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ललित भनोट और वीके वर्मा गिरफ्तार

२३ फ़रवरी २०११

कॉमनवेल्थ खेल घोटाले की जांच कर रही सीबीआई ने पूछताछ के बाद आयोजन समिति के पूर्व महासचिव ललित भनोट और वरिष्ठ अधिकारी वीके वर्मा को गिरफ्तार किया. समिति के मुखिया रहे सुरेश कलमाड़ी भी गिरफ्तार हो सकते हैं.

घोटाले भरे खेलतस्वीर: AP

स्विस टाइम कीपिंग कंपनी को मिले 107 करोड़ रूपये के ठेके के मामले में सीबीआई ने बुधवार सुबह इन भनोट और वर्मा से पूछताछ की. इसके बाद उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया. ललित भनोट पर सीबीआई ने आईपीसी की धारा 120 बी के तहत आपराधिक साजिश रचने और धारा 420 के तहत धोखाधड़ी का आरोप लगाया है. इसके अलावा भ्रष्टाचार निरोधक अधिनियम के तहत भी कई आरोप लगे हैं. इस मामले में स्विस कंपनी और अज्ञात लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आयोजन समिति के पूर्व अध्यक्ष सुरेश कलमाड़ी की भी जल्दी ही गिरफ्तारी हो सकती है.

पिछले साल सीबीआई ने दिल्ली में भनोट और वर्मा के घर समेत 11 जगहों पर छापेमारी की थी. इसमें संयुक्त महानिदेशक आरके सचेटी और वरिष्ठ अधिकारी संगीता वेलिंगकर के घर और दफ्तर भी शामिल हैं. सीबीआई का दावा है कि इन छापों में बड़ी मात्रा में आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद हुए हैं. सीबीआई प्रवक्ता ने बताया, "ऐसे आरोप हैं कि इन अधिकारियों ने अपने पद का दुरूपयोग किया. इन लोगों ने स्विट्जरलैंड की कंपनी और अज्ञात लोगों के साथ मिल कर आपराधिक साजिश रची और ठेका देने के लिए सरकार को धोखा दिया. स्विस कंपनी से समय, स्कोर और नतीजे बताने वाली मशीनों की खरीदारी के लिए 107 करोड़ रूपये का सौदा किया गया जिससे सरकार को भारी नुकसान हुआ."

कॉमनवेल्थ घोटाले से देश को करोड़ों की चपत लगीतस्वीर: AP

सीबीआई अधिकारी ने बताया कि ठेके के विज्ञापन में जान बूझ कर ऐसी शर्तें रखी गईं जिन्हें सिर्फ यही कंपनी पूरा कर सकती थी. सीबीआई अधिकारी के मुताबिक इसी तरह से प्रस्ताव का अनुरोध जारी करते वक्त, "1 अक्टूबर 2009 को प्रस्ताव के लिए अनुरोध जारी किया गया जिसे तीन दिन बाद ही मनमाने तरीके से बदल कर ऐसा बनाया गया कि दूसरी कंपनियां उसके लिए प्रस्ताव भेज ही न सकें. इसके जवाब में दो प्रस्ताव हासिल हुए लेकिन स्पेन की कंपनी के प्रस्ताव को गलत तरीके से हटा दिया गया."

उधर भनोट और वर्मा का कहना है कि पूरी प्रक्रिया को आयोजन समिति के कार्यकारी बोर्ड ने मंजूरी दी थी. भनोट ने सफाई देते हुए कहा, "जो भी फैसले लिए गए वे बोर्ड ने लिए और उसमें सरकार के सदस्यों के अलावा अलग अलग फेडरेशन के सदस्य भी शामिल थे."

रिपोर्टः एजेंसियां/एन रंजन

संपादनः ए कुमार

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