'लश्कर ए तैयबा अल कायदा जितना ही खतरनाक'
२८ मई २०११![](https://static.dw.com/image/5323762_800.webp)
नापोलितानो ने कहा, "मुझे लगता है कि एलईटी अल कायदा और बाकी आतंकी संगठनों जितना ही खतरनाक है. एक ऐसा संगठन जो आम जनता को नुकसान पहुंचाना चाहता है और मासूम लोगों की जान लेता है. अमेरिका की नजर में एलईटी एक ऐसा संगठन है जो अल कायदा के बराबर का है." अमेरिका की गृह मंत्री जैनेट नापोलितानो ने भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में यह बात कही.
भारत का दावा है कि लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी) और पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई ने 2008 मुंबई हमलों की साजिश रची थी. इसमें कुल 166 लोग मारे गए थे जिनमें 6 अमेरिकी भी थे.
भारत के गृह मंत्री पी चिदंबरम ने पाकिस्तान को 'वैश्विक आतंकी गतिविधियों का केंद्र' बताते हुए अमेरिका से सुरक्षा सहयोग बढ़ाने की बात कही है ताकि आतंकी हमलों से बचने के लिए प्रभावी कदम उठाए जा सकें. भारत और अमेरिका के बीच आंतरिक सुरक्षा पर शुरू हुई बातचीत में दोनों ही देशों ने आतंकवाद को रोकने के लिए कई कदम उठाने के बारे में चर्चा की. इस साझीदारी के तहत दोनों देश खुफिया जानकारी भी साझा करेंगे.
चिदंबरम ने कहा, "हमारे सहयोग के तहत चुनौतियों के सभी पहलू शामिल होने चाहिए. धमकियों का अंदाजा लेना, स्थिति का जायजा लेते हुए प्रभावी और तेज कार्रवाई करना या फिर इस तरह के हमलों को रोकने के लिए पहले ही कदम उठाना."
पाकिस्तानी मूल के अमेरिकी नागरिक डेविड कोलमैन हेडली ने शिकागो की अदालत में बताया कि उसका लश्कर और आईएसआई के साथ संपर्क था. नापोलितानो ने कहा कि अमेरिका मुंबई हमलों की जांच में भारत को सहयोग दे रहा है और भारतीय जांचकर्ताओं को हेडली से पूछताछ की आगे इजाजत देगा. उन्होंने कहा, "अमेरिका ने भारत को गवाह से पूछताछ की पूरी छूट दी थी और जब केस पूरा हो जाएगा तो एक बार फिर पूछताछ की इजाजत दी जाएगी. यह एक मिसाल है कि किस तरह दो देश सहयोग कर रहे हैं."
रिपोर्टः पीटीआई/आभा एम
संपादनः ए कुमार