ेगा.
आरबीआई ने बताया कि बीते 11 वित्तीय वर्षों में सामने आए धोखाधड़ी के 53,334 मामलों में बैंकों को 2050 अरब रुपये का चूना लगा. सबसे ज्यादा धोखाधड़ी आईसीआईसीआई बैंक के साथ हुई लेकिन सबसे ज्यादा नुकसान पंजाब नेशनल बैंक को हुआ.
तस्वीर: Getty Images/AFP/P. Paranjpe
आईसीआईसीआई बैंक
आईसीआईसीआई बैंक में धोखाधड़ी के सबसे ज्यादा 6,811 मामले सामने आए, जिसके सहारे 50 अरब रुपये की चपत लगाई गई.
तस्वीर: Getty Images/AFP//T. Clary
भारतीय स्टेट बैंक
भारत के सबसे बड़े कर्जदाता भारतीय स्टेट बैंक में धोखाधड़ी के 6,793 मामले सामने आए, जिसके सहारे उसे 237 अरब रुपये का चूना लगाया गया.
तस्वीर: Reuters/R.D. Chowdhuri
एचडीएफसी बैंक
एचडीएफसी बैंक में धोखाधड़ी के 2,497 मामले सामने आए. बैंक को 12 अरब रुपये का चूना लगाया गया.
तस्वीर: Reuters/J. Dey
बैंक ऑफ बड़ौदा
बैंक ऑफ बड़ौदा ने 2,160 धोखाधड़ी के मामलों की रिपोर्ट की. इसमें 129 अरब रुपये की हेराफेरी की गई.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Nath
पंजाब नेशनल बैंक
एचडीएफसी बैंक में धोखाधड़ी के 2,047 मामले सामने आए. बैंक को 287 अरब रुपये का चूना लगाया गया.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Qadri
एक्सिस बैंक
एक्सिस बैंक में धोखाधड़ी के 1,944 मामले दर्ज किए गए. बैंक को 53 अरब रुपये का चूना लगाया गया.
तस्वीर: Getty Images/AFP/I. Mukherjee
बैंक ऑफ इंडिया
बैंक ऑफ इंडिया में धोखाधड़ी के 1,872 मामले दर्ज किए गए. बैंक से 123 अरब रुपये हड़पने की कोशिश की गई.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/R. Kakade
सिंडिकेट बैंक और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया
सिंडिकेट बैंक में धोखाधड़ी के 1,783 मामले दर्ज किए गए. बैंक के 58 अरब रुपये हड़पने की कोशिश की गई. सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया में धोखाधड़ी के 1,613 मामले सामने आए. इसकी कुल रकम 90 अरब रुपये है.
तस्वीर: UNI India
आईडीबीआई और स्टैंडर्ड चार्टर्ड बैंक
आईडीबीआई में 59 अरब रुपये के 1.264 मामले और स्टैंडर्ड चाटर्ड बैंक में 12 अरब रुपये के 1,263 धोखाधड़ी के मामले सामने आए.
तस्वीर: Imago/Hindustan Times/R. K. Raj
केनरा बैंक, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, कोटक महिंद्रा बैंक
केनरा बैंक में 55 अरब के 1,254 मामले, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में 118 अरब रुपये के 1,244 और कोटक महिंद्रा में 4 अरब के 1,213 मामले सामने आए.
तस्वीर: DIBYANGSHU SARKAR/AFP/Getty Images
ये भी हुए शिकार
इंडियन ओवरसीज बैंक में 1,115 मामले, ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स में 1040, यूनाइटेड बैंक ऑफ इंडिया में 944, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर में 395, स्टेट बैंक ऑफ पटियाला में 386, पंजाब एंड सिंध बैंक में 276 मामले दर्ज किए गए.
तस्वीर: Reuters/A. Verma
यहां भी धोखाधड़ी
यूको बैंक में 1081, तमिलनाडु मर्केंटाइल बैंक लिमिटेड में 261 और लक्ष्मी विलास बैंक लिमिटेड में धोखाधड़ी के 259 मामले सामने आए.
तस्वीर: picture-alliance/AP Photo/A. Qadri
विदेशी बैंक के साथ भी धोखाधड़ी
अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्पोरेशन, सिटी बैंक, एचएसबीसी लिमिटेड और रॉयल बैंक ऑफ स्कॉटलैंड पीएलसी के साथ भी धोखाधड़ी के मामले सामने आए. (रिपोर्ट-रवि रंजन)