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लश्कर ए तैयबा से दक्षिण एशिया में आतंकवाद का खतरा बढ़ा

Priya Esselborn२९ अप्रैल २०११

अमेरिका के एक टॉप आतंकवाद निरोधी अधिकारी का कहना है कि इस्लामी संगठन लश्कर ए तैयबा से दक्षिण एशिया में आतंकवादी हमले का खतरा और बढ़ गया है.

तस्वीर: AP

'अल कायदा और संबंधित संगठनों' के बारे में बात करते हुए डैनियल बेन्जामिन ने कहा कि अल कायदा के मुख्य नेता अब भी पाकिस्तान में हैं. अमेरिकी विदेश मंत्रालय में आतंकवाद निरोधी दफ्तर में काम कर रहे बेन्जामिन कहते हैं, "हालांकि मैं उसे (अल कायदा से) संबंधित संगठन नहीं कहूंगा, इसके बावजूद कि उसकी(लश्कर ए तैयबा) विचारधारा काफी मिलती है. लश्कर ए तैयबा एक बड़ा गुट है जिसके पास काफी सारे हथियार हैं, जो तकनीकी क्षमता रखता है. उससे पूरे दक्षिण एशिया में आतंकवादी हमलों का खतरा बढ़ जाता है."

उन्होंने कहा कि पाकिस्तान इस वक्त एक से ज्यादा आतंकवादी संगठनों से जूझने की क्षमता रखता है जो पाकिस्तान में अलग अलग जगहों पर निशाना साधते हैं. "तहरीक ए तालिबान इसी तरह का संगठन है. हम पाकिस्तान से कह रहे हैं कि वह इस गुट के खिलाफ कार्रवाई करे और बाकी देशों को लश्कर ए तैयबा के खतरों के बारे में बताए और उन्हें उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहे."

बेन्जामिन ने कहा कि अमेरिका और पाकिस्तान की साझी कार्रवाई से अल कायदा पर काफी दबाव पड़ा है. उन्होंने कहा कि इस वजह से अल कायदा इस इलाके में बाकी आतंकवादी गुटों के साथ संबंध बना रहा है. इनमें तहरीक ए तालिबान और हक्कानी नेटवर्क शामिल है. अल कायदा अपने कामों के लिए इनसे भी मदद ले सकता है.

बेन्जामिन के मुताबिक सबको पता है कि आतंकवादी अब भी पाकिस्तान के कबायली इलाकों का इस्तेमाल कर रहे हैं. पाकिस्तानी सेना ने इन इलाकों से आतंकवादियों को बाहर निकालने की कोशिश की है. बेन्जामिन ने कहा कि अमेरिका पाकिस्तानी सरकार के साथ करीबी तौर पर काम कर रहा है. इनमें पाकिस्तानी पुलिस के लिए खास प्रशिक्षण और आतंकवाद निरोधी ट्रेनिंग भी शामिल है.

रिपोर्टः पीटीआई/एमजी

संपादनः उभ

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