एयर एशिया के लापता विमान का संभावित मलबा दिखाई देने के बाद खोजी दलों को लाशें भी मिलीं. इस बीच समुद्र से 40 लाशें निकाल ली गई हैं. इंडोनेशिया से सिंगापुर जा रहा विमान रविवार को बोर्नो द्वीप के पास लापता हो गया था.
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नौसेना के एक प्रवक्ता ने कहा है कि लाशों को बुंग टोमो युद्धपोत पर लाया गया है. मलबों और लाशों को निकालने का काम अभी चल रहा है. अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की है कि जावा सागर में मिला मलबा रविवार को लापता एयरएशिया विमान का है. इंडोनेशिया की विमानन एजेंसी के प्रमुख जोको मुरजातमोजो ने बताया, "इस बात की पुष्टि की जा सकती है कि यह एयरएशिया का विमान है."
अधिकारियों के मुताबिक ये लाशें जावा समुद्र में उस जगह से करीब 10 किलोमीटर दूर मिली हैं जहां से विमान क्यूजेड 8501 और एयर ट्रैफिक कंट्रोल का अंतिम बार संपर्क हुआ था. इससे पहले खोजी दल को समुद्र में लाल और सफेद रंग का मलबा दिखाई दिया जिसके एयर एशिया के संभावित मलबा होने की बात कही जा रही है. पानी में यात्रियों का कुछ सामान और एक लाइफ जैकेट दिखाई दी है.
राष्ट्रीय खोज एवं बचाव दल के निदेशक एसबी सुप्रियादी ने बताया कि जो लाशें पानी से निकाली गई हैं उनपर लाइफ जैकेट नहीं थीं. उन्होंने बताया कि निकाली गई लाशें सूज गई हैं लेकिन मृत शरीर सुरक्षित हैं. एयर एशिया समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी टोनी फर्नांडिस ने कहा, "क्यूजेड 8501 से संबंधित परिवारों के लिए मेरा दिल बहुत दुखी है. एयर एशिया की तरफ से मेरी सहानुभूति उनके साथ है. शब्द बयान नहीं कर सकते कि मैं कितना दुखी हूं."
दो दिन से खोज जारी
इंडोनेशिया के सुराबाया से सिंगापुर जा रहा विमान रविवार को 162 यात्रियों के साथ उड़ान भरने के दो घंटे बाद लापता हो गया था. लापता होने से पहले बोर्नो द्वीप के पास विमान ने कंट्रोल रूम से खराब मौसम के कारण रास्ता बदलने की अनुमति मांगी थी. विमान से किसी आपातकालीन स्थिति की जानकारी नहीं दी गई थी.
विमान की खोज में इंडोनेशिया के 30 नौसैनिक पोत और 21 विमान लगे हुए हैं. इसके अलावा सिंगापुर, मलेशिया, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया और अमेरिका के नौसैनिक पोत विमान की खोज में मदद कर रहे हैं. पहले विमान के समुद्र तल में होने की आशंका जताई जा रही थी. इंडोनेशियाई टेलीविजन पर पानी में तैरता मृत शरीर और लाइफ जैकेट की तस्वीरें दिखाई गईं हैं. इसके साथ ही यात्रियों का इंतजार कर रहे परिजनों का हौसला टूट गया.
साल का तीसरा हवाई हादसा
एयरबस ए 320 जहाज का इंजन सीएमएफ इंटरनेशनल कंपनी ने बनाया था. कंपनी के सहमालिक जनरल इलेक्ट्रिकल्स के प्रवक्ता ने बताया कि इस विमान के इंजन को रियल टाइम में मॉनिटर नहीं किया जा सकता था. उस तरह का सिस्टम लंबी फ्लाइटों में इस्तेमाल होता है. इनकी मदद से एयरलाइंस और जांचकर्ताओं को कोई गड़बड़ होने पर पता चल जाता है.
इससे पहले मार्च में मलेशियन एयरलाइंस के एमएच370 के लापता होने की घटना हुई थी. जुलाई में मलेशियन एयरलाइंस का एक और विमान एमएच17 यूक्रेन के ऊपर से गुजरते समय गिरा दिया गया. इस इलाके में विमान दुर्घटनाओं की यह इस साल तीसरी घटना है जिसने उड्डयन उद्योग पर असर डाला है. इलाके के यात्रियों में हवाई यात्राओं को लेकर शंका है.
एसएफ/एमजे (रॉयटर्स/एपी)
2014 के विमान हादसे
2014 के खत्म होते होते एक और विमान हादसे का शिकार हो गया. 28 दिसंबर को इंडोनेशिया के सुरबाया शहर से सिंगापुर जा रहा विमान रडार से गायब हो गया. पिछले साल की कुछ बदकिस्मत विमान यात्राओं पर एक नजर.
तस्वीर: picture-alliance/dpa/Pleul
कोई संपर्क नहीं
इंडोनेशिया के सुरबाया से 27 दिसंबर को एयर एशिया का विमान क्यूजेड 8501 सिंगापुर के लिए निकला. लेकिन उड़ान के 40 मिनट बाद ही विमान का कंट्रोल टॉवर से संपर्क टूट गया. विमान में कुल 162 लोग सवार थे. दो दिन बाद जावा सागर में विमान का मलबा मिला.
तस्वीर: Reuters/E. Nuraheni
जावा सागर में लापता
ए320-200 के लापता होने के पहले पायलट ने खराब मौसम में विमान उड़ाने की कोशिश की और कंट्रोल टॉवर से रास्ता बदलने के लिए इजाजत मांगी थी. तलाशी अभियान इंडोनेशियाई द्वीप बांग्का बेलितुंग और जावा सागर के बीच केंद्रित है. एयर एशिया के विमान के लापता होने से एक बार फिर एमएच 370 की याद ताजा हो गई.
तस्वीर: Aditya/AFP/Getty Images
777 त्रासदी
साल 2014 में मलेशिया एयरलाइंस के दो बोइंग 777 हादसे के शिकार हुए. इनमें से एक अब भी लापता है. क्वालालम्पुर से बीजिंग के लिए निकले बोइंग 777 में चालक दल के 12 सदस्यों समेत 239 लोग सवार थे. इनमें ज्यादातर चीनी नागरिक थे. आखिरी रेडियो संदेश के बाद विमान रडार से गायब हो गया. ऐसी आशंका जताई जाती है कि विमान हिंद महासागर में डूब गया.
तस्वीर: cc-by-sa/Laurent Errera/L'Union
विमानन इतिहास का रहस्य
एमएच 370 विमान को क्या हुआ? यह विमानन इतिहास का अब तक का सबसे बड़ा रहस्य है. क्या विमान में कोई तकनीकी खराबी थी? या फिर विमान का अपहरण हो गया? या फिर पायलट ने खुदकुशी कर अपने साथ सभी यात्रियों की जान ले ली? 2014 में ऐसी तमाम अटकलें लोग लगाते रहे.
तस्वीर: Getty Images
कहां है मलबा?
सैटेलाइट तस्वीरों में समुद्र में कई बार मलबे दिखाई पड़े लेकिन जिन चीजों को जहाज का मलबा माना गया वह हर बार कुछ और ही निकला. लापता एमएच 370 को ढूंढने के लिए समुद्री जहाजों से लेकर लड़ाकू विमानों का भी सहारा लिया गया लेकिन नतीजा कुछ भी नहीं निकला.
तस्वीर: picture-alliance/dpa
यूक्रेन संघर्ष में मारे गए मासूम
17 जुलाई को मलेशिया एयरलाइंस का एक और बोइंग 777 दुर्घटनाग्रस्त हो गया. विमान को संभवतः युद्धग्रस्त पूर्वी यूक्रेन में मार गिराया गया था. उड़ान संख्या एमएच 17 में कुल 298 लोग सवार थे. विमान एम्सटरडम से क्वालालम्पुर जा रहा था.
तस्वीर: Reuters
मलबे की खोज में मुश्किलें
एमएच 17 के मलबे को खोजने और इकट्ठा करने के काम काफी मुश्किलें आईं. पूर्वी यूक्रेन में रूस समर्थक विद्रोहियों ने जांचकर्ताओं को घटनास्थल तक पहुंचने और हादसे के तुरंत बाद जांच से करने से रोका.
तस्वीर: Reuters
देर से मिला ब्लैक बॉक्स
हादसे के पांच दिन बाद विद्रोहियों ने ब्लैक बॉक्स को मलेशिया के प्रतिनिधियों को सौंपा. शुरूआती जांच में ऐसे संकेत हैं कि एमएच 17 को जमीन से हवा में मार करने वाली मिसाइल ने मार गिराया था. यह पता नहीं कि हादसा विद्रोहियों या रूसी सेना या फिर यूक्रेनी सेना की तरफ से हुई गलती का नतीजा था.
तस्वीर: Reuters
रास्ता बदला और तबाही
24 जुलाई को बुर्किना फासो से अल्जीरिया जा रहा जहाज हादसे का शिकार हो गया. इस विमान में सवार सभी 118 लोग मारे गए. हादसे के पहले पायलट ने कंट्रोल टॉवर से तूफान के मद्देनजर रास्ता बदलने की इजाजत मांगी थी.
तस्वीर: cc-by-sa/Dura-Ace/curimedia
नेपाल में हादसा
16 फरवरी को नेपाल एयरलाइंस की फ्लाइट 183 हादसे का शिकार हो गई. विमान में सवार सभी 18 लोग मारे गए थे.
तस्वीर: Armin Sekhavatpour
तूफान से हादसा
23 जुलाई को ट्रांसएशिया एयरवेज 222 की फ्लाइट ताइवान के पेंघु द्वीप में उतरने से पहले तूफानी मौसम के कारण विमान इमारतों से जा टकराया. हादसे में 48 लोगों की मौत हो गई.