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ललित मोदी ने मीटिंग का ब्यौरा मांगा

२५ जुलाई २०१०

आईपीएल के निलंबित कमिश्नर ललित मोदी ने बीसीसीआई की अनुशासन कमेटी से उस बैठक में हुई बातचीत का ब्यौरा मांगा है, जो उन्हें सस्पेंड किए जाने के बाद गवर्निंग काउंसिल और बीसीसीआई की स्पेशल जनरल बॉडी के अधिकारियों के बीच हुई.

आक्रामक हो गए हैं मोदीतस्वीर: AP

हाल ही में बॉम्बे हाई कोर्ट ने ललित मोदी की अर्जी खारिज करते हुए उन्हें राहत देने से इनकार कर दिया था. उसके बाद ललित मोदी आक्रामक तरीके से मामले से निपट रहे हैं.

कमेटी को भेजी एक अर्जी में मोदी ने क्रिकेट बोर्ड और सोनी-एमएसएम के बीच हुए नए समझौते की एक प्रति भी मांगी है. मोदी के वकील महमूद आबदी ने बताया, “हमने कुछ कागजात मांगे हैं. जिस तरह पूरे मामले पर कार्रवाई आगे बढ़ रही है, ऐसे में ये कागजात महत्वपूर्ण हैं. इन्हीं कागजात के आधार पर अनुशासन कमेटी और उसका आधिकारिक दायरा तय होता है.”

आब्दी ने कहा, “जो कागजात हमने मांगे हैं उनका हमारे ऊपर काफी असर हो सकता है इसलिए उन तक हमारी पहुंच बेहद जरूरी है. बोर्ड को हमें ये कागजात देने चाहिए क्योंकि इनका मुख्य मुद्दे पर (ललित मोदी को हटाकर चिरायु अमीन को चेयरमैन बनाना) असर पड़ेगा. इस मुद्दे पर कमेटी को 27 जुलाई को होने वाली मीटिंग में फैसला करना है.“

ललित मोदी ने अपनी अर्जी में इन कागजात को मांगने के पीछे की वजहों को विस्तार से बताया है. सोनी-एमएसएम और बोर्ड के बीच हुए समझौते की प्रति के बारे में उन्होंने कहा है कि बोर्ड ने बॉम्बे हाई कोर्ट में दिए हलफनामे में कहा है कि डब्ल्यूएसजी-बीसीसीआई के समझौते को रद्द करके सोनी-एमएसएम के साथ समझौता करने का फैसला गवर्निंग काउंसिल ने ही लिया था.

मोदी ने लिखा है कि नए समझौते के जरिए बोर्ड ने यह साबित करना चाहा है कि उनके कामों से बोर्ड को 8 करोड़ डॉलर का नुकसान हुआ. उन्होंने लिखा है कि इसलिए 24 जून 2010 को हुई मीटिंग का सिलसिलेवार ब्यौरा और 25 जून को सोनी-एमएसए के साथ हुए समझौते की प्रति हमें दी जाए.

रिपोर्टः एजेंसी/वी कुमार

संपादनः ए जमाल

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